नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें अहमदाबाद नगर निगम के चिड़ियाघर, स्विमिंग पूल, पुस्तकालय आदि जैसे कुछ सार्वजनिक स्थानों में प्रवेश करने के लिए टीकाकरण अनिवार्य करने के आदेश को चुनौती दी गई थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि उसने टीका क्यों नहीं लगवाया.
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा, 'नगर आयुक्त शहर के भीतर सार्वजनिक स्थानों के प्रभारी होते हैं. उन्हें अपने निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होती है. वह पूरे राज्य और पार्कों और सार्वजनिक स्थानों पर जाने वाले लोगों के कल्याण के बारे में चिंतित हैं इसलिए ऐसा निर्णय लिया है.'
पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से पूछा कि उसने टीका क्यों नहीं लगवाया, जिस पर याचिकाकर्ता ने जवाब दिया कि इसका प्रतिकूल प्रभाव है. इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'हर टीकाकरण का लाभ होता है और नहीं तो कम से कम समुदाय का लाभ देखें.' गौरतलब है कि हाल ही में अदालत ने कुछ राज्यों द्वारा जारी टीकाकरण आदेश को चुनौती देने वाली एक और याचिका पर सुनवाई की थी.
राज्यों ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि यह व्यापक जनहित में आवश्यक था और कुछ राज्यों ने कहा था कि उन्होंने इसे अनिवार्य नहीं बनाया और धीरे-धीरे सभी प्रतिबंधों को हटा रहे हैं. केंद्र ने कहा था कि कोई जनादेश नहीं था और अदालत को ऐसे मामलों की सुनवाई नहीं करनी चाहिए जो वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में झिझक पैदा कर सकते हैं. अदालत ने हालांकि मामले की सुनवाई की और अपने आदेश को सुरक्षित रख लिया जिसका इंतजार है.
ये है मामला : गुजरात में अहमदाबाद नगर निगम (Ahmedabad Municipal Corporation-AMC) ने घोषणा की थी कि टीकाकरण प्रमाणपत्र दिखाने पर ही सिटी बसें, बीआरटीएस, स्विमिंग पूल, पुस्तकालय, खेल परिसर आदि सार्वजनिक स्थानों पर जनता को सेवा उपलब्ध होगी. इसके बाद यही नियम निजी संस्थानों पर भी लागू कराया गया है. इसी को लेकर याचिका दाखिल की गई थी.
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