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SC ने केरल में यूएपीए के तहत गिरफ्तार छात्र की जमानत मंजूर की

उच्चतम न्यायालय (supreme court) ने माओवादियों से कथित संबंधों के कारण राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा नवंबर 2019 में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किए गए दो छात्रों में से एक छात्र ताहा फैसल की जमानत बृहस्पतिवार को मंजूर कर ली.

उच्चतम न्यायालय
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Published : Oct 28, 2021, 2:25 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (supreme court) ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा नवंबर 2019 में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किए गए दो छात्रों में से एक छात्र ताहा फैसल की जमानत गुरुवार को मंजूर कर ली. इन छात्रों पर माओवादियों से कथित संबंधों का आरोप था. जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस एएस ओका की पीठ ने केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें फैसल की जमानत रद्द कर दी गई थी.

शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार द्वारा दायर वह याचिका भी खारिज कर दी, जिसमें दूसरे आरोपी अल्लान शोएब की जमानत मंजूर करने का निचली अदालत का आदेश बरकरार रखने संबंधी केरल उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई थी. उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने मामले में गिरफ्तार दूसरे छात्र शोएब की कम उम्र और उसके स्वास्थ्य के मद्देनजर उसकी जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया था. शीर्ष अदालत ने 23 सितंबर को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था.

पढ़ें : NEET-UG 2021: सुप्रीम कोर्ट ने रिजल्ट जारी करने की इजाजत दी

फैसल और शोएब क्रमशः पत्रकारिता और कानून के छात्र हैं. वे मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की शाखा समिति के सदस्य थे. उन्हें दो नवम्बर, 2019 को कोझिकोड से गिरफ्तार किया गया था. वाम शासित राज्य में उनकी गिरफ्तारी की व्यापक आलोचना हुई थी. पुलिस ने उनके पास से कथित तौर पर आपत्तिजनक लिखित एवं छपी हुई सामग्री जब्त की थी. माओवादियों से कथित संबंधों के कारण केरल में माकपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (supreme court) ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा नवंबर 2019 में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किए गए दो छात्रों में से एक छात्र ताहा फैसल की जमानत गुरुवार को मंजूर कर ली. इन छात्रों पर माओवादियों से कथित संबंधों का आरोप था. जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस एएस ओका की पीठ ने केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें फैसल की जमानत रद्द कर दी गई थी.

शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार द्वारा दायर वह याचिका भी खारिज कर दी, जिसमें दूसरे आरोपी अल्लान शोएब की जमानत मंजूर करने का निचली अदालत का आदेश बरकरार रखने संबंधी केरल उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई थी. उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने मामले में गिरफ्तार दूसरे छात्र शोएब की कम उम्र और उसके स्वास्थ्य के मद्देनजर उसकी जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया था. शीर्ष अदालत ने 23 सितंबर को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था.

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फैसल और शोएब क्रमशः पत्रकारिता और कानून के छात्र हैं. वे मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की शाखा समिति के सदस्य थे. उन्हें दो नवम्बर, 2019 को कोझिकोड से गिरफ्तार किया गया था. वाम शासित राज्य में उनकी गिरफ्तारी की व्यापक आलोचना हुई थी. पुलिस ने उनके पास से कथित तौर पर आपत्तिजनक लिखित एवं छपी हुई सामग्री जब्त की थी. माओवादियों से कथित संबंधों के कारण केरल में माकपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था.

(पीटीआई-भाषा)

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