नई दिल्ली : पूर्व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी मैक्सवेल परेरा ने कहा कि वह अगर शीर्ष पद पर होते तो ट्रैक्टर रैली की इजाजत कतई नहीं देते. उन्होंने कहा कि 'मुझे आश्चर्य है कि किसान ट्रैक्टर लेकर दिल्ली में कैसे आ सकते हैं, अगर मैं कुर्सी पर होता तो उन्हें दिल्ली के अंदर ट्रैक्टर लेकर आने की अनुमति नहीं देता. यह सुरक्षित नहीं है. दिल्ली का बुनियादी ढांचा ट्रैक्टरों के ऐसे आने के लिए ठीक नहीं है.'
परेरा ने कहा, 'उनके (आंदोलनकारियों) के पास मोबाइल हैं. वाहन हैं ... वे भीड़ पैदा कर सकते हैं, वे रुकावट और बाधा पैदा कर सकते हैं, और ये संभावित रूप से हिंसा का कारण बन सकते हैं.
किसान आंदोलन और एनआईए के नोटिस के बारे में उन्होंने कहा कि 'मुझे लगता है कि जिस एजेंसी (एनआईए) ने नोटिस दिया है, उनके पास इस तरह का नोटिस देने के लिए पर्याप्त कारण है. यह मेरी एकमात्र प्रतिक्रिया है क्योंकि मुझे नहीं पता कि जांच किस बारे में है. मैं उस कारण को नहीं जानता जिसके लिए नोटिस दिया गया.'
वास्तव में, एनआईए ने प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के साथ कथित लिंक के लिए किसान नेताओं, व्यापारियों, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित 40 लोगों को नोटिस दिया है.
किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली का उल्लेख करते हुए सुपरकॉप ने कहा कि यह संयोग हो सकता है कि रैली गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित की गई है. अलगाववादी आंदोलन का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं.'
रिपोर्ट्स बताती हैं कि खालिस्तानी चरमपंथी अराजकता पैदा करने के लिए किसान आंदोलन का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को वर्तमान आंदोलन के संबंध में सीमा क्षेत्रों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए कहा है.
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तंदूर हत्याकांड का किया था खुलासा
परेरा वह अधिकारी थे जिन्होंने 1995 के तंदूर हत्याकांड का पर्दाफाश किया था, जहां महिला नैना साहनी को उसके पति सुशील शर्मा ने मारकर जलाने की कोशिश की थी. सुशील शर्मा कांग्रेस विधायक था. परेरा को उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी सम्मानित किया गया है.