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एससीओ शिखर सम्मेलन : जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री, ईरानी राष्ट्रपति के साथ अनौपचारिक वार्ता की - ईरानी राष्ट्रपति के साथ अनौपचारिक वार्ता

विदेश मंत्री जयशंकर (EAM Jaishankar) ने रूसी विदेश मंत्री (EAM Jaishankar) सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने अफगानिस्तान सहित मौजूदा मुद्दों (contemporary issues) पर एक उपयोगी चर्चा की.

जयशंकर
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Published : Sep 17, 2021, 6:37 PM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर (EAM Jaishankar) ने शुक्रवार को रूसी विदेश मंत्री (EAM Jaishankar) सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) से मुलाकात की और अफगानिस्तान और अन्य मुद्दों पर उपयोगी चर्चा की. उन्होंने ईरानी राष्ट्रपति रईसी के साथ अपना दृष्टिकोण भी साझा किया.

जयशंकर ने तालिबान के अधिग्रहण के बाद अफगानिस्तान की स्थिति पर एससीओ शिखर सम्मेलन (SCO summit) से इतर ताजिक राजधानी (Tajik capital) में दोनों नेताओं से मुलाकात की.

जयशंकर ने एक ट्वीट करते हुए कहा, ' एससीओ शिखर सम्मेलन की शुरुआत से पहले अफगानिस्तान सहित मौजूदा मुद्दों (contemporary issues) पर एक उपयोगी चर्चा.'

बता दें कि जयशंकर और लावरोव आखिरी बार जुलाई में मास्को में मिले थे. दोनों नेताओं ने जुलाई में यहां एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में भी अपने देशों का प्रतिनिधित्व किया था.

गौरतलब है कि जयशंकर जुलाई और अगस्त में दो बार राष्ट्रपति रईसी (President Raisi) से मिले थे.उन्होंने रईसी के शपथ ग्रहण समारोह (swearing-in ceremony) में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.

एससीओ शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान में तेजी से विकसित हो रही सुरक्षा स्थिति के साथ-साथ समग्र क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य (overall regional security scenario) पर विचार-विमर्श करने की उम्मीद है.

गौरतलब है कि जयशंकर एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों और सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन के साथ अफगानिस्तान पर आज होने वाली एक बैठक में भाग लेंगे. ताजिक नेतृत्व द्वारा एससीओ काउंसिल ऑफ स्टेट्स ऑफ स्टेट्स (SCO Council of Heads of State) की 21वीं बैठक में गर्मजोशी से स्वागत किया गया.

जयशंकर ने आज एक ट्वीट में कहा कि दुशांबे में पीएम नरेंद्र मोदी (PM narendra modi in Dushanbe) का प्रतिनिधित्व करने के लिए गौरवाविन्त, जिन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित किया.

एससीओ शिखर सम्मेलन में एससीओ सदस्य देशों के नेता, पर्यवेक्षक राज्यों, एससीओ के महासचिव, एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (SCO Regional Anti-Terrorist Structure ) के कार्यकारी निदेशक, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति और अन्य अतिथि शामिल होंगे.

पढ़ें - SCO बैठक में पीएम मोदी बोले- कट्टरता दुनिया के लिए बड़ी चुनौती, अफगानिस्तान बड़ा उदाहरण

यह हाइब्रिड प्रारूप (hybrid format ) में आयोजित होने वाला पहला एससीओ शिखर सम्मेलन है और चौथा शिखर सम्मेलन है, जिसमें भारत एससीओ के पूर्ण सदस्य के रूप में भाग लेगा.

एससीओ शिखर सम्मेलन का महत्व इसलिए है क्योंकि संगठन इस वर्ष अपनी 20वीं वर्षगांठ मना रहा है.

शिखर सम्मेलन में नेताओं से पिछले दो दशकों में संगठन की गतिविधियों की समीक्षा करने और राज्य और भविष्य के सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा करने की उम्मीद है. साथ ही क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के सामयिक मुद्दों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है.

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर (EAM Jaishankar) ने शुक्रवार को रूसी विदेश मंत्री (EAM Jaishankar) सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) से मुलाकात की और अफगानिस्तान और अन्य मुद्दों पर उपयोगी चर्चा की. उन्होंने ईरानी राष्ट्रपति रईसी के साथ अपना दृष्टिकोण भी साझा किया.

जयशंकर ने तालिबान के अधिग्रहण के बाद अफगानिस्तान की स्थिति पर एससीओ शिखर सम्मेलन (SCO summit) से इतर ताजिक राजधानी (Tajik capital) में दोनों नेताओं से मुलाकात की.

जयशंकर ने एक ट्वीट करते हुए कहा, ' एससीओ शिखर सम्मेलन की शुरुआत से पहले अफगानिस्तान सहित मौजूदा मुद्दों (contemporary issues) पर एक उपयोगी चर्चा.'

बता दें कि जयशंकर और लावरोव आखिरी बार जुलाई में मास्को में मिले थे. दोनों नेताओं ने जुलाई में यहां एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में भी अपने देशों का प्रतिनिधित्व किया था.

गौरतलब है कि जयशंकर जुलाई और अगस्त में दो बार राष्ट्रपति रईसी (President Raisi) से मिले थे.उन्होंने रईसी के शपथ ग्रहण समारोह (swearing-in ceremony) में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.

एससीओ शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान में तेजी से विकसित हो रही सुरक्षा स्थिति के साथ-साथ समग्र क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य (overall regional security scenario) पर विचार-विमर्श करने की उम्मीद है.

गौरतलब है कि जयशंकर एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों और सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन के साथ अफगानिस्तान पर आज होने वाली एक बैठक में भाग लेंगे. ताजिक नेतृत्व द्वारा एससीओ काउंसिल ऑफ स्टेट्स ऑफ स्टेट्स (SCO Council of Heads of State) की 21वीं बैठक में गर्मजोशी से स्वागत किया गया.

जयशंकर ने आज एक ट्वीट में कहा कि दुशांबे में पीएम नरेंद्र मोदी (PM narendra modi in Dushanbe) का प्रतिनिधित्व करने के लिए गौरवाविन्त, जिन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित किया.

एससीओ शिखर सम्मेलन में एससीओ सदस्य देशों के नेता, पर्यवेक्षक राज्यों, एससीओ के महासचिव, एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (SCO Regional Anti-Terrorist Structure ) के कार्यकारी निदेशक, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति और अन्य अतिथि शामिल होंगे.

पढ़ें - SCO बैठक में पीएम मोदी बोले- कट्टरता दुनिया के लिए बड़ी चुनौती, अफगानिस्तान बड़ा उदाहरण

यह हाइब्रिड प्रारूप (hybrid format ) में आयोजित होने वाला पहला एससीओ शिखर सम्मेलन है और चौथा शिखर सम्मेलन है, जिसमें भारत एससीओ के पूर्ण सदस्य के रूप में भाग लेगा.

एससीओ शिखर सम्मेलन का महत्व इसलिए है क्योंकि संगठन इस वर्ष अपनी 20वीं वर्षगांठ मना रहा है.

शिखर सम्मेलन में नेताओं से पिछले दो दशकों में संगठन की गतिविधियों की समीक्षा करने और राज्य और भविष्य के सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा करने की उम्मीद है. साथ ही क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के सामयिक मुद्दों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है.

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