सीहोर। मध्यप्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव है. इसके लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. लगातार पार्टियां एक दूसरे पर हमलवार हो रही है. अब चुनावी साल में नाम बदलने का भी सिलसिला लगातार जारी है. इसको लेकर भी पार्टियों के बीच विवाद हो रहा है. ताजा मामला मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह क्षेत्र से जुड़ा है. बुधनी में एक नेहरू पार्क स्थित है, जिसका नाम अब शिवराज के बड़े बेटे कार्तिकेय के नाम पर कर दिया गया है. इसको लेकर अब सियासी भुचाल आ गया है. किसी का कहना है कि ये नाम अब रखा गया है और कोई कह रहा है कि ये नाम पार्क का साल 2006 से ही था.
शिवराज के बेटे के नाम पर पार्क: चुनावी साल में मध्यप्रदेश के सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा में 2 पार्कों के नाम बदले गए हैं. देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाम से जो पार्क था, उसका नाम अब बदलकर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह के बड़े बेटे कार्तिकेय के नाम से कर दिया गया है. इसको लेकर पूरे प्रदेश में सियासी भूचाल आ गया है. मध्यप्रदेश विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय सिंह ने कहा कि "बुधनी में नेहरू पार्क का नाम मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बड़े बेटे के नाम पर रखा गया है, जबकि उनके छोटे बेटे कुणाल के नाम पर दशहरा मैदान पर नवनिर्मित पार्क का नाम रखा गया है. बीजेपी सरकार पूरे देश में इतिहास के उन महापुरुषों का नाम मिटा रही है, जिनका देश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण योगदान है. नेहरू पार्क का नाम बदलकर कार्तिकेय पार्क किया जाना इसी कड़ी का एक हिस्सा है." बता दें कि बुधनी सीएम शिवराज का विधानसभा क्षेत्र है. कांग्रेस के दावे पर सत्तारूढ़ भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि "अगर स्थानीय लोगों ने अपने प्यार के कारण पार्क का नाम बदल दिया है तो अजय सिंह को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए." (Budhni Nehru Park renamed by Shivraj son name)
नेहरू के योगदान के आगे कार्तिकेय कहां खड़े: अजय सिंह ने कहा कि "भारत को आजाद कराने और देश के नव निर्माण में पंडित नेहरू के योगदान के आगे कार्तिकेय कहां खड़े हैं? क्या वे नेहरू से भी बड़े हो गए हैं? क्या बुधनी की जनता को अंतर्मन से यह बात स्वीकार होगी? अगर नगर पालिका ने यह काम चापलूसी में किया है तो शिवराज सिंह को हस्तक्षेप करना चाहिए था और नेहरू का नाम हटाने से रोकना चाहिए था. उन्होंने कहा कि पार्क, चौराहों, सड़कों और भवनों आदि के नामकरण उन महापुरुष, समाजसेवी या विभूतियों के नाम पर किए जाते हैं जो इस दुनिया में नहीं हैं. नामकरण के बहाने उनके योगदान को चिरस्थायी बनाया जाता है, लेकिन अब एक नई परंपरा शुरू हो गई है. बुधनी का एक अन्य पार्क भी सीएम शिवराज के दूसरे बेटे कुणाल के नाम पर रखा गया है. शिवराज सिंह जी कृपया कुणाल के योगदान के बारे में भी जनता को बताएं."
शिवराज के छोटे बेटे के नाम पर भी पार्क: कांग्रेस के आरोपों का एसडीएम और वकील ने जवाब देते हुए कहा कि "ये अफवाह झूठी है और कांग्रेस के बड़े नेता अब झूठ का सहारा ले रहे हैं है. नेहरू पार्क की जगह सीएम शिवराज के बेटे कार्तिकेय के नाम पर कर दिया गया है ये झूठ है, जबकि 2006 से इस पार्क का नाम कार्तिकेय पार्क ही है. कार्तिकेय पार्क का शुभारंभ साल 2006 में तत्कालीन नगर परिषद अध्यक्ष आजाद सिंह राजपूत के नेतृत्व में सीएम शिवराज द्वारा किया गया था. तब से ही इस उद्यान का नाम कार्तिकेय पार्क है. हालांकि सीएम शिवराज द्वारा बुधनी विधानसभा के लिए प्रज्वल बुधनी के तहत 300 करोड़ के विकास कार्य प्रस्तावित किए हैं, जिनमें नगर के सौंदर्यीकरण के साथ विभिन्न वार्डों में 7 पार्क बनाए जाने हैं. उन्हीं में से 3 पार्क नगर परिषद द्वारा तैयार किए जा चुके हैं. उन्हीं में से दशहरा मैदान पर नवनिर्मित पार्क बनाया गया है, जिसका नाम कुणाल पार्क रखा गया है. जबकि भाजपा और पीएम मोदी का विजन है कि परिवारवाद को लेकर बीजेपी की स्पष्ट नीति है, लेकिन चाटुकार लोगों के द्वारा सीएम शिवराज के दोनों बेटों के नाम पर पार्क का नाम रखना यह चर्चा लोगों में आम है."