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SC ने जाति आधारित जनगणना से संबंधित याचिका पर केंद्र को जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने जाति आधारित जनगणना से संबंधित याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है (SC Notice To Centre). शीर्ष कोर्ट ने इस मामले को अपने समक्ष लंबित इसी तरह के एक अन्य मामले के साथ संलग्न कर दिया है.

SC Notice To Centre
सुप्रीम कोर्ट
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Published : Dec 24, 2022, 10:27 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आगामी जनगणना में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए जाति आधारित जनगणना के निर्देश की मांग वाली याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगा है (Caste Based Census For OBCs).

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिंह की पीठ ने केंद्र, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा.

इसने इस मामले को अपने समक्ष लंबित इसी तरह के एक अन्य मामले के साथ संलग्न कर दिया. शीर्ष अदालत अधिवक्ता कृष्ण कन्हैया पाल द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया है कि जाति आधारित सर्वेक्षण और जाति आधारित जनगणना की कमी के कारण सरकारें पिछड़े वर्गों के सभी तबकों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के लाभों को साझा करने में असमर्थ हैं.

याचिका में कहा गया है कि ठोस आंकड़ों के अभाव में ठोस नीतियां नहीं बनाई जा सकतीं, इसलिए ओबीसी के लिए जाति आधारित जनगणना की अत्यंत आवश्यकता है.

पढ़ें- जनगणना नहीं करना लोगों को राशन से वंचित करने का कारण नहीं हो सकता : सुप्रीम कोर्ट

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आगामी जनगणना में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए जाति आधारित जनगणना के निर्देश की मांग वाली याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगा है (Caste Based Census For OBCs).

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिंह की पीठ ने केंद्र, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा.

इसने इस मामले को अपने समक्ष लंबित इसी तरह के एक अन्य मामले के साथ संलग्न कर दिया. शीर्ष अदालत अधिवक्ता कृष्ण कन्हैया पाल द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया है कि जाति आधारित सर्वेक्षण और जाति आधारित जनगणना की कमी के कारण सरकारें पिछड़े वर्गों के सभी तबकों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के लाभों को साझा करने में असमर्थ हैं.

याचिका में कहा गया है कि ठोस आंकड़ों के अभाव में ठोस नीतियां नहीं बनाई जा सकतीं, इसलिए ओबीसी के लिए जाति आधारित जनगणना की अत्यंत आवश्यकता है.

पढ़ें- जनगणना नहीं करना लोगों को राशन से वंचित करने का कारण नहीं हो सकता : सुप्रीम कोर्ट

(पीटीआई-भाषा)

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