शिमला: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा (senior congress leader anand sharma) प्रदेश स्टीयरिंग कमेटी के पद से इस्तीफा देने के बाद इन दिनों शिमला पहुचे हैं, जहां कांग्रेस नेताओं के साथ बैठकें (Anand Sharma held a meeting in shimla ) कर रहे हैं. वीरवार को शिमला में पत्रकार वार्ता में उन्होंने कांग्रेस पार्टी को एकजुट होकर चुनाव लड़ने की बात कही. आनंद शर्मा ने कहा कि G-23 कोई ग्रुप नहीं है. हस्ताक्षर करने वाले 23 लोग थे, मीडिया ने इसका नामकरण किया है.
'कांग्रेस के दिल में है G-23': शिमला में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि G-23 कांग्रेस के दिल में (anand sharma on g 23 group ) है. पार्टी के अहम पदों पर G-23 के ही लोग हैं. उन्होंने कहा कि संगठन को मजबूत करने की बात कहना प्रजातंत्र की जरूरत है. G-23 में शामिल नेता कांग्रेस की अहम कमेटियों में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यह पुरानी परंपरा रही है कि संगठन को मजबूत करने के लिए सभी अपनी बात को मजबूती से रखते हैं. आनंद शर्मा ने कहा कि इसी वजह से कांग्रेस पार्टी पूरे देश में इतनी लोकप्रिय रही है.
आनंद शर्मा ने कहा कि शर्मा ने हिमाचल विधानसभा चुनाव में टिकट आवंटन (Ticket distribution in Himachal assembly elections) में पूरी पारदर्शिता और जीत की क्षमता रखने वाले व स्वच्छ छवि वाले नेताओं को टिकट देने की पैरवी वाली बात को दोबारा दोहराया. उन्होंने कहा कि शिमला आने का मकसद राजनीति से नहीं है. चुनाव का समय (Himachal Assembly Elections 2022) है लोग आएंगे, मैं तो अपने घर आया हूं. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल के लोग खबरों से बाहर हो जाए तो चर्चा शुरू हो जाती है. मैंने अपने छात्र जीवन की शुरुआत शिमला से की. उसके बाद वकालत की और राजनीति में भी यही से कर गया.
इसके साथ ही आनंद शर्मा (anand sharma visit shimla) ने कहा कि, मैं दिल्ली इंदिरा गांधी की वजह से गया था. उनके आदेश को माना और स्वीकार किया उसके बाद राजीव गांधी सोनिया गांधी के साथ काम किया. उन्होंने कहा कि भाजपा ने 5 साल पहले जो चुनाव घोषणा पत्र निकाला था, उसे एक बार पढ़ लें पता चल जाएगा कि कितनी मांगें पूरी हुई और अभी कितनी अधूरी है.
क्या है ये जी-23: मई 2019, लोकसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए 2014 जितने ही दुखदायी थे. 2014 में 44 सीटों पर सिमटी कांग्रेस, 2019 में 52 सीटों तक ही पहुंच पाई. 10 अगस्त 2019 को राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी छोड़ दी. 2014 लोकसभा चुनाव के बाद पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ को छोड़ दें तो बाकी राज्यों के विधानसभा चुनाव से भी लगातार हार झेलनी पड़ी.
इसी बीच अगस्त 2020 में कांग्रेस के शीर्ष 23 नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी और नेतृत्व परिवर्तन से लेकर संगठनात्मक बदलावों की मांग कर दी. इन्हीं 23 कांग्रेस नेताओं के समूह को जी-23 कहा गया. इस चिट्ठी को पार्टी नेतृत्व और खासकर गांधी परिवार को चुनौती दिए जाने के तौर पर देखा गया. इसी साल 28 फरवरी को इस जी-23 समूह की बैठक भी जम्मू में हुई थी. जिसके बाद से ये नेता कांग्रेस आलाकमान से सवाल पूछते रहते हैं और अपनी मौजूदगी दर्ज करवाने की कोशिश करते रहते हैं.
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