ETV Bharat / bharat

जमानत मिलने के बाद रिहाई में देरी का मामला, राज्याें काे सुप्रीम काेर्ट का नाेटिस - रिहाई मामले में सुप्रीम काेर्ट का बयान

सुप्रीम कोर्ट ने जमानत के बाद जेल से दोषियों की रिहाई में देरी से संबंधित एक मामले पर राज्यों को नोटिस जारी किया है.

जमानत
जमानत
author img

By

Published : Jul 16, 2021, 1:54 PM IST

नई दिल्ली : जमानत मिलने के बाद भी कैदियों की रिहाई में देरी से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए शुक्रवार काे सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को नोटिस जारी किया है. साथ ही मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सेक्रेटरी जनरल को दो सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है.

बता दें कि उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने आठ जुलाई को जमानत पाने वाले 13 कैदियों को रिहा करने में उत्तर प्रदेश के अधिकारियों की ओर से देरी का स्वत: संज्ञान लिया. इन कैदियों को शीर्ष अदालत ने जमानत दी थी. दोषी हत्या के एक मामले में आगरा जेल में 14 से लेकर 22 साल से बंद हैं. वे जुर्म के समय किशोर थे.

तेरह दोषियों ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था और दावा किया था कि उनकी हिरासत अवैध है, क्योंकि फरवरी 2017 और मार्च 2021 के बीच विभिन्न अंतराल पर उनमें से प्रत्येक के मामले में किशोर न्याय बोर्ड ने स्पष्ट आदेश पारित किए थे, जिसमें उन्हें हत्या के समय किशोर घोषित किया गया था. शीर्ष अदालत ने आठ जुलाई को उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था और उत्तर प्रदेश सरकार को उनके किशोर होने के आदेश के बावजूद जेल में निरंतर रहने के तथ्यों को सत्यापित करने के लिए समय दिया था.

इसे भी पढ़ें : SC ने जमानत मिलने के बाद रिहाई में देरी के मामले का स्वत: संज्ञान लिया

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना (CJI NV Ramana) ने उन रिपोर्ट का संज्ञान लिया है जिनमें कहा गया है कि उन दोषियों को जमानत देने के बावजूद अब तक रिहा नहीं किया गया है, जिनकी अपराध के समय किशोरता स्थापित हो चुकी है. जमानत मिलने के बाद दोषियों को रिहा करने में देरी शीर्षक से 13 जुलाई को नए मामले का स्वत: संज्ञान लिया गया.

नई दिल्ली : जमानत मिलने के बाद भी कैदियों की रिहाई में देरी से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए शुक्रवार काे सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को नोटिस जारी किया है. साथ ही मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सेक्रेटरी जनरल को दो सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है.

बता दें कि उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने आठ जुलाई को जमानत पाने वाले 13 कैदियों को रिहा करने में उत्तर प्रदेश के अधिकारियों की ओर से देरी का स्वत: संज्ञान लिया. इन कैदियों को शीर्ष अदालत ने जमानत दी थी. दोषी हत्या के एक मामले में आगरा जेल में 14 से लेकर 22 साल से बंद हैं. वे जुर्म के समय किशोर थे.

तेरह दोषियों ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था और दावा किया था कि उनकी हिरासत अवैध है, क्योंकि फरवरी 2017 और मार्च 2021 के बीच विभिन्न अंतराल पर उनमें से प्रत्येक के मामले में किशोर न्याय बोर्ड ने स्पष्ट आदेश पारित किए थे, जिसमें उन्हें हत्या के समय किशोर घोषित किया गया था. शीर्ष अदालत ने आठ जुलाई को उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था और उत्तर प्रदेश सरकार को उनके किशोर होने के आदेश के बावजूद जेल में निरंतर रहने के तथ्यों को सत्यापित करने के लिए समय दिया था.

इसे भी पढ़ें : SC ने जमानत मिलने के बाद रिहाई में देरी के मामले का स्वत: संज्ञान लिया

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना (CJI NV Ramana) ने उन रिपोर्ट का संज्ञान लिया है जिनमें कहा गया है कि उन दोषियों को जमानत देने के बावजूद अब तक रिहा नहीं किया गया है, जिनकी अपराध के समय किशोरता स्थापित हो चुकी है. जमानत मिलने के बाद दोषियों को रिहा करने में देरी शीर्षक से 13 जुलाई को नए मामले का स्वत: संज्ञान लिया गया.

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.