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'सुरक्षा के लिहाज से भारत को सेशेल्स जैसे द्वीप देशों के महत्व का एहसास'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सेशेल्स के राष्ट्रपति वावेल रामकालावन को 100 करोड़ की लागत से बना गश्ती जहाज सौंपा. वहीं इस पूरे मामले पर एक विशेषज्ञ का मानना ​​है कि सुरक्षा के लिहाज से भारत को सेशेल्स जैसे द्वीप देशों के महत्व का एहसास है.

गश्ती जहाज सौंपा
गश्ती जहाज सौंपा
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Published : Apr 8, 2021, 8:59 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सेशेल्स के राष्ट्रपति वावेल रामकालावन ने संयुक्त रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सेशेल्स में नए मजिस्ट्रेट कोर्ट भवन का उद्घाटन किया. 100 करोड़ की लागत से बना गश्ती जहाज सौंपा. भारत ने सेशेल्स को 1 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र भी सौंपा.

ये भवन अनुदान सहायता के साथ निर्मित सेशेल्स में भारत की पहली प्रमुख नागरिक बुनियादी ढांचा परियोजना है. मजिस्ट्रेट कोर्ट एक कला भवन है, जो सेशेल्स के लोगों की न्यायिक प्रणाली और न्यायिक सेवाओं के बेहतर वितरण में सहायता करने की क्षमता में काफी वृद्धि करेगा.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोहराया कि भारत और सेशेल्स हिंद महासागर के पड़ोस में एक मजबूत और महत्वपूर्ण साझेदार हैं. उन्होंने कहा, 'सेशल्स भारत के लिए 'सागर' की विशिष्टता और क्षेत्र में सभी के विकास का केंद्र है.'

प्राथमिकता सूची में हैं द्वीप देश

इसके साथ ही भारत की द्वीप कूटनीति ने गति पकड़ी. ये देश की विदेश नीति में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है. 2015 में सेशेल्स की अपनी पहली यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ठीक ही कहा था कि 'ये क्षेत्र भारत की सुरक्षा और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है. भारत संबंधों को मजबूत करने के लिए इसे सर्वोपरि महत्व देता है.' तब से भारत ने द्वीप देशों को अपनी प्राथमिकता सूची में रखा है.

एक विशेषज्ञ का मानना ​​है कि भारत को सुरक्षा और वास्तुकला दोनों लिहाज से सेशेल्स जैसे द्वीप देशों के महत्व का एहसास है.

सेंटर फॉर चाइना एनालिसिस एंड स्ट्रैटेजी की रिसर्च एसोसिएट नम्रता हसीजा का कहना है कि मलक्का जलडमरूमध्य से लेकर अफ्रीकी तटों तक आईओआर में खुद को मजबूत करने के लिए भारत ने पड़ोस से पूरे क्षेत्र तक अपनी सैन्य क्षमता का विस्तार किया है. कोरोना महामारी और चीन के बढ़ते दबाव के मद्देनजर भारत, श्रीलंका, मालदीव, मॉरीशस और सेशेल्स लिट्टोरल राज्यों के साथ अधिक जुड़ाव रखेगा.

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि हिंद महासागर दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में रहेगा. दुनिया का 75% से अधिक समुद्री आदान-प्रदान और रोज का 50% तेल क्षेत्र इसी से चलता है.

इसको देखते हुए भारत हिंद महासागर को स्थिर और शांत रखना पसंद करेगा. जहां से चाहें आर्थिक और सैन्य बदलाव होने पर चीन से खतरे की आशंका है. हसीजा ने कहा कि चीन ने नई मीडिया प्रसारण सुविधा और सिनहाइड्रो ग्रुप लिमिटेड द्वारा निर्मित ला गोग डैम प्रोजेक्ट के निर्माण से देश में लगातार विकास किया है.

भारत को सुरक्षा के लिहाज से सेशेल्स जैसे द्वीप देशों के महत्व का एहसास है. यही कारण है कि वह अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहा है.

पढ़ें- भारत सेशल्स के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा : प्रधानमंत्री मोदी

सेशेल्स में अक्टूबर 2020 के चुनावों के बाद वावेल रामकालावन के जीतने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बातचीत है. द्वीप राष्ट्र, सेशेल्स हिंद महासागर क्षेत्र के लिए भारत की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है. भारत ने फिर दोहराया है कि वह सेशेल्स की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है.

