ETV Bharat / bharat

सेवोके-रंगपो रेल लाइन सिक्किम के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी : केंद्रीय मंत्री

author img

By

Published : Nov 22, 2021, 4:14 PM IST

केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे (Union Minister of State for Railways Raosaheb Patil Danve) ने कहा कि पश्चिम बंगाल व सिक्किम के बीच रेलवे संपर्क (Railway connectivity between West Bengal and Sikkim) हिमालयी राज्य में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा (promote socio-economic development) देगा.

Sevoke
Sevoke

सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) : केंद्रीय मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे (Union Minister Raosaheb Patil Danve) ने कहा कि सेवोके-रंगपो रेल लाइन (Sevoke-Rangpo rail line ) सिक्किम के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा (promote socio-economic development) देगी. दानवे ने सेवोके में सुरंग खोदने के काम का निरीक्षण किया और रेलवे के अधिकारियों से बातचीत की.

मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि केंद्र का लक्ष्य है कि 2023 तक पश्चिम बंगाल में सेवोके और सिक्किम में रंगपो के बीच रेलवे लाइन का काम हो जाए. यह हिमालयी राज्य में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा. रेल संपर्क से माल ढुलाई आसान हो जाएगी.

यह भी पढ़ें-संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, पीएम मोदी भी हो सकते हैं शामिल

इस 52 किलोमीटर लंबी लाइन (52 km long line) में छह स्टेशन होंगे. इसे शुरू में 2015 तक पूरा हो जाना था लेकिन दुर्गम क्षेत्र और भूमि संबंधित बाधाओं के कारण इसमें विलंब हो रहा है. रेल लाइन का निर्माण 2009 में तब शुरू हुआ था जब ममता बनर्जी रेल मंत्री थीं. वह अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं. परियोजना की अनुमानित लागत 1300 करोड़ रुपये से बढ़कर पांच हजार करोड़ रुपये हो गई है.

(पीटीआई-भाषा)

सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) : केंद्रीय मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे (Union Minister Raosaheb Patil Danve) ने कहा कि सेवोके-रंगपो रेल लाइन (Sevoke-Rangpo rail line ) सिक्किम के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा (promote socio-economic development) देगी. दानवे ने सेवोके में सुरंग खोदने के काम का निरीक्षण किया और रेलवे के अधिकारियों से बातचीत की.

मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि केंद्र का लक्ष्य है कि 2023 तक पश्चिम बंगाल में सेवोके और सिक्किम में रंगपो के बीच रेलवे लाइन का काम हो जाए. यह हिमालयी राज्य में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा. रेल संपर्क से माल ढुलाई आसान हो जाएगी.

यह भी पढ़ें-संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, पीएम मोदी भी हो सकते हैं शामिल

इस 52 किलोमीटर लंबी लाइन (52 km long line) में छह स्टेशन होंगे. इसे शुरू में 2015 तक पूरा हो जाना था लेकिन दुर्गम क्षेत्र और भूमि संबंधित बाधाओं के कारण इसमें विलंब हो रहा है. रेल लाइन का निर्माण 2009 में तब शुरू हुआ था जब ममता बनर्जी रेल मंत्री थीं. वह अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं. परियोजना की अनुमानित लागत 1300 करोड़ रुपये से बढ़कर पांच हजार करोड़ रुपये हो गई है.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.