लखनऊ : डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन का पौधा (Leaves of insulin plant) वरदान है. जिसका वैज्ञानिक नाम कोक्टस इग्नस है. इस जादुई पौधे की पत्तियों को चबाने से आपकी फॉस्टिंग शुगर से लेकर खाने के बाद तक की शुगर कंट्रोल रहेगी. इसका स्वाद खाने में खट्टा है, लेकिन गुण बहुत हैं. इसके सेवन से पैंक्रियाज से इंसुलिन रिलीज होता है, जो बॉडी में ग्लूकोज की मात्रा ऑब्जर्व कर ब्लड शुगर (control blood sugar) कंट्रोल करता है. इंसुलिन प्लांट स्टीविया डायबिटीज के पेशेंट के लिए फायदेमंद है. यह बातें राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय के प्रिंसिपल डॉ. डीके सोनकर ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहीं.
![डॉ. डीके सोनकर, प्रिंसिपल, राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/27-09-2023/up-luc-02-medical-routine-7209871_27092023155514_2709f_1695810314_165.jpg)
राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय के प्रिंसिपल डॉ. डीके सोनकर ने बताया कि 'डायबिटीज आज के समय में किसी को भी हो सकता है. यह कोई बड़ी बात नहीं है. चिकित्सा की सभी विधाओं में डायबिटीज की दवाएं उपलब्ध हैं. डायबिटीज को कंट्रोल (control blood sugar) करने के लिए इंसुलिन के पौधे की पत्तियां भी काफी ज्यादा मददगार होती हैं, लेकिन इसके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है. इंसुलिन प्लांट्स का आयुर्वेद व होम्योपैथ में बहुत महत्व है. इसका वैज्ञानिक नाम कोक्टस पिक्टस है और इसे क्रेप अदरक, केमुक, कुए, कीकंद, कुमुल, पकरमुला और पुष्करमूला जैसे नामों से भी जाना जाता है. स्वाद में इसकी पत्तियों का टेस्ट खट्टा होता है.'
![इंसुलिन पौधे की पत्तियां ब्लड शुगर को करती हैं कंट्रोल](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/27-09-2023/up-luc-02-medical-routine-7209871_27092023155514_2709f_1695810314_454.jpeg)
उन्होंने बताया कि 'आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने खान-पान का ख्याल नहीं रखते हैं. बिगड़ती जीवन शैली के कारण कम उम्र में ही लोग डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं. डायबिटीज ऐसी बीमारी है जो अगर होती है तो ता उम्र रहती है. फिर इसे कंट्रोल करने की आवश्यकता पड़ती है. डायबिटीज का स्तर अगर बढ़ जाता है तो डायबिटिक नेचरोपैथ होने का भी खतरा बढ़ जाता है. डायबिटिक नेचरोपैथ में मरीज की हालत काफी ज्यादा खराब हो जाती है. मरीज के शरीर में अत्यधिक दर्द होता है, इसीलिए जरूरी है कि डायबिटीज को कंट्रोल में रखना. उन्होंने कहा कि चिकित्सा की हर विधा में फिर चाहे वह एलोपैथ हो, होम्योपैथी हो या फिर आयुर्वेद हो सभी में डायबिटीज की दवाएं उपलब्ध हैं. अगर सबसे सरल और आसान तरीका देखा जाए तो होम्योपैथी और आयुर्वेद में है. इसके अलावा इंसुलिन प्लांट में मौजूद गुण बीपी, आंख, आंत, हार्ट से जुड़ी समस्या के लिए भी फायदेमंद है. कई स्टडी में भी कहा गया है कि इंसुलिन में मौजूद गुण और पोषक तत्व कई गंभीर बीमारियों में बहुत फायदेमंद है. इंसुलिन पौधे की पत्तियों में प्रोटीन, फ्लेवोनॉयड, एंटीऑक्सीडेंट एस्कोरबिक एसिड, बिटाकैरोटीन, कार्बोलिक एसिड, टेरपोनॉयड पाए जाते हैं जो ब्लड शुगर को कम करने में मदद करते हैं.'
![इंसुलिन पौधे की पत्तियां ब्लड शुगर को करती हैं कंट्रोल](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/27-09-2023/19621625_ni.jpg)
इंसुलिन के पौधे के बारे में : डॉ डीके सोनकर ने बताया कि 'इंसुलिन का पौधा साल में कभी भी लगाया जा सकता है. यह एक झाड़ी की तरह दिखाई देने वाला पौधा होता है. पौधे की ऊंचाई ढाई से तीन फीट तक होती है. बारिश के मौसम में इसे लगाना सबसे आसान होता है. लोग इसे आसानी से घर पर गमले में खाद और मिट्टी को सही तरीके से लगा सकते हैं. समय-समय पर पौधों को पानी देते रहें, ताकि पौधा अच्छे से पकड़ ले. इस पौधे को लगाने के लिए अत्यधिक जगह की आवश्यकता नहीं होती है, इसे छोटे गमले में भी लगाया जा सकता है. एनबीआरआई के गार्डन में इंसुलिन का पौधा है.'
रोज खाने से होगा फायदा : उन्होंने कहा कि 'भले ही अन्य विधाओं के लोग इस बात को न मानें, लेकिन होम्योपैथ व आयुर्वेद में इसका जिक्र है और इससे काफी फायदा होता है. लगातार अगर कोई व्यक्ति इंसुलिन के पौधे की पत्तियों का सेवन करता है तो उसकी तबीयत ठीक रहती है न सिर्फ डायबिटीज कंट्रोल होता है बल्कि हार्ट अटैक जैसी दिखते भी व्यक्ति को नहीं होती है. यह पौधा किसी भी आम नर्सरी में उपलब्ध होता है. उन्होंने कहा कि इंसुलिन पौधा एक मेडिसिनल प्लांट है. वर्षों से इसका इस्तेमाल दवाएं बनाने में किया जा रहा है. इस पौधे की पत्तियों को चबाने से शरीर में इंसुलिन बनने लगता है. इस पौधे में कई ऐसे गुण होते हैं जो डायबिटीज समेत कई गंभीर दिक्कतों से छुटकारा दिलाने में फायदेमंद है. इंसुलिन पौधे की पत्तियां में नेचुरल केमिकल्स पाए जाते हैं.