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गोकर्ण महाबलेश्वर मंदिर का प्रबंधन जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण की निगरानी समिति देखेगी : सुप्रीम कोर्ट - Gokarna Mahabaleshwar temple

कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिला स्थित गोकर्ण के महाबलेश्वर मंदिर का प्रबंधन अब से सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण की निगरानी समिति देखेगी. यह आदेश शीर्ष अदालत ने अपने पहले अंतरिम आदेश में बदलाव करते हुए दिया है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

गोकर्ण महाबलेश्वर मंदिर का प्रबंधन जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण की निगरानी समिति
गोकर्ण महाबलेश्वर मंदिर का प्रबंधन जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण की निगरानी समिति
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Published : Apr 19, 2021, 4:35 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिला स्थित गोकर्ण के महाबलेश्वर मंदिर का प्रबंधन शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता वाली निगरानी समिति को सौंपा जाएगा.

प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने जिन याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया है, उनमें से एक याचिका रामचंद्रपुरा मठ की ओर से दायर की गई थी.

मठ ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के 2018 के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी. उक्त फैसले में अदालत ने गोकर्ण के महाबलेश्वर मंदिर का प्रबंधन रामचंद्रपुरा मठ को सौंपने के राज्य सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था.

पढ़ेंः मादक पदार्थों का काम करने वाले लोग बेगुनाहों की मौत के लिए जिम्मेदार: न्यायालय

शीर्ष अदालत ने अपने पहले के अंतरिम आदेश में बदलाव किया है और आदेश दिया है कि गोकर्ण महाबलेश्वर मंदिर का प्रबंधन अब शीर्ष न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता वाली निगरानी समिति के तहत काम करेगा.

पीठ ने आदेश में कहा कि अपीलकर्ता मठ को मंदिर का प्रबंधन इस समिति को सौंपना होगा जो सारी परपंराओं और रीतियों का पालन करते हुए इसका कामकाज देखेगा.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिला स्थित गोकर्ण के महाबलेश्वर मंदिर का प्रबंधन शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता वाली निगरानी समिति को सौंपा जाएगा.

प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने जिन याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया है, उनमें से एक याचिका रामचंद्रपुरा मठ की ओर से दायर की गई थी.

मठ ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के 2018 के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी. उक्त फैसले में अदालत ने गोकर्ण के महाबलेश्वर मंदिर का प्रबंधन रामचंद्रपुरा मठ को सौंपने के राज्य सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था.

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शीर्ष अदालत ने अपने पहले के अंतरिम आदेश में बदलाव किया है और आदेश दिया है कि गोकर्ण महाबलेश्वर मंदिर का प्रबंधन अब शीर्ष न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता वाली निगरानी समिति के तहत काम करेगा.

पीठ ने आदेश में कहा कि अपीलकर्ता मठ को मंदिर का प्रबंधन इस समिति को सौंपना होगा जो सारी परपंराओं और रीतियों का पालन करते हुए इसका कामकाज देखेगा.

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