ETV Bharat / bharat

हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल है सेठ मोहन अग्रवाल का परिवार, 1963 से बना रहा ताजिया

सहारनपुर में एक परिवार गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रहा है. चलिए बताते हैं इस परिवार के बारे में.

Etv bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jul 29, 2023, 10:14 PM IST

सहारनपुर: यूपी के मेरठ निवासी सेठ मोहन अग्रवाल का परिवार गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल है. यह परिवार धर्म, जाति और संप्रदाय को दूर रखकर हर साल ताजिया बनाता है. इनके द्वारा बनाया गया ताजिया कस्बे के हिंदू और मुस्लिम समाज में हमेशा चर्चा का विषय रहता है. इसी के साथ जब ताजिया जुलूस में शामिल होता है तो लोगों के आकर्षण का केंद्र बन जाता है.

यह बोले सेठ मोहन अग्रवाल.

स्थानीय लोगों का कहना है कि सेठ मोहन अग्रवाल इतना सुंदर ताजिया बनाते है कि उसको देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ जाती है. सेठ मोहन अग्रवाल बताते है कि 1963 से उनका परिवार यहां आता हैं. वह हर साल अपने पूरे परिवार के साथ कस्ब के मोहल्ला लोहारान में स्थित एक मजार पर आते हैं. इसके बाद इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के रोजे की तस्वीर बनाकर उनके गम में शरीक होते हैं. मोहन अग्रवाल ने बताया कि मोहर्रम की दसवीं तारीख पर निकलने वाले जुलूस में ताजिया लेकर अपने परिवार के साथ शामिल होते हैं.

मोहर्रम से शुरू होने के तीन से चार दिन पहले ही वह सहारनपुर में आते जाते हैं. फिर खुद अपने हाथों से ताजिया का तैयार करते हैं. सूफी संत मोहन अग्रवाल ने बताया कि इस बार भी वह अपने परिवार के साथ पहले ही आ गए थे. तीन दिन का समय लेकर उन्होंने पूरा ताजिया बना लिया था. उन्होंने कहा कि ताजिया बनाने में उन्होंने दो लोगों की सहायता भी लेनी पड़ी थी. एक हिंदू परिवार का जुलूस में शामिल होना आस-पास के क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.

गौरतलब है कि मुहर्रम शोक और मातम का महीना है. यह इस्लामिक साल का पहला महीना है. इस्लामिक धर्म की परम्पराओं के मुताबिक, पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत के गम में मुहर्रम मनाया जाता है. मुहर्रम की 10वीं तारीख को कर्बला के मैदान में हुई जंग में वो शहीद हो गए थे. मुहर्रम महीने का दसवां दिन अशूरा होता है. इसी दिन ताजिया निकालकर मुहर्रम मनाया जाता है. मुहर्रम के जुलूस में तमाम मजहब के लोग अकीदत व एहतेराम के साथ शिरकत करते हैं. देश भर में मुहर्रम मनाया जा रहा है और लोग हजरत इमाम हुसैन की याद को ताजा कर रहे हैं


यह भी पढे़ं: गंगा जमुनी तहजीब, मुस्लिम समाज ने पांडेश्वर नाथ मंदिर में चढ़ाई कावड़


यह भी पढे़ं: हिंदुओं ने अतिक्रमण मुक्त कराया ताजिए का रास्ता, खिले मुस्लिमों के चेहरे

सहारनपुर: यूपी के मेरठ निवासी सेठ मोहन अग्रवाल का परिवार गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल है. यह परिवार धर्म, जाति और संप्रदाय को दूर रखकर हर साल ताजिया बनाता है. इनके द्वारा बनाया गया ताजिया कस्बे के हिंदू और मुस्लिम समाज में हमेशा चर्चा का विषय रहता है. इसी के साथ जब ताजिया जुलूस में शामिल होता है तो लोगों के आकर्षण का केंद्र बन जाता है.

यह बोले सेठ मोहन अग्रवाल.

स्थानीय लोगों का कहना है कि सेठ मोहन अग्रवाल इतना सुंदर ताजिया बनाते है कि उसको देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ जाती है. सेठ मोहन अग्रवाल बताते है कि 1963 से उनका परिवार यहां आता हैं. वह हर साल अपने पूरे परिवार के साथ कस्ब के मोहल्ला लोहारान में स्थित एक मजार पर आते हैं. इसके बाद इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के रोजे की तस्वीर बनाकर उनके गम में शरीक होते हैं. मोहन अग्रवाल ने बताया कि मोहर्रम की दसवीं तारीख पर निकलने वाले जुलूस में ताजिया लेकर अपने परिवार के साथ शामिल होते हैं.

मोहर्रम से शुरू होने के तीन से चार दिन पहले ही वह सहारनपुर में आते जाते हैं. फिर खुद अपने हाथों से ताजिया का तैयार करते हैं. सूफी संत मोहन अग्रवाल ने बताया कि इस बार भी वह अपने परिवार के साथ पहले ही आ गए थे. तीन दिन का समय लेकर उन्होंने पूरा ताजिया बना लिया था. उन्होंने कहा कि ताजिया बनाने में उन्होंने दो लोगों की सहायता भी लेनी पड़ी थी. एक हिंदू परिवार का जुलूस में शामिल होना आस-पास के क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.

गौरतलब है कि मुहर्रम शोक और मातम का महीना है. यह इस्लामिक साल का पहला महीना है. इस्लामिक धर्म की परम्पराओं के मुताबिक, पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत के गम में मुहर्रम मनाया जाता है. मुहर्रम की 10वीं तारीख को कर्बला के मैदान में हुई जंग में वो शहीद हो गए थे. मुहर्रम महीने का दसवां दिन अशूरा होता है. इसी दिन ताजिया निकालकर मुहर्रम मनाया जाता है. मुहर्रम के जुलूस में तमाम मजहब के लोग अकीदत व एहतेराम के साथ शिरकत करते हैं. देश भर में मुहर्रम मनाया जा रहा है और लोग हजरत इमाम हुसैन की याद को ताजा कर रहे हैं


यह भी पढे़ं: गंगा जमुनी तहजीब, मुस्लिम समाज ने पांडेश्वर नाथ मंदिर में चढ़ाई कावड़


यह भी पढे़ं: हिंदुओं ने अतिक्रमण मुक्त कराया ताजिए का रास्ता, खिले मुस्लिमों के चेहरे

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.