चंडीगढ़: पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को प्रतिबंधित गैरकानूनी संघ सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के एक अलगाववादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया और छापेमारी में इसके तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. बता दें, सिख जनमत संग्रह 2020 को आगे बढ़ाने के अलावा, राज्य में अलगाव और हिंसक उग्रवाद को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने जुलाई 2019 में एसएफजे पर प्रतिबंध लगाया था.
इस संगठन का उद्देश्य समुदायों के बीच विभाजन पैदा करना और पंजाब में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ना था. गिरफ्तार किए गए 3 लोगों की पहचान खन्ना के रामपुर निवासी गुरविंदर सिंह और रोपड़ के मोरिंडा निवासी जगविंदर सिंह और सुखदेव सिंह के रूप में हुई है.
पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में खन्ना के गांव रामपुर में छापेमारी की और जनमत संग्रह 2020 गतिविधियों वाले 2.84 लाख से अधिक पर्चे बरामद किए. पुलिस ने उनके पास से एक कैनन प्रिंटर, स्प्रे पंप और दीवारों पर अलगाववादी भित्तिचित्र लिखने के लिए स्प्रे बोतल, एक लैपटॉप, तीन मोबाइल फोन और एक होंडा सिटी कार भी बरामद की है.
प्रारंभिक जांच में पाया गया कि आरोपी गुरविंदर सिंह को गुरपतवंत पन्नू से मिलवाया गया, जो जेएस धालीवाल द्वारा संचालित 'यूएस मीडिया इंटरनेशनल' नामक यूट्यूब चैनल चलाता है. इसके अळावा पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पन्नू के निर्देश पर गुरविंदर ने खन्ना में अपने गांव रामपुर के सरकारी स्कूल परिसर में खालिस्तानी झंडे लगाए. पुलिस प्रवक्ता ने यह भी जानकारी दी कि आरोपी ने अब तक लगभग 20-25 लोगों को सिख जनमत संग्रह 2020 को बढ़ावा देने के लिए मतदान करने और पन्नू के कहने पर पैसे उपलब्ध कराने के लिए चयनित किया है.
पुलिस ने एसएफजे नेताओं गुरपतवंत सिंह पन्नू, हरप्रीत सिंह, बिक्रमजीत सिंह और गुरसहाय माखू के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया है.