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वाराणसी: 9 दरवाजों के 9 तालों में बंद है वो राज, जिसकी 3 शिफ्टों में हो रही निगरानी

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में कमीशन की कार्यवाही पूरी होने के बाद भले ही अब तक कमीशन की रिपोर्ट दाखिल न हुई हो, लेकिन ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर जिस तालाब में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है, उसे सील करने के बाद हाई सिक्योरिटी में रखा जा रहा है.

ज्ञानवापी विवाद
ज्ञानवापी विवाद
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Published : May 18, 2022, 12:24 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में कमीशन की कार्यवाही पूरी होने के बाद भले ही अब तक कमीशन की रिपोर्ट दाखिल न हुई हो, लेकिन ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर जिस तालाब में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है, उसे सील करने के बाद हाई सिक्योरिटी में रखा जा रहा है. सूत्रों की मानें तो जिस तालाब में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है उसके कुल 9 रास्ते हैं. जाली से कवर किए गए तालाब के नौ अलग-अलग दरवाजों पर 9 ताले जड़कर उसे पूरी तरह से सील कर दिया गया है और उसकी चाबियों को कोषागार में जमा कर दिया गया है. जबकि न्यायालय के आदेश पर उस स्थान पर तीन अलग-अलग शिफ्टों में एक दर्जन से ज्यादा सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती की गई है, जो उस पूरे स्थल पर पैनी नजर के साथ सुरक्षा कर रहे हैं.

ज्ञानवापी परिसर के दक्षिणी छोर पर विराजमान बड़े नंदी को लेकर लगातार यह कयास लगाए जाते रहे हैं कि नंदी का मुंह जिस तरफ है, उसी तरफ शिवलिंग विराजमान है. इसे औरंगजेब ने छुपा दिया था और शिवलिंग को क्षतिग्रस्त किया गया था. लेकिन, इस कयास को बल तब मिला जब नंदी के सामने मौजूद दक्षिणी व पूर्वी हिस्से के बीचों बीच तालाब में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया. इसे लेकर सोशल मीडिया पर लगातार लोगों की प्रतिक्रियाएं भी जारी हैं.

इसे भी पढ़ें - न्यायपालिका से नाराज काशी के मुसलमानों ने कह दी ये बड़ी बात...

कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग वीडियो भी वायरल हो रहे हैं, जो ज्ञानवापी परिसर के अंदर के बताए जा रहे हैं. ऐसा ही एक वीडियो ईटीवी भारत को भी मिला है. इसमें ज्ञानवापी परिसर के अंदर मौजूद व्यक्ति वजूखाने के चारों तरफ लगाई गई लोहे की ग्रिल से उस नंदी का वीडियो बनाकर ठीक उसके सामने उस तालाब को दिखाने की कोशिश की गई है, जो इस वक्त सील है और जिसके अंदर शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है.

इस तालाब में दिखाई दे रहे गोल घेरे के अंदर ही शिवलिंग मिलने का दावा किया जा रहा है. जिसे मुस्लिम पक्ष के लोग फव्वारे का हिस्सा बता रहे हैं. ये क्या है यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट होगा, लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इन दिनों मामला काफी गर्म होता दिखाई दे रहा है. अलग-अलग नामों के साथ अलग-अलग वीडियो और तस्वीरों के जरिए ज्ञानवापी परिसर को अपने-अपने हिस्से का बताने का सिलसिला चल रहा है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में कमीशन की कार्यवाही पूरी होने के बाद भले ही अब तक कमीशन की रिपोर्ट दाखिल न हुई हो, लेकिन ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर जिस तालाब में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है, उसे सील करने के बाद हाई सिक्योरिटी में रखा जा रहा है. सूत्रों की मानें तो जिस तालाब में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है उसके कुल 9 रास्ते हैं. जाली से कवर किए गए तालाब के नौ अलग-अलग दरवाजों पर 9 ताले जड़कर उसे पूरी तरह से सील कर दिया गया है और उसकी चाबियों को कोषागार में जमा कर दिया गया है. जबकि न्यायालय के आदेश पर उस स्थान पर तीन अलग-अलग शिफ्टों में एक दर्जन से ज्यादा सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती की गई है, जो उस पूरे स्थल पर पैनी नजर के साथ सुरक्षा कर रहे हैं.

ज्ञानवापी परिसर के दक्षिणी छोर पर विराजमान बड़े नंदी को लेकर लगातार यह कयास लगाए जाते रहे हैं कि नंदी का मुंह जिस तरफ है, उसी तरफ शिवलिंग विराजमान है. इसे औरंगजेब ने छुपा दिया था और शिवलिंग को क्षतिग्रस्त किया गया था. लेकिन, इस कयास को बल तब मिला जब नंदी के सामने मौजूद दक्षिणी व पूर्वी हिस्से के बीचों बीच तालाब में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया. इसे लेकर सोशल मीडिया पर लगातार लोगों की प्रतिक्रियाएं भी जारी हैं.

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कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग वीडियो भी वायरल हो रहे हैं, जो ज्ञानवापी परिसर के अंदर के बताए जा रहे हैं. ऐसा ही एक वीडियो ईटीवी भारत को भी मिला है. इसमें ज्ञानवापी परिसर के अंदर मौजूद व्यक्ति वजूखाने के चारों तरफ लगाई गई लोहे की ग्रिल से उस नंदी का वीडियो बनाकर ठीक उसके सामने उस तालाब को दिखाने की कोशिश की गई है, जो इस वक्त सील है और जिसके अंदर शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है.

इस तालाब में दिखाई दे रहे गोल घेरे के अंदर ही शिवलिंग मिलने का दावा किया जा रहा है. जिसे मुस्लिम पक्ष के लोग फव्वारे का हिस्सा बता रहे हैं. ये क्या है यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट होगा, लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इन दिनों मामला काफी गर्म होता दिखाई दे रहा है. अलग-अलग नामों के साथ अलग-अलग वीडियो और तस्वीरों के जरिए ज्ञानवापी परिसर को अपने-अपने हिस्से का बताने का सिलसिला चल रहा है.

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