सेशेल्स के राष्ट्रपति ने कहा कि सेशेल्स और भारत जल्द ही राजनयिक संबंधों की औपचारिक स्थापना की 45 वीं वर्षगांठ मनाएंगे. भारत से हमें जो समर्थन मिला है, उसने सेशेल्स के सामाजिक-आर्थिक विकास में बहुत योगदान दिया है.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सेशेल्स के राष्ट्रपति वावेल रामकालावन ने संयुक्त रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सेशेल्स में नए मजिस्ट्रेट कोर्ट भवन का उद्घाटन किया. 100 करोड़ की लागत से बना गश्ती जहाज सौंपा. भारत ने सेशेल्स को 1 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र भी सौंपा.

ये भवन अनुदान सहायता के साथ निर्मित सेशेल्स में भारत की पहली प्रमुख नागरिक बुनियादी ढांचा परियोजना है. मजिस्ट्रेट कोर्ट एक कला भवन है, जो सेशेल्स के लोगों की न्यायिक प्रणाली और न्यायिक सेवाओं के बेहतर वितरण में सहायता करने की क्षमता में काफी वृद्धि करेगा.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोहराया कि भारत और सेशेल्स हिंद महासागर के पड़ोस में एक मजबूत और महत्वपूर्ण साझेदार हैं. उन्होंने कहा, 'सेशल्स भारत के लिए 'सागर' की विशिष्टता और क्षेत्र में सभी के विकास का केंद्र है.'

प्राथमिकता सूची में हैं द्वीप देश

इसके साथ ही भारत की द्वीप कूटनीति ने गति पकड़ी. ये देश की विदेश नीति में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है. 2015 में सेशेल्स की अपनी पहली यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ठीक ही कहा था कि 'ये क्षेत्र भारत की सुरक्षा और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है. भारत संबंधों को मजबूत करने के लिए इसे सर्वोपरि महत्व देता है.' तब से भारत ने द्वीप देशों को अपनी प्राथमिकता सूची में रखा है.

एक विशेषज्ञ का मानना ​​है कि भारत को सुरक्षा और वास्तुकला दोनों लिहाज से सेशेल्स जैसे द्वीप देशों के महत्व का एहसास है.

सेंटर फॉर चाइना एनालिसिस एंड स्ट्रैटेजी की रिसर्च एसोसिएट नम्रता हसीजा का कहना है कि मलक्का जलडमरूमध्य से लेकर अफ्रीकी तटों तक आईओआर में खुद को मजबूत करने के लिए भारत ने पड़ोस से पूरे क्षेत्र तक अपनी सैन्य क्षमता का विस्तार किया है. कोरोना महामारी और चीन के बढ़ते दबाव के मद्देनजर भारत, श्रीलंका, मालदीव, मॉरीशस और सेशेल्स लिट्टोरल राज्यों के साथ अधिक जुड़ाव रखेगा.

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि हिंद महासागर दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में रहेगा. दुनिया का 75% से अधिक समुद्री आदान-प्रदान और रोज का 50% तेल क्षेत्र इसी से चलता है.

इसको देखते हुए भारत हिंद महासागर को स्थिर और शांत रखना पसंद करेगा. जहां से चाहें आर्थिक और सैन्य बदलाव होने पर चीन से खतरे की आशंका है. हसीजा ने कहा कि चीन ने नई मीडिया प्रसारण सुविधा और सिनहाइड्रो ग्रुप लिमिटेड द्वारा निर्मित ला गोग डैम प्रोजेक्ट के निर्माण से देश में लगातार विकास किया है.

भारत को सुरक्षा के लिहाज से सेशेल्स जैसे द्वीप देशों के महत्व का एहसास है. यही कारण है कि वह अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहा है.

पढ़ें- भारत सेशल्स के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा : प्रधानमंत्री मोदी

सेशेल्स में अक्टूबर 2020 के चुनावों के बाद वावेल रामकालावन के जीतने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बातचीत है. द्वीप राष्ट्र, सेशेल्स हिंद महासागर क्षेत्र के लिए भारत की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है. भारत ने फिर दोहराया है कि वह सेशेल्स की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है.

सेशेल्स के राष्ट्रपति ने कहा कि सेशेल्स और भारत जल्द ही राजनयिक संबंधों की औपचारिक स्थापना की 45 वीं वर्षगांठ मनाएंगे. भारत से हमें जो समर्थन मिला है, उसने सेशेल्स के सामाजिक-आर्थिक विकास में बहुत योगदान दिया है.

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