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मिलिए 70 साल के रनर नायडू से, रोज लगाते हैं 10 से 15 किमी की दौड़ - बस्तर के रनर नायडू

70 साल के टीपी नायडू बस्तर पुलिस के रोल मॉडल और ब्रांड एंबेसडर हैं. वह एक चर्चित धावक हैं. हाल ही में उन्होंने छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में हुए हॉफ मैराथन दौड़ में रिकॉर्ड भी बनाया है. विस्तार से जानिए कौन हैं रनर नायडू.

रनर नायडू
रनर नायडू
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Published : Mar 17, 2021, 10:51 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ के बस्तर में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी समय-समय पर बस्तर में प्रतिभा उभर कर सामने आती है. हमेशा से ही बस्तर के शहरी और ग्रामीण अंचल के युवाओं ने प्रदेश का नाम रोशन किया है. लेकिन इन युवाओं के बीच ऐसे धावक भी हैं, जो युवाओं के साथ-साथ बुजुर्गों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं.

इनका नाम टीपी नायडू है. टीपी नायडू 70 साल के हैं. बस्तर पुलिस के रोल मॉडल और ब्रांड एंबेसडर भी हैं. टीपी नायडू बस्तर के एक चर्चित धावक हैं. हाल ही में नारायणपुर में हुए हॉफ मैराथन दौड़ में एक घंटे 57 मिनट में अपनी 21 किलोमीटर की दौड़ समाप्त करने की ख्याति प्राप्त करने वाले टीपी नायडू बस्तर संभाग में अपनी पहचान बना चुके हैं.

रनर नायडू

जगदलपुर शहर से लगे ग्राम पंचायत आड़ावाल में रहने वाले 70 साल के रिटायर शिक्षक के जज्बे जुनून और उनके जोश को हर कोई सलाम करता है. बेहद गरीबी में पले बढ़े टीपी नायडू पढ़ाई में अव्वल होने के साथ-साथ खेल में भी उन्हें काफी रुचि थी. यही वजह है कि उन्होंने अपनी 42 साल की शिक्षक की नौकरी में एक अच्छे शिक्षक बनने के साथ-साथ छात्रों के लिए खेल शिक्षक बनकर उनमें छिपी प्रतिभा को निखारा.

रोज 10 से 15 किलोमीटर की दौड़
सुबह सूरज उगने से पहले उठने वाले टीपी नायडू हर दिन करीब 10 से 15 किलोमीटर दौड़ लगाते हैं. ताकि उनका शरीर फिट रहे. इसके अलावा शाम होते ही 10 किलोमीटर वह साइकिल चलाते हैं. टीपी नायडू ने बताया कि वे हर रोज सुबह 4 बजे उठते हैं. 5 बजते ही दौड़ लगाने चले जाते हैं. उनकी फिटनेस का मुख्य राज सुबह जल्दी उठना है. उठते ही वो करीब 2 लीटर पानी भी पीते हैं. अपने शरीर को चुस्त-दुरुस्त भी रखते हैं.

बस्तर में रनर नायडू के नाम से फेमस
टीपी नायडू ने बताया कि बस्तरवासी उन्हें रनर नायडू के नाम से जानते हैं. कई बार नेशनल लेवल पर वेटरन एथलेटिस में प्रतिभागी बनकर कई मेडल हासिल कर चुके हैं. जम्मू कश्मीर से लेकर बेंगलुरु, मुंबई और मध्य प्रदेश में हुए नेशनल एथलेटिक्स गेम्स में बकायदा उन्होंने मेडल लाकर बस्तर का नाम रोशन किया है. वे कहते हैं कि इंसान की व्यस्थता उसे मस्त बनाती है, और स्वस्थ रखती है. 70 साल की उम्र में उन्हें कभी किसी तरह की कोई बीमारी नहीं हुई. अपने दिनचर्या का खास ख्याल रखने की वजह से वे शहर में होने वाले हर आयोजन में हिस्सा लेते हैं. खासकर हर साल हाफ मैराथन दौड़ में शामिल होते हैं. यही वजह है कि हर बार तेज रफ्तार में दौड़ कर अपने 21 किलोमीटर की दूरी तय करने वाले टीपी नायडू लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं.

