नई दिल्ली : तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी को किसी निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की मद्रास उच्च न्यायालय ने अनुमति दी थी. मद्रास उच्च न्यायालय के इस निर्देश के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उच्चतम न्यायालय का रूख किया, जहां शीर्ष अदालत ने ईडी की याचिका पर 21 जून को सुनवाई करने का फैसला किया है. बालाजी, दिवंगत जे जयललिता के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) सरकार में परिवहन मंत्री थे। प्रवर्तन निदेशालय ने उनके कार्यकाल के दौरान पैसे लेकर नौकरी देने से जुड़े घोटाले के सिलसिले में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत उन्हें गिरफ्तार किया है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष इस मामले का जिक्र किया और तत्काल सुनवाई किए जाने का अनुरोध किया. मेहता ने पीठ से कहा कि बालाजी एक प्रभावशाली मंत्री हैं और उच्च न्यायालय ने उन्हें एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की अनुमति दे दी है. उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से एक सरकारी अस्पताल में उपचाराधीन बालाजी को निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की 15 जून को अनुमति दी थी. बालाजी की पत्नी द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही अदालत ने यह अंतरिम आदेश दिया था.
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उसने बालाजी की कथित अवैध गिरफ्तारी से जुड़ी मुख्य याचिका पर भी निदेशालय को नोटिस जारी किया था और मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 जून की तारीख तय की. अदालत ने कहा था कि बालाजी न्यायिक हिरासत में ही रहेंगे और उसने जांच एजेंसी को मंत्री के स्वास्थ्य के मद्देनजर चिकित्सकों का अपना दल तैनात करने की भी अनुमति दी थी.
(पीटीआई-भाषा)