अयोध्या: पड़ोसी देश नेपाल के जनकपुर से चली शालिग्राम शिलाएं बुधवार की रात करीब 9:45 बजे श्री राम की नगरी अयोध्या की सीमा में दाखिल हुई. जहां पर सरयू पुल से जैसे ही शिलाएं नगर की तरफ प्रवेश के लिए मुड़ीं साकेत पेट्रोल पंप के पास मौजूद संतों और राम भक्तों ने फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया. राम भक्तों ने उत्साह में जय श्रीराम के नारे लगाए और जमकर आतिशबाजी भी की. इसके बाद यात्रा कारसेवक पुरम की तरफ रवाना हो गई है. जहां पर इन दोनों शिलाओं को रखा जाएगा. 2 फरवरी की सुबह 10:00 बजे से इनको राम नगरी अयोध्या के साधु-संतों और सभी राम भक्तों के दर्शनार्थ रखा जाएगा.
नेपाल सरकार ने उपहार में दी हैं शिलाएं: अयोध्या में चल रहे हैं भव्य राम मंदिर निर्माण के बीच भगवान राम लला की प्रतिमा निर्माण के लिए पड़ोसी देश नेपाल की काली गंडक नदी से ये शालिग्राम शिलाएं लाई गई हैं. जनकपुर के जानकी मंदिर के महंत परमेश्वर दास के निवेदन पर नेपाल सरकार ने इन शिलाओं को भारत को उपहार स्वरूप देने का निर्णय किया था. इसके बाद बीते 26 जनवरी को नेपाल से ये शिलाएं आज अपने गंतव्य स्थल राम नगरी अयोध्या पहुंच गई हैं. इस सफर में नेपाल से लेकर अयोध्या तक हजारों स्थानों पर इन शिलाओं का दर्शन और स्वागत श्रद्धालुओं ने किया है.
2 फरवरी भक्तों के दर्शनार्थ रखी जाएंगी शिलाएं: अयोध्या के कारसेवक पुरम परिसर में इन शिलाओं को रखा जाएगा. जहां 2 फरवरी की सुबह 10:00 बजे से श्रद्धालु इन शिलाओं का दर्शन पूजन आरती कर सकेंगे. इन शिलाओं के प्रयोग के बारे में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि नेपाल के जानकी मंदिर के महंत ने उपहार स्वरूप इन शिलाओं का दान किया है. जिनसे रामलला की प्रतिमा निर्माण की योजना है. हालांकि अभी देश के प्रसिद्ध मूर्तिकार यह तय करेंगे कि इन पत्थरों से प्रतिमा का निर्माण सकुशल किया जा सकता है या नहीं. इस पर अंतिम निर्णय आना बाकी है. वैष्णव संप्रदाय में शालिग्राम पत्थर विशेष पूजनीय है. इसलिए प्रबल संभावना है कि इन्हीं पत्थरों से रामलला की भव्य प्रतिमा का निर्माण हो सकता है.
बता दें कि शिलाओं को लेकर करीब 500 लोग अयोध्या आए हैं. जिनमें प्रमुख रूप से विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष जीवेश्वर मिश्र, राजेंद्र सिंह पंकज, नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री, जनकपुर के महंत भी शामिल हैं. सभी के स्वागत सत्कार और रात्रि भोजन और विश्राम की व्यवस्था कारसेवक पुरम परिसर अयोध्या में की गई है. यात्रा में शामिल श्रद्धालु और राम भक्त अयोध्या वासियों के इस जोरदार स्वागत से अभिभूत हैं.