नेशनल एथलेटिक्स में बने बस्तर टीम के लीडर
जम्मू में हुए नेशनल एथलेटिक्स के दौरान उन्हें बस्तर जिले से टीम लीडर बनाया गया था. उनके नेतृत्व में 22 प्रतिभागियों ने 48 मेडल जीते थे. जिसमें गोल्ड मेडल, रजत पदक शामिल हैं. उनका कहना है कि जहां नए जमाने में युवा अपनी सेहत की चिंता छोड़ स्मार्टफोन में व्यस्त रहते हैं. उनकी कोशिश रहती है कि हर आयोजन में वे शामिल होकर युवाओं को खेलकूद के लिए प्रोत्साहित करते रहें. केवल मैराथन ही नहीं बल्कि, सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के आयोजित किये गए 5 किलोमीटर की दौड़ में भी उन्होंने 22 मिनट में ही दौड़ को पूरा कर लिया था. इसके अलावा बस्तर पुलिस के हर एक आयोजन में टीपी नायडू की मौजूदगी रहती है. यही वजह है कि बस्तर पुलिस ने 2021 मैराथन दौड़ में उन्हें ब्रांड एंबेसडर बनाया है.

ग्रामीण इलाके के युवाओं के लिए करना है काम : टीपी नायडू
उनका कहना है कि युवाओं को अपने खानपान में खास ध्यान देने के साथ ही चुस्त-दुरुस्त रहने की जरूरत है. बस्तर के ग्रामीण क्षेत्रों में युवा अपने सेहत पर विशेष ध्यान देते हैं. लेकिन जिला प्रशासन ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं की प्रतिभा को निखार नहीं पाते हैं. यही वजह है कि ग्रामीण क्षेत्र के युवा पीछे रह जाते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने एक लक्ष्य बनाया है कि ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा एथलेटिक्स और अन्य खेलों के लिए ट्रेनिंग देने के साथ ही प्रोत्साहित करना है. ताकि वे नेशनल और इंटरनेशनल खेलो में हिस्सा लेकर बस्तर के साथ-साथ प्रदेश का भी नाम रोशन करें.

टीपी नायडू को पत्नी करतीं हैं प्रोत्साहित
टीपी नायडू के चुस्त-दुरुस्त और उन्हें सेहतमंद रखने के लिए उनकी पत्नी गंगा भवानी नायडू अहम भूमिका निभाती हैं. गंगा नायडू का कहना है टीपी नायडू युवाओं को खेल के प्रति जागरूक करते हैं. उन्हें बेहद खुशी होती है, जब आसपास के लोग और बस्तर के लोग उन्हें रनर टीपी नायडू कहते हैं. वह सबके लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं. उनका कहना है कि युवाओं को भी उनके पति से प्रेरित होना चाहिए. अपने शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए नियमित रूप से खेल कूद और अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि पति के साथ-साथ उनकी भी कोशिश रहती है कि उनके पति ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को खेलकूद के लिए प्रोत्साहित करें.

पढ़ें - 8 घंटे से अधिक समय तक समंदर में तैरती रही जिया, बनाया रिकॉर्ड

वरिष्ठ नागरिक श्रीनिवास रथ का कहना है कि टीपी नायडू बस्तर के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. उनकी दौड़ने की क्षमता काबिले तारीफ है. 70 साल की उम्र में टीपी नायडू ने अपने आप को चुस्त-दुरुस्त रखा है. एथलेटिक्स के प्रति अपने उत्सुकता दिखाकर इतने सारे मेडल जीतकर केवल बस्तर ही नहीं पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है.

श्रीनिवास रथ का कहना है कि बस्तर पुलिस के आयोजित किए जाने वाले हर मैराथन दौड़ में टीपी नायडू शामिल होते हैं. बिना रुके बिना थके 21 किलोमीटर की दौड़ पूरे करते हैं. यही वजह है कि वह आमचो बस्तर-आमचो पुलिस के ब्रांड एंबेसडर बनाए गए हैं. रथ का कहना है कि आजकल के युवा जहां स्मार्टफोन में व्यस्त रहते हैं. उन्हें टीपी नायडू को देखकर प्रेरित होना चाहिए. उनकी तरह रनर बनके बस्तर और प्रदेश का नाम रोशन करना चाहिए.

