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Manipur Violence : मणिपुर में सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान में 4 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया

मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) की एक रैली के बाद भड़क उठी थी. पिछले चार महीने से अधिक समय से पूरे राज्य में हिंसा फैली हुई है और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए केंद्र सरकार को अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 29, 2023, 10:17 AM IST

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इंफाल : हिंसा प्रभावित मणिपुर में पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने मंगलवार को बताया कि प्रतिबंधित विद्रोही समूह की राजनीतिक शाखा रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट आरपीएफ/पीएलए, नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालिम इसाक-मुइवा (एनएससीएन-आईएम) और 2 ओवर-ग्राउंड में से प्रत्येक के एक सक्रिय कैडर को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के मुताबिक, कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) के कार्यकर्ताओं (ओजीडब्ल्यू) को विभिन्न तलाशी अभियानों के दौरान गिरफ्तार किया गया.

  • Checking at Nakas: A total of 129 Nakas/ Checkpoints were installed in different Districts of Manipur, both in the hill and the valley and Police detained 2027 persons in connection with violations in different districts of the State. pic.twitter.com/gM8A3QSWsz

    — Manipur Police (@manipur_police) August 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पुलिस ने कहा कि इंफाल-पश्चिम, इंफाल-पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिलों के सीमांत और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों की ओर से तलाशी अभियान चलाया गया. बयान में कहा गया है कि इंफाल-पूर्व और बिष्णूर जिलों से तलाशी अभियान के दौरान 6 हथियार, 5 गोला-बारूद और 2 विस्फोटक बरामद किए गए. पुलिस ने बताया कि ये गिरफ्तारियां 28 अगस्त, सोमवार को की गईं थीं.

मणिपुर पुलिस ने एक ट्वीट में बताया कि मणिपुर पुलिस ने आरपीएफ/पीएलए के 1 सक्रिय कैडर, एनएससीएन (आईएम) के 1 सक्रिय कैडर और केसीपी (लामयांबा खुमान) के 2 ओजीडब्ल्यू को गिरफ्तार किया है. इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मणिपुर हिंसा में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच किए जा रहे आपराधिक मामलों की सुनवाई असम के गुवाहाटी में स्थानांतरित करने का आदेश दिया. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि मणिपुर में घाटियों और पहाड़ियों में पीड़ित हुए हैं और हम इस पर नहीं जा सकते कि किसने अधिक पीड़ित किया, दोनों समुदायों में पीड़ित हैं.

पीठ ने कहा कि पीड़ित और गवाह गुवाहाटी की अदालत में शारीरिक रूप से आने के बजाय मणिपुर में अपने घरों से इलेक्ट्रॉनिक रूप से गवाही दे सकेंगे. इसने मणिपुर में समग्र वातावरण और आपराधिक न्याय प्रशासन की निष्पक्ष प्रक्रिया सुनिश्चित करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए मामलों की सुनवाई पर कई निर्देश पारित किए.

(एएनआई)

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इंफाल : हिंसा प्रभावित मणिपुर में पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने मंगलवार को बताया कि प्रतिबंधित विद्रोही समूह की राजनीतिक शाखा रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट आरपीएफ/पीएलए, नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालिम इसाक-मुइवा (एनएससीएन-आईएम) और 2 ओवर-ग्राउंड में से प्रत्येक के एक सक्रिय कैडर को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के मुताबिक, कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) के कार्यकर्ताओं (ओजीडब्ल्यू) को विभिन्न तलाशी अभियानों के दौरान गिरफ्तार किया गया.

  • Checking at Nakas: A total of 129 Nakas/ Checkpoints were installed in different Districts of Manipur, both in the hill and the valley and Police detained 2027 persons in connection with violations in different districts of the State. pic.twitter.com/gM8A3QSWsz

    — Manipur Police (@manipur_police) August 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पुलिस ने कहा कि इंफाल-पश्चिम, इंफाल-पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिलों के सीमांत और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों की ओर से तलाशी अभियान चलाया गया. बयान में कहा गया है कि इंफाल-पूर्व और बिष्णूर जिलों से तलाशी अभियान के दौरान 6 हथियार, 5 गोला-बारूद और 2 विस्फोटक बरामद किए गए. पुलिस ने बताया कि ये गिरफ्तारियां 28 अगस्त, सोमवार को की गईं थीं.

मणिपुर पुलिस ने एक ट्वीट में बताया कि मणिपुर पुलिस ने आरपीएफ/पीएलए के 1 सक्रिय कैडर, एनएससीएन (आईएम) के 1 सक्रिय कैडर और केसीपी (लामयांबा खुमान) के 2 ओजीडब्ल्यू को गिरफ्तार किया है. इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मणिपुर हिंसा में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच किए जा रहे आपराधिक मामलों की सुनवाई असम के गुवाहाटी में स्थानांतरित करने का आदेश दिया. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि मणिपुर में घाटियों और पहाड़ियों में पीड़ित हुए हैं और हम इस पर नहीं जा सकते कि किसने अधिक पीड़ित किया, दोनों समुदायों में पीड़ित हैं.

पीठ ने कहा कि पीड़ित और गवाह गुवाहाटी की अदालत में शारीरिक रूप से आने के बजाय मणिपुर में अपने घरों से इलेक्ट्रॉनिक रूप से गवाही दे सकेंगे. इसने मणिपुर में समग्र वातावरण और आपराधिक न्याय प्रशासन की निष्पक्ष प्रक्रिया सुनिश्चित करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए मामलों की सुनवाई पर कई निर्देश पारित किए.

(एएनआई)

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