नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज केरल सरकार को बकरीद के अवसर पर तीन दिनों के लिए लॉकडाउन में छूट की अनुमति देने के लिए फटकार लगाई और कहा कि अगर इससे कोरोना संक्रमण फैलता है तो इसे अदालत के समक्ष लाया जा सकता है और अदालत राज्य के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी.
न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ बकरीद पर लॉकडाउन में तीन दिन की छूट देने के केरल सरकार के फैसले के खिलाफ एक अर्जी पर सुनवाई कर रही थी. सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को यह याचिका दायर की गई थी और कोर्ट ने उसी दिन कोविड प्रतिबंधों में ढील पर केरल से जवाब मांगा था और आज पहले मामले के रूप में मामले की सुनवाई की.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह चौंकाने वाली स्थिति है कि केरल सरकार ने लॉकडाउन के प्रतिबंधों में ढील देने की व्यापारियों की मांग को मान लिया.
कोर्ट ने कहा कि प्रतिबंधों को हटाना चिंताजनक और बहुत ही खेदजनक स्थिति है. साथ ही कहा कि दबाव समूह, धार्मिक या अन्य, अनुच्छेद 21 के तहत नागरिकों के जीवन के मौलिक अधिकार में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं.
शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि कोई अप्रिय घटना होती है तो कोई भी जनता इसे हमारे संज्ञान में ला सकती है और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम केरल को कांवड़ यात्रा मामले में दिए गए हमारे आदेशों का पालन करने का निर्देश देते हैं.
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वहीं, केरल ने कोर्ट से कहा था कि सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा और जहां तक संभव होगा केवल वैक्सीन की एक खुराक लेकर चुके लोग ही दुकानों पर जाएंगे. हालांकि, अदालत ने कहा कि यह जनता या अदालत में विश्वास नहीं जगाता है.
अदालत ने कहा, 'यह एक खेदजनक स्थिति प्रस्तुत करता है और किसी भी वास्तविक तरीके से जीवन के अधिकार की रक्षा नहीं करता है.'