नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पूरे भारत में सभी राज्य बोर्डों के मूल्यांकन के लिए एक समान योजना नहीं हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं की परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए ऐसा आदेश पारित करने से इनकार किया. साथ ही राज्यों को यह आदेश दिया कि वह 10 दिन के अंदर मूल्यांकन कर 31 जुलाई के पहले परिणाम घोषित करें, जैसा कि सीबीएसई और आईसीएसई के लिए समयसीमा तय की गई है.
वहीं, आंध्र प्रदेश सरकार के बारहवीं कक्षा की परीक्षा 'अस्थायी रूप से जुलाई में' आयोजित करने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का कहना है, राज्य के पास एक निर्णय और ठोस योजना होनी चाहिए. यह छात्रों के जीवन के साथ कैसे खिलवाड़ कर सकते हैं?
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर केंद्र सरकार ने सीबीएसई 12 वीं की परीक्षा (CBSE Board Class 12 Exams) रद्द कर दी है. दिल्ली सरकार के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल ने 12वीं क्लास की परीक्षा (12th Class Exam 2021) रद्द करने के लिए केंद्र सरकार से गुहार लगाई थी.
केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार (Delhi Government On CBSE Exam) की बात मानते हुए 12वीं कक्षा की परीक्षा रद्द (Cancellation of 12th Class examination करने का फैसला लिया था. इसके बाद कई अन्य राज्यों ने भी परीक्षा नहीं कराने का फैसला लिया था.
ये कहा था आंध्र प्रदेश सरकार
आंध्र प्रदेश सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में कहा था कि वह बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं सफलतापूर्वक करा लेगी क्योंकि राज्य बोर्ड के विद्यार्थियों के मूल्यांकन के लिए और कोई भरोसेमंद विकल्प नहीं हैं.
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राज्य सरकार ने कहा कि वह संभावित रूप से जुलाई के अंतिम सप्ताह में 12वीं कक्षा की परीक्षा कराएगी और इस संबंध में परीक्षा का कार्यक्रम जल्द जारी किया जाएगा. राज्य के स्थायी वकील महफूज ए नाजकी के माध्यम से दाखिल हलफनामे में राज्य सरकार ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के मामले तेजी से घट रहे हैं.