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सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की कांग्रेस के घोषणा पत्र को अनुचित घोषित करने की मांग वाली याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के पिछले लोकसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र को अनुचित घोषित करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि याचिका सुनवाई करने योग्य नहीं है.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट
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Published : Apr 10, 2023, 1:32 PM IST

Updated : Apr 10, 2023, 3:49 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणा पत्र को अनुचित और आदर्श आचार संहिता के खिलाफ घोषित करने का अनुरोध करने वाली याचिका को सोमवार को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह सुनवाई करने योग्य नहीं है. प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की एक पीठ ने कहा कि याचिका सुनवाई करने योग्य नहीं है.

इससे पहले शीर्ष अदालत ने 14 फरवरी 2020 को याचिका पर सुनवाई टाल दी थी. अदालत को बताया गया था कि मामले में सह-याचिकाकर्ताओं में से एक को 'रजिस्ट्री' द्वारा व्यक्तिगत रूप से दलील रखने की अनुमति नहीं दी गई.

आदर्श कुमार अग्रवाल और डॉ. सीमा जैन द्वारा दायर याचिका में कांग्रेस के घोषणा पत्र को 'अनुचित तथा आदर्श आचार संहिता के खिलाफ' घोषित करने और कानून के अनुसार पार्टी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.

साल 2019 में 14 फरवरी को प्रधान न्यायाधीश एसए बोबड़े, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ ने याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए उस वक्त स्थगित कर दी जब सूचित किया गया कि सह-याचिकाकर्ताओं में से एक को व्यक्तिगत रूप से बहस करने की रजिस्ट्री ने अनुमति नही दी है.

ये भी पढ़ें- गोधरा ट्रेन अग्निकांड मामला: गुजरात सरकार और दोषियों की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

दरअसल, कांग्रेस घोषणा पत्र के खिलाफ आदर्श कुमार अग्रवाल और डॉ सीमा जैन ने यह याचिका दायर की थी. इसमें कांग्रेस के घोषणा पत्र को 'अनुचित और आदर्श आचार संहिता के खिलाफ' घोषित करने और पार्टी के खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया था.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणा पत्र को अनुचित और आदर्श आचार संहिता के खिलाफ घोषित करने का अनुरोध करने वाली याचिका को सोमवार को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह सुनवाई करने योग्य नहीं है. प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की एक पीठ ने कहा कि याचिका सुनवाई करने योग्य नहीं है.

इससे पहले शीर्ष अदालत ने 14 फरवरी 2020 को याचिका पर सुनवाई टाल दी थी. अदालत को बताया गया था कि मामले में सह-याचिकाकर्ताओं में से एक को 'रजिस्ट्री' द्वारा व्यक्तिगत रूप से दलील रखने की अनुमति नहीं दी गई.

आदर्श कुमार अग्रवाल और डॉ. सीमा जैन द्वारा दायर याचिका में कांग्रेस के घोषणा पत्र को 'अनुचित तथा आदर्श आचार संहिता के खिलाफ' घोषित करने और कानून के अनुसार पार्टी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.

साल 2019 में 14 फरवरी को प्रधान न्यायाधीश एसए बोबड़े, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ ने याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए उस वक्त स्थगित कर दी जब सूचित किया गया कि सह-याचिकाकर्ताओं में से एक को व्यक्तिगत रूप से बहस करने की रजिस्ट्री ने अनुमति नही दी है.

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दरअसल, कांग्रेस घोषणा पत्र के खिलाफ आदर्श कुमार अग्रवाल और डॉ सीमा जैन ने यह याचिका दायर की थी. इसमें कांग्रेस के घोषणा पत्र को 'अनुचित और आदर्श आचार संहिता के खिलाफ' घोषित करने और पार्टी के खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया था.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Apr 10, 2023, 3:49 PM IST
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