खेलों के प्रति जागरूकता टीपी नायडू का लक्ष्य
टीपी नायडू एथलेटिक्स महासंघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उनके नेतृत्व में बस्तर के कई बच्चों ने एथलेटिक्स में पदक भी हासिल किए हैं. उनका कहना है कि वे भी आगे चलकर अपनी फिटनेस को ऐसे ही बरकरार रखकर पदक पाना चाहते हैं. साथ ही बस्तर के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा दौड़ और अन्य खेलों के प्रति जागरूक करना उनका लक्ष्य है.

रायपुर : छत्तीसगढ़ के बस्तर में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी समय-समय पर बस्तर में प्रतिभा उभर कर सामने आती है. हमेशा से ही बस्तर के शहरी और ग्रामीण अंचल के युवाओं ने प्रदेश का नाम रोशन किया है. लेकिन इन युवाओं के बीच ऐसे धावक भी हैं, जो युवाओं के साथ-साथ बुजुर्गों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं.

इनका नाम टीपी नायडू है. टीपी नायडू 70 साल के हैं. बस्तर पुलिस के रोल मॉडल और ब्रांड एंबेसडर भी हैं. टीपी नायडू बस्तर के एक चर्चित धावक हैं. हाल ही में नारायणपुर में हुए हॉफ मैराथन दौड़ में एक घंटे 57 मिनट में अपनी 21 किलोमीटर की दौड़ समाप्त करने की ख्याति प्राप्त करने वाले टीपी नायडू बस्तर संभाग में अपनी पहचान बना चुके हैं.

रनर नायडू

जगदलपुर शहर से लगे ग्राम पंचायत आड़ावाल में रहने वाले 70 साल के रिटायर शिक्षक के जज्बे जुनून और उनके जोश को हर कोई सलाम करता है. बेहद गरीबी में पले बढ़े टीपी नायडू पढ़ाई में अव्वल होने के साथ-साथ खेल में भी उन्हें काफी रुचि थी. यही वजह है कि उन्होंने अपनी 42 साल की शिक्षक की नौकरी में एक अच्छे शिक्षक बनने के साथ-साथ छात्रों के लिए खेल शिक्षक बनकर उनमें छिपी प्रतिभा को निखारा.

रोज 10 से 15 किलोमीटर की दौड़
सुबह सूरज उगने से पहले उठने वाले टीपी नायडू हर दिन करीब 10 से 15 किलोमीटर दौड़ लगाते हैं. ताकि उनका शरीर फिट रहे. इसके अलावा शाम होते ही 10 किलोमीटर वह साइकिल चलाते हैं. टीपी नायडू ने बताया कि वे हर रोज सुबह 4 बजे उठते हैं. 5 बजते ही दौड़ लगाने चले जाते हैं. उनकी फिटनेस का मुख्य राज सुबह जल्दी उठना है. उठते ही वो करीब 2 लीटर पानी भी पीते हैं. अपने शरीर को चुस्त-दुरुस्त भी रखते हैं.

बस्तर में रनर नायडू के नाम से फेमस
टीपी नायडू ने बताया कि बस्तरवासी उन्हें रनर नायडू के नाम से जानते हैं. कई बार नेशनल लेवल पर वेटरन एथलेटिस में प्रतिभागी बनकर कई मेडल हासिल कर चुके हैं. जम्मू कश्मीर से लेकर बेंगलुरु, मुंबई और मध्य प्रदेश में हुए नेशनल एथलेटिक्स गेम्स में बकायदा उन्होंने मेडल लाकर बस्तर का नाम रोशन किया है. वे कहते हैं कि इंसान की व्यस्थता उसे मस्त बनाती है, और स्वस्थ रखती है. 70 साल की उम्र में उन्हें कभी किसी तरह की कोई बीमारी नहीं हुई. अपने दिनचर्या का खास ख्याल रखने की वजह से वे शहर में होने वाले हर आयोजन में हिस्सा लेते हैं. खासकर हर साल हाफ मैराथन दौड़ में शामिल होते हैं. यही वजह है कि हर बार तेज रफ्तार में दौड़ कर अपने 21 किलोमीटर की दूरी तय करने वाले टीपी नायडू लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं.

नेशनल एथलेटिक्स में बने बस्तर टीम के लीडर
जम्मू में हुए नेशनल एथलेटिक्स के दौरान उन्हें बस्तर जिले से टीम लीडर बनाया गया था. उनके नेतृत्व में 22 प्रतिभागियों ने 48 मेडल जीते थे. जिसमें गोल्ड मेडल, रजत पदक शामिल हैं. उनका कहना है कि जहां नए जमाने में युवा अपनी सेहत की चिंता छोड़ स्मार्टफोन में व्यस्त रहते हैं. उनकी कोशिश रहती है कि हर आयोजन में वे शामिल होकर युवाओं को खेलकूद के लिए प्रोत्साहित करते रहें. केवल मैराथन ही नहीं बल्कि, सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के आयोजित किये गए 5 किलोमीटर की दौड़ में भी उन्होंने 22 मिनट में ही दौड़ को पूरा कर लिया था. इसके अलावा बस्तर पुलिस के हर एक आयोजन में टीपी नायडू की मौजूदगी रहती है. यही वजह है कि बस्तर पुलिस ने 2021 मैराथन दौड़ में उन्हें ब्रांड एंबेसडर बनाया है.

ग्रामीण इलाके के युवाओं के लिए करना है काम : टीपी नायडू
उनका कहना है कि युवाओं को अपने खानपान में खास ध्यान देने के साथ ही चुस्त-दुरुस्त रहने की जरूरत है. बस्तर के ग्रामीण क्षेत्रों में युवा अपने सेहत पर विशेष ध्यान देते हैं. लेकिन जिला प्रशासन ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं की प्रतिभा को निखार नहीं पाते हैं. यही वजह है कि ग्रामीण क्षेत्र के युवा पीछे रह जाते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने एक लक्ष्य बनाया है कि ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा एथलेटिक्स और अन्य खेलों के लिए ट्रेनिंग देने के साथ ही प्रोत्साहित करना है. ताकि वे नेशनल और इंटरनेशनल खेलो में हिस्सा लेकर बस्तर के साथ-साथ प्रदेश का भी नाम रोशन करें.

टीपी नायडू को पत्नी करतीं हैं प्रोत्साहित
टीपी नायडू के चुस्त-दुरुस्त और उन्हें सेहतमंद रखने के लिए उनकी पत्नी गंगा भवानी नायडू अहम भूमिका निभाती हैं. गंगा नायडू का कहना है टीपी नायडू युवाओं को खेल के प्रति जागरूक करते हैं. उन्हें बेहद खुशी होती है, जब आसपास के लोग और बस्तर के लोग उन्हें रनर टीपी नायडू कहते हैं. वह सबके लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं. उनका कहना है कि युवाओं को भी उनके पति से प्रेरित होना चाहिए. अपने शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए नियमित रूप से खेल कूद और अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि पति के साथ-साथ उनकी भी कोशिश रहती है कि उनके पति ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को खेलकूद के लिए प्रोत्साहित करें.

पढ़ें - 8 घंटे से अधिक समय तक समंदर में तैरती रही जिया, बनाया रिकॉर्ड

वरिष्ठ नागरिक श्रीनिवास रथ का कहना है कि टीपी नायडू बस्तर के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. उनकी दौड़ने की क्षमता काबिले तारीफ है. 70 साल की उम्र में टीपी नायडू ने अपने आप को चुस्त-दुरुस्त रखा है. एथलेटिक्स के प्रति अपने उत्सुकता दिखाकर इतने सारे मेडल जीतकर केवल बस्तर ही नहीं पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है.

श्रीनिवास रथ का कहना है कि बस्तर पुलिस के आयोजित किए जाने वाले हर मैराथन दौड़ में टीपी नायडू शामिल होते हैं. बिना रुके बिना थके 21 किलोमीटर की दौड़ पूरे करते हैं. यही वजह है कि वह आमचो बस्तर-आमचो पुलिस के ब्रांड एंबेसडर बनाए गए हैं. रथ का कहना है कि आजकल के युवा जहां स्मार्टफोन में व्यस्त रहते हैं. उन्हें टीपी नायडू को देखकर प्रेरित होना चाहिए. उनकी तरह रनर बनके बस्तर और प्रदेश का नाम रोशन करना चाहिए.

खेलों के प्रति जागरूकता टीपी नायडू का लक्ष्य
टीपी नायडू एथलेटिक्स महासंघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उनके नेतृत्व में बस्तर के कई बच्चों ने एथलेटिक्स में पदक भी हासिल किए हैं. उनका कहना है कि वे भी आगे चलकर अपनी फिटनेस को ऐसे ही बरकरार रखकर पदक पाना चाहते हैं. साथ ही बस्तर के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा दौड़ और अन्य खेलों के प्रति जागरूक करना उनका लक्ष्य है.

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