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Government Schools In Punjab : पिछले दो वर्षों में रिकॉर्ड स्तर पर नामांकन

पंजाब में शिक्षा (Education In Punjab) के स्तर को बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. पिछले दो वर्षों में सरकारी स्कूलों (Government Schools) में नामांकन दर रिकॉर्ड स्तर पर (Enrollment rate at record level) पहुंच गई है. सरकारी स्कूलों में नामांकन दर 2019-20 के मुकाबले 2020-21 में 10.38 फीसदी बढ़ी है. इस बीच छात्रों की संख्या 23.5 लाख से बढ़कर 25.9 लाख हो गई है.

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Published : Mar 24, 2022, 10:52 PM IST

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लुधियाना : पंजाब में शिक्षा (Education In Punjab) के स्तर को बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. पिछले दो वर्षों में सरकारी स्कूलों (Government Schools) में नामांकन दर रिकॉर्ड स्तर पर (Enrollment rate at record level) पहुंच गई है. सरकारी स्कूलों में नामांकन दर 2019-20 के मुकाबले 2020-21 में 10.38 फीसदी बढ़ी है. इस बीच छात्रों की संख्या 23.5 लाख से बढ़कर 25.9 लाख हो गई है. शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक साल 2020-21 में सरकारी स्कूलों में 1 लाख 14 हजार 773 नए छात्रों का नामांकन हुआ है. इसके अलावा, प्री-प्राइमरी स्कूलों में साल 2020-21 में प्रवेश दर में रिकॉर्ड 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. सरकारी बनाम निजी स्कूलों की तुलना करें तो छात्रों की नामांकन दर अब लगभग बराबर है. इतना ही नहीं, बड़ी संख्या में छात्र निजी स्कूलों से सरकारी स्कूलों की ओर बढ़ रहे हैं. पिछले साल पंजाब के लुधियाना में प्राथमिक और सेकेंडरी कक्षाओं में सबसे ज्यादा दाखिले हुए थे.

पढ़ें: राज्यसभा के लिए पंजाब से आप के पांच उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित

धार्मिक स्थलों का समर्थन : शिक्षा विभाग अब सरकारी स्कूलों की उपलब्धियों को उजागर करने के लिए धार्मिक स्थलों का सहारा ले रहा है. गुरुद्वारों से घोषणा की जा रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक हों और बच्चों का दाखिला स्कूलों में कराया जा सके. गुरुद्वारों से जानकारी दी जा रही है कि सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक किसी विद्यार्थी से शुल्क नहीं लिया जाएगा. इसके मुफ्त स्कूल ड्रेस, किताबें और मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत पौष्टिक भोजन दिए जाने को भी प्रचारित किया जा रहा है.

पढ़ें:शहीद दिवस पर पंजाब के मुख्यमंत्री ने जारी किया भ्रष्टाचार विरोधी नंबर

फीस को लेकर चिंतित अभिभावक: पिछले दो साल में कोरोना महामारी के चलते निजी स्कूलों के मुकाबले सरकारी स्कूलों में हुए नामांकन में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है. इसका एक प्रमुख कारण निजी स्कूलों की फीस को भी माना जा रहा है. अकेले गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सिमेट्री रोड, लुधियाना के मामले में, स्कूल में नामांकित छात्रों की संख्या पिछले दो वर्षों में तीन गुना हो गई है. 2018 में, स्कूल में लगभग 900 छात्र थे और अब स्कूल में लगभग 2200 छात्र हैं. स्कूल के शिक्षकों ने लिखा है कि स्कूलों का बुनियादी ढांचा अच्छा है.

सरकारी स्कूलों का बढ़ता स्तर: पिछले कुछ वर्षों में सरकारी स्कूलों का स्तर लगातार बढ़ रहा है. पंजाब में शिक्षा विभाग के तहत कुल 12880 प्राथमिक, 2670 मिडिल और 1740 हाई स्कूल के अलावा 1972 माध्यमिक विद्यालय चल रहे हैं. पंजाब सरकार द्वारा पूर्व में दावा किया गया था कि पंजाब में लगभग 13000 सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदल दिया गया है. स्कूलों में बुनियादी ढांचे को लगातार मजबूत किया जा रहा है. 2020-21 में देश में पिछले वर्षों की तुलना में सबसे अधिक 15% नामांकन हुआ है. इसके अलावा, 12976 स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में परिवर्तित किया गया है. 13 हजार स्कूलों के 41336 कक्षाओं के लिए बुनियादी ढांचे को स्मार्ट बनाया जाना था. भर्ती के अलावा स्कूलों में शिक्षकों की संख्या, खेल के मैदान, शिक्षा पार्क, विज्ञान प्रयोगशालाओं और शौचालयों में भी सुधार किया गया है.

