ETV Bharat / bharat

Karnataka High Court : प्रज्वल रेवन्ना को झटका, HC ने चुनाव अयोग्यता पर रोक लगाने से किया इनकार

जेडीएस के एक मात्र सांसद प्रज्वल रेवन्ना को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. हाईकोर्ट ने हासन निर्वाचन क्षेत्र से 2019 के लोकसभा चुनाव में उनके चुनाव को अमान्य घोषित करने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.

Prajwal Revanna
को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 11, 2023, 9:47 PM IST

बेंगलुरु: जद (एस) के एकमात्र सांसद प्रज्वल रेवन्ना ( Prajwal Revanna) को झटका देते हुए, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सोमवार को उनके उस आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने हासन निर्वाचन क्षेत्र से 2019 के लोकसभा चुनाव में उनके चुनाव को अमान्य घोषित करने के पहले के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना ने 1 सितंबर के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी ताकि वह सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर सकें.

उन्हें चुनाव कदाचार का दोषी पाते हुए, HC ने भारत के चुनाव आयोग को चुनाव प्रक्रिया नियमों के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया था. आवेदन पर फैसला पिछले सप्ताह (8 सितंबर) को न्यायमूर्ति के नटराजन ने सुरक्षित रखा था. सोमवार को फैसला सुनाया गया.

प्रज्वल रेवन्ना के चुनाव को चुनौती देने वाले दो याचिकाकर्ताओं में से एक, ए मंजू ने रोक के आवेदन का विरोध नहीं किया. लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर प्रज्वल के खिलाफ चुनाव लड़ने और हारने के बाद मंजू अब जद (एस) में हैं.

पिछले हफ्ते 8 सितंबर को इस अर्जी पर सुनवाई के दौरान प्रज्वल के वरिष्ठ वकील उदयहोल्ला ने कहा, 'हम आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे.' उन्होंने उच्च न्यायालय से तब तक अयोग्यता आदेश पर रोक लगाने की अपील की. उन्होंने कहा कि अपील दायर होने तक हाई कोर्ट को रोक लगाने का आदेश जारी करने का अधिकार है. साथ ही याचिका में उस संबंध में नियमों और कई संबंधित फैसलों के बारे में भी बताया गया. उदयहोल्ला ने आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया.

इस पर आपत्ति जताने वाली देवराजेगौड़ा की वरिष्ठ वकील प्रमिला नेसारगी ने कहा कि अयोग्यता आदेश पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए. इस न्यायालय को स्टे देने का अधिकार नहीं है. जिस दिन आदेश जारी किया गया था उसी दिन स्थगन के लिए आवेदन दायर किया जाना चाहिए था. लेकिन प्रज्वल रेवन्ना के आवेदन में देरी हुई है.

ये भी पढ़ें

Hassan Parliamentary Seat : कर्नाटक HC ने पूर्व पीएम देवगौड़ा के पोते प्रज्वल का चुनाव अमान्य घोषित किया

बेंगलुरु: जद (एस) के एकमात्र सांसद प्रज्वल रेवन्ना ( Prajwal Revanna) को झटका देते हुए, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सोमवार को उनके उस आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने हासन निर्वाचन क्षेत्र से 2019 के लोकसभा चुनाव में उनके चुनाव को अमान्य घोषित करने के पहले के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना ने 1 सितंबर के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी ताकि वह सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर सकें.

उन्हें चुनाव कदाचार का दोषी पाते हुए, HC ने भारत के चुनाव आयोग को चुनाव प्रक्रिया नियमों के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया था. आवेदन पर फैसला पिछले सप्ताह (8 सितंबर) को न्यायमूर्ति के नटराजन ने सुरक्षित रखा था. सोमवार को फैसला सुनाया गया.

प्रज्वल रेवन्ना के चुनाव को चुनौती देने वाले दो याचिकाकर्ताओं में से एक, ए मंजू ने रोक के आवेदन का विरोध नहीं किया. लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर प्रज्वल के खिलाफ चुनाव लड़ने और हारने के बाद मंजू अब जद (एस) में हैं.

पिछले हफ्ते 8 सितंबर को इस अर्जी पर सुनवाई के दौरान प्रज्वल के वरिष्ठ वकील उदयहोल्ला ने कहा, 'हम आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे.' उन्होंने उच्च न्यायालय से तब तक अयोग्यता आदेश पर रोक लगाने की अपील की. उन्होंने कहा कि अपील दायर होने तक हाई कोर्ट को रोक लगाने का आदेश जारी करने का अधिकार है. साथ ही याचिका में उस संबंध में नियमों और कई संबंधित फैसलों के बारे में भी बताया गया. उदयहोल्ला ने आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया.

इस पर आपत्ति जताने वाली देवराजेगौड़ा की वरिष्ठ वकील प्रमिला नेसारगी ने कहा कि अयोग्यता आदेश पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए. इस न्यायालय को स्टे देने का अधिकार नहीं है. जिस दिन आदेश जारी किया गया था उसी दिन स्थगन के लिए आवेदन दायर किया जाना चाहिए था. लेकिन प्रज्वल रेवन्ना के आवेदन में देरी हुई है.

ये भी पढ़ें

Hassan Parliamentary Seat : कर्नाटक HC ने पूर्व पीएम देवगौड़ा के पोते प्रज्वल का चुनाव अमान्य घोषित किया

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.