अगरतला: त्रिपुरा के सिपाहीजला जिले के धनपुर विधानसभा क्षेत्र में सोमवार को माकपा और भाजपा समर्थकों के बीच हुए लड़ाई में कई लोग घायल हो गए.
जानकारी के मुताबिक इस झड़प में भारतीय जनता पार्टी के करीब 12 कार्यकर्ताओं के घायल होने की सूचना मिली है. जिनमें से 3 गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि भाजपा-आईपीएफटी सरकार के सत्ता में आने के बाद वाम दलों का यह पहला बड़ा प्रदर्शन था. स्थानीय सूत्रों के अनुसार, विपक्ष के नेता माणिक सरकार पार्टी के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए धनपुर गए थे.
जैसे ही उनका काफिला पांच से छह किलोमीटर दूर बाशपुकुर इलाके में पहुंचा, वैसे ही भाजपा समर्थकों की भारी भीड़ ने उनको प्रवेश करने से रोक दिया. इसके बाद, पुलिस को सूचित किया गया. मौके पर पहुंचे पुलिस के आलाधिकारियों ने सरकार को आगे नहीं जाने का सुझाव दिया. उन्होंने सुझाव दिया कि आपके आगे जाने से कानून-व्यवस्था बिगड़ जाएगी.
वहीं, सीपीआईएम के बयान के अनुसार सरकार ने पुलिस की सलाह की सलाह नहीं मानी और उनकी सुरक्षा को सख्त करने को कहा. इसी दौरान सैकड़ों सीपीआईएम कार्यकर्ता लाठी-डंडों से लैस होकर मौके पर इकट्ठे हो गए और सरकार को घेर लिया. वामपंथी कार्यकर्ताओं ने सरकार की सुरक्षा के लिए एक सुरक्षा कवच का निर्माण किया और एक रैली शुरू की. वामपंथी कार्यकर्ताओं ने सरकार की सुरक्षा के लिए एक सुरक्षा कवच का निर्माण किया और एक रैली शुरू की.
इसी बीच, समर्थकों के बीच हिंसक टकराव शुरू हो गया. पार्टी के झंडे उखाड़ दिए गए, घरों, मोटरसाइकिलों और दुकानों में तोड़फोड़ की गई और घायल बारह भाजपा समर्थकों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. इसके बाद सरकार ने धनपुर बाजार में एक जनसभा को संबोधित किया. सरकार ने 'गुमराह करने वालों' को रोकने में माकपा कार्यकर्ताओं की भूमिका की सराहना की और राज्य के अन्य हिस्सों के कार्यकर्ताओं से उनके लिए प्रेरणा लेने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि आप शो के हीरो हैं.
इस बीच, भाजपा ने हिंसा पर तीखी प्रतिक्रिया की और कहा कि यह पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार के अलावा किसी और द्वारा सुनियोजित और सुनियोजित साजिश का एक हिस्सा है. उन्होंने कहा कि यह सभी के लिए आंखें खोलने वाला था कि सीपीआईएम और माणिक बाबू किस नीचे जा सकते हैं. बस सत्ता हासिल करने के लिए, सीपीआईएम राज्य में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रही है और भाजपा सत्ता में होने के कारण ऐसा कभी नहीं होने देगी.
मंत्री सुशांत चौधरी ने कहा कि हमारा संगठन भी उन्हें उसी भाषा में जवाब देने में सक्षम है, लेकिन लोकतंत्र में दृढ़ विश्वास रखने वाली एक जिम्मेदार पार्टी होने के नाते, हमारे कार्यकर्ता खुद हिंसा में शामिल नहीं हुए. वहीं, कल 8 सितंबर को भाजपा इस घटना की निंदा करते हुए एक विशाल विरोध रैली का आयोजन करने जा रही है.