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SC ने जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कार्रवाई संबंधी याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया

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Published : Sep 23, 2022, 12:21 PM IST

Updated : Sep 23, 2022, 1:26 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने 'धोखाधड़ी से धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डराने, धमकाने जैसे मामलों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को कड़े कदम उठाने की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया.

SC NOTICE TO CENTRE ON PLEA SEEKING ACTION AGAINST FORCED RELIGIOUS CONVERSION
जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 'धोखाधड़ी से धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डराने, धमकाने, उपहारों और मौद्रिक लाभों के माध्यम से धर्मांतरण को नियंत्रित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को कड़े कदम उठाने के निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया. उच्चतम न्यायालय ने कपटपूर्वक कराए जाने वाले धर्मांतरण पर नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर केंद्र एवं अन्य से शुक्रवार को जवाब मांगा.

न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने भारत संघ, गृह मंत्रालय और विधि एवं न्याय मंत्रालय को नोटिस जारी किए. शीर्ष अदालत ने पक्षकारों से 14 नवंबर तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा. शीर्ष अदालत अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें 'डरा-धमकाकर, उपहार और आर्थिक लाभ की पेशकश करके छल से बहकाकर' कपटपूर्ण तरीके से कराए जाने वाले धर्मांतरण पर रोक लगाने का केंद्र और राज्यों को निर्देश देने का आग्रह किया गया है.

ये भी पढ़ें- नर्मदा परियोजना: सुप्रीम कोर्ट में विस्थापितों का मुआवजा बढ़ाने की मांग करने वाली याचिका खारिज

उपाध्याय ने याचिका में कहा कि यह एक राष्ट्रव्यापी समस्या है, जिससे तत्काल निपटे जाने की आवश्यकता है. याचिका में कहा गया, 'इससे नागरिकों को बहुत नुकसान होता है, क्योंकि एक भी ऐसा जिला नहीं है, जहां हर संभव माध्यम का इस्तेमाल करके धर्मांतरण नहीं कराया जाता हो.'

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 'धोखाधड़ी से धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डराने, धमकाने, उपहारों और मौद्रिक लाभों के माध्यम से धर्मांतरण को नियंत्रित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को कड़े कदम उठाने के निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया. उच्चतम न्यायालय ने कपटपूर्वक कराए जाने वाले धर्मांतरण पर नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर केंद्र एवं अन्य से शुक्रवार को जवाब मांगा.

न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने भारत संघ, गृह मंत्रालय और विधि एवं न्याय मंत्रालय को नोटिस जारी किए. शीर्ष अदालत ने पक्षकारों से 14 नवंबर तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा. शीर्ष अदालत अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें 'डरा-धमकाकर, उपहार और आर्थिक लाभ की पेशकश करके छल से बहकाकर' कपटपूर्ण तरीके से कराए जाने वाले धर्मांतरण पर रोक लगाने का केंद्र और राज्यों को निर्देश देने का आग्रह किया गया है.

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उपाध्याय ने याचिका में कहा कि यह एक राष्ट्रव्यापी समस्या है, जिससे तत्काल निपटे जाने की आवश्यकता है. याचिका में कहा गया, 'इससे नागरिकों को बहुत नुकसान होता है, क्योंकि एक भी ऐसा जिला नहीं है, जहां हर संभव माध्यम का इस्तेमाल करके धर्मांतरण नहीं कराया जाता हो.'

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Sep 23, 2022, 1:26 PM IST
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