लुधियाना : पंजाब में शिक्षा (Education In Punjab) के स्तर को बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. पिछले दो वर्षों में सरकारी स्कूलों (Government Schools) में नामांकन दर रिकॉर्ड स्तर पर (Enrollment rate at record level) पहुंच गई है. सरकारी स्कूलों में नामांकन दर 2019-20 के मुकाबले 2020-21 में 10.38 फीसदी बढ़ी है. इस बीच छात्रों की संख्या 23.5 लाख से बढ़कर 25.9 लाख हो गई है. शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक साल 2020-21 में सरकारी स्कूलों में 1 लाख 14 हजार 773 नए छात्रों का नामांकन हुआ है. इसके अलावा, प्री-प्राइमरी स्कूलों में साल 2020-21 में प्रवेश दर में रिकॉर्ड 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. सरकारी बनाम निजी स्कूलों की तुलना करें तो छात्रों की नामांकन दर अब लगभग बराबर है. इतना ही नहीं, बड़ी संख्या में छात्र निजी स्कूलों से सरकारी स्कूलों की ओर बढ़ रहे हैं. पिछले साल पंजाब के लुधियाना में प्राथमिक और सेकेंडरी कक्षाओं में सबसे ज्यादा दाखिले हुए थे.

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धार्मिक स्थलों का समर्थन : शिक्षा विभाग अब सरकारी स्कूलों की उपलब्धियों को उजागर करने के लिए धार्मिक स्थलों का सहारा ले रहा है. गुरुद्वारों से घोषणा की जा रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक हों और बच्चों का दाखिला स्कूलों में कराया जा सके. गुरुद्वारों से जानकारी दी जा रही है कि सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक किसी विद्यार्थी से शुल्क नहीं लिया जाएगा. इसके मुफ्त स्कूल ड्रेस, किताबें और मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत पौष्टिक भोजन दिए जाने को भी प्रचारित किया जा रहा है.

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फीस को लेकर चिंतित अभिभावक: पिछले दो साल में कोरोना महामारी के चलते निजी स्कूलों के मुकाबले सरकारी स्कूलों में हुए नामांकन में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है. इसका एक प्रमुख कारण निजी स्कूलों की फीस को भी माना जा रहा है. अकेले गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सिमेट्री रोड, लुधियाना के मामले में, स्कूल में नामांकित छात्रों की संख्या पिछले दो वर्षों में तीन गुना हो गई है. 2018 में, स्कूल में लगभग 900 छात्र थे और अब स्कूल में लगभग 2200 छात्र हैं. स्कूल के शिक्षकों ने लिखा है कि स्कूलों का बुनियादी ढांचा अच्छा है.

सरकारी स्कूलों का बढ़ता स्तर: पिछले कुछ वर्षों में सरकारी स्कूलों का स्तर लगातार बढ़ रहा है. पंजाब में शिक्षा विभाग के तहत कुल 12880 प्राथमिक, 2670 मिडिल और 1740 हाई स्कूल के अलावा 1972 माध्यमिक विद्यालय चल रहे हैं. पंजाब सरकार द्वारा पूर्व में दावा किया गया था कि पंजाब में लगभग 13000 सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदल दिया गया है. स्कूलों में बुनियादी ढांचे को लगातार मजबूत किया जा रहा है. 2020-21 में देश में पिछले वर्षों की तुलना में सबसे अधिक 15% नामांकन हुआ है. इसके अलावा, 12976 स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में परिवर्तित किया गया है. 13 हजार स्कूलों के 41336 कक्षाओं के लिए बुनियादी ढांचे को स्मार्ट बनाया जाना था. भर्ती के अलावा स्कूलों में शिक्षकों की संख्या, खेल के मैदान, शिक्षा पार्क, विज्ञान प्रयोगशालाओं और शौचालयों में भी सुधार किया गया है.

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