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सुप्रीम कोर्ट ने 'ओवरएज' छात्रों को यूपीएससी में अतिरिक्त मौका देने से किया इंकार - overaged upsc candidates

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि सरकार आयु-वर्जित उम्मीदवारों पर अपना रुख नरम करने के लिए तैयार नहीं है और कहा कि ये न्यायालय के दायरे से परे नीतिगत मामले हैं. उन्होंने कहा कि यह वह परीक्षा नहीं है, जिसमें आप अंतिम समय में तैयारी करते हैं

UPSC 2020 एग्जाम
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
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Published : Feb 24, 2021, 12:02 PM IST

Updated : Feb 24, 2021, 1:21 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के कुछ छात्रों को राहत देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने उन छात्रों को अतिरिक्त मौका देने से इनकार किया है, जो आयु-वर्जित हैं. इस फैसले का असