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SC ने कहा- मुल्लापेरियार बांध का जल स्तर 139.50 फीट तक बनाए रखा जाए, अगली सुनवाई 11 नवंबर को

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मुल्लापेरियार बांध में सुपरवाइजरी कमेटी द्वारा तय किए गए जल स्तर 139.50 फीट को बनाए रखा जाए. साथ ही शीर्ष अदालत अब इस मामले पर 11 नवंबर को सुनवाई करेगी.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Oct 28, 2021, 7:09 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को आदेश दिया है कि मुल्लापेरियार बांध में सुपरवाइजरी कमेटी द्वारा तय किए गए जल स्तर 139.50 फीट को बनाए रखा जाए. इस मामले पर अब अदालत 11 नवंबर को सुनवाई करेगी.

कोर्ट ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर बांध की स्थिति की निगरानी घंटे के आधार पर की जानी चाहिए और इसके अनुसार ही निर्णय की समीक्षा की जानी चाहिए. इस बारे में न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अगुवाई वाली पीठ ने केरल राज्य को इस मामले में 9 नवंबर या उससे पहले एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा और मामले की सुनवाई 11 नवंबर को दोपहर 2 बजे के लिए स्थगित कर दी.

अदालत मुल्लापेरियार बांध में जल स्तर की निगरानी और बांध के संबंध में केरल और तमिलनाडु राज्यों के बीच पट्टे को समाप्त करने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. पिछली सुनवाई में अदालत को सुपरवाइजरी कमेटी की बैठक के बारे में बताया गया था जिस पर केरल ने असहमति जताई थी. इस संबंध में आज शीर्ष अदालत को बताया गया कि दोनों राज्यों के बीच रूल कर्व को छोड़कर सभी मुद्दों को सुलझा लिया गया है.

ये भी पढ़ें - हाई कोर्ट की यूपी पुलिस को फटकार, कहा- ऐसा यूपी में होता है दिल्ली में नहीं

हालांकि तमिलनाडु चाहता है कि बांध में जलस्तर 142 फीट पर बनाए रखा जाए जिसे केरल सरकार स्वीकार नहीं करती क्योंकि बारिश को देखते हुए यह सुरक्षित नहीं होगा. इस बारे में कोर्ट में अधिवक्ता जयदीप गुप्ता ने कहा कि हालांकि केरल और तमिलनाडु में देश के बाकी हिस्सों में मानसून खत्म हो गया है, लेकिन अभी इसकी शुरूआत हो रही है जो नवंबर के अंत तक चलेगी.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को आदेश दिया है कि मुल्लापेरियार बांध में सुपरवाइजरी कमेटी द्वारा तय किए गए जल स्तर 139.50 फीट को बनाए रखा जाए. इस मामले पर अब अदालत 11 नवंबर को सुनवाई करेगी.

कोर्ट ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर बांध की स्थिति की निगरानी घंटे के आधार पर की जानी चाहिए और इसके अनुसार ही निर्णय की समीक्षा की जानी चाहिए. इस बारे में न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अगुवाई वाली पीठ ने केरल राज्य को इस मामले में 9 नवंबर या उससे पहले एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा और मामले की सुनवाई 11 नवंबर को दोपहर 2 बजे के लिए स्थगित कर दी.

अदालत मुल्लापेरियार बांध में जल स्तर की निगरानी और बांध के संबंध में केरल और तमिलनाडु राज्यों के बीच पट्टे को समाप्त करने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. पिछली सुनवाई में अदालत को सुपरवाइजरी कमेटी की बैठक के बारे में बताया गया था जिस पर केरल ने असहमति जताई थी. इस संबंध में आज शीर्ष अदालत को बताया गया कि दोनों राज्यों के बीच रूल कर्व को छोड़कर सभी मुद्दों को सुलझा लिया गया है.

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हालांकि तमिलनाडु चाहता है कि बांध में जलस्तर 142 फीट पर बनाए रखा जाए जिसे केरल सरकार स्वीकार नहीं करती क्योंकि बारिश को देखते हुए यह सुरक्षित नहीं होगा. इस बारे में कोर्ट में अधिवक्ता जयदीप गुप्ता ने कहा कि हालांकि केरल और तमिलनाडु में देश के बाकी हिस्सों में मानसून खत्म हो गया है, लेकिन अभी इसकी शुरूआत हो रही है जो नवंबर के अंत तक चलेगी.

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