मुंबई: शिवसेना के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को मुंबई में बांद्रा पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर इस बात की जांच की मांग की कि यहां लीलावती अस्पताल में एमआरआई प्रक्रिया के दौरान निर्दलीय सांसद नवनीत राणा की वीडियोग्राफी कैसे की गई. शिवसेना एमएलसी मनीषा कायंडे, पूर्व महापौर किशोरी पेडनेकर और राज्य के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे के करीबी राहुल कनाल वाले प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस से जांच की मांग की. सांसद नवनीत राणा के अंगरक्षकों को उनके हथियारों के साथ प्राइवेट अस्पताल में प्रवेश की अनुमति कैसे मिली. उसने आरोप लगाया कि ऐसा करके अस्पताल ने नियमों का स्पष्ट उल्लंघन किया है.
ऐसा करके अस्पताल ने सांसद राणा को राजनीति चमकाने का मौका दिया. बता दें कि महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस ने सोमवार को यहां एक विशेष अदालत में एक आवेदन दायर कर सांसद और उनके विधायक-पति रवि राणा की जमानत रद्द करने की मांग की है. हनुमान चालीसा का पाठ मुख्यमंत्री आवास के बाहर करने की घोषणा के कारण उन पर देश द्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है. इसके साथ ही सत्तारूढ़ दल शिवसेना का एक प्रतिनिधिमंडल लीलावती अस्पताल का भी दौरा किया. इस दौरान उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि सांसद नवनीत राणा की तस्वीरें और वीडियो कैसे बनायी गईं, जब वह अस्पताल में परीक्षण से गुजर रही थी. निजी चिकित्सा सुविधा में एमआरआई जांच पूरा होने के बाद नवनीत राणा ने सोमवार को कहा था कि वह और उनके पति पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संपर्क करेंगे और उनके साथ महाराष्ट्र के अधिकारियों द्वारा किए गए कथित दुर्व्यवहार की शिकायत करेंगे. बता दें कि हाल ही में राणा दंपति जेल से जमानत पर रिहा हुए हैं.
आज यानी मंगलवार को शिवसेना एमएलसी कायंडे ने कहा, हम राज्य के गृह मंत्री से भी मिलेंगे और उनसे मामले की जांच करने के लिए कहेंगे (नवनीत राणा के वीडियो, एमआरआई कक्ष में ली गई तस्वीरें). हम इस मामले को चैरिटी कमिश्नर के पास भी उठाएंगे क्योंकि निजी अस्पताल उनके अधिकार क्षेत्र में आते हैं. एमआरआई कक्ष धातु की वस्तुओं के प्रति संवेदनशील है. ऐसे में इस बात की जांच होनी चाहिए कि प्रक्रिया के दौरान नवनीत राणा की वीडियो कैसे बनाई गई. चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (एमआरआई) एक गैर-इनवेसिव तकनीक है जो विस्तृत शारीरिक चित्र बनाती है.
राणा दंपति को 23 अप्रैल को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था और धारा 124 ए (देशद्रोह) और 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत मुकदमा दर्ज किया था. उन्होंने घोषणा की थी कि वे उपनगरीय बांद्रा में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. राणा दंपति ने बाद में अपनी योजना को छोड़ दिया. लेकिन फिर भी मुंबई पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था. मुंबई की विशेष अदालत ने उन्हें 4 मई को जमानत दे दी.
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पीटीआई