नई दिल्ली: भारत इस बार शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्री स्तर की दो दिवसीय बैठक की मेजबानी कर रहा है. एससीओ संगठन की यह बैठक आज से गोवा में शुरू हो रही है. बता दें, बैठक की अध्यक्षता भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर कर रहे हैं. इस दौरान एस जयशंकर एससीओ महासचिव, चीन, रूस और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. चीन और रूस के विदेश मंत्री का यह दूसरा भारत दौरा है. इससे पहले वे मार्च में जी-20 बैठक के लिए दिल्ली पहुंचे थे.
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#WATCH | Russian Foreign Minister Sergey Lavrov reached Goa's Dabolim airport to attend the Shanghai Cooperation Organisation's (SCO) foreign ministers' meeting. pic.twitter.com/0RHdT9o8zn
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चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि बैठक में स्टेट काउंसिलर और विदेश मंत्री किन गैंग अन्य एससीओ सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय स्थिति और विभिन्न क्षेत्रों में एससीओ सहयोग सहित अन्य विषयों पर पूरी तैयारी करने के लिए विचारों का आदान-प्रदान करेंगे. माना जा रहा है कि एससीओ की बैठक में अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा हो सकती है. साथ ही भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर भी चर्चा हो सकती है.
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दरअसल, मई साल 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद भारत और चीन के संबंधों में खटास आ गई थी. एलएसी पर गतिरोध पैदा होने के बाद करने भारत और चीन के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है. हालांकि, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के बीच द्विपक्षीय संबंधों की कोई पुष्टि नहीं हुई है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भुट्टो जरदारी गोवा में एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे. प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि बैठक में हमारी भागीदारी एससीओ चार्टर और प्रक्रिया के प्रति पाकिस्तान की निरंतर प्रतिबद्धता और पाकिस्तान द्वारा अपनी विदेश नीति की प्राथमिकताओं में क्षेत्र को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाती है. बता दें पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी 12 वर्षों के अंतराल के बाद भारत आने वाले पहले विदेश मंत्री होंगे. इससे पहले साल 2011 में पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने भारत का दौरा किया था.
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बता दें, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की स्थापना साल 2001 में की गई थी. शंघाई सहयोग संगठन के सदस्यों में रूस, भारत, चीन, पाकिस्तान और चार मध्य एशियाई देश - कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं.
(एजेंसियां)