नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने नंदीग्राम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कथित हमले की सीबीआई जैसी किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच कराने के अनुरोध वाली याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया.
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश वकील से कहा, 'आप कलकत्ता उच्च न्यायालय जाएं.'
पीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकील को उच्च न्यायालय जाने की छूट देते हुए याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी .
बनर्जी ने 10 मार्च को आरोप लगाया था कि नंदीग्राम में 'चार-पांच' लोगों ने उनपर हमला किया जिसके कारण उनका पैर चोटिल हो गया. घटना से पहले उन्होंने नंदीग्राम सीट से नामांकन पत्र जमा किया था. इस सीट पर भाजपा ने शुभेंदु अधिकारी को मुकाबले में उतारा है.
शुभम अवस्थी और दो अन्य ने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल कर दावा किया था कि संवैधानिक पद वाले किसी व्यक्ति पर कथित हमले की सीबीआई जैसी किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करानी चाहिए और वोटरों का विश्वास बढ़ाने के लिए इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए.
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याचिका में चुनावी हिंसा के लिए सजा बढ़ाने को लेकर निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया दायर याचिका में कहा गया, 'संवैधानिक पद वाले किसी व्यक्ति पर इस तरह का हमला मुक्त और पारदर्शी चुनाव के विचार के खिलाफ है.'
याचिका में दावा किया गया था कि कथित हमले के बाद पश्चिम बंगाल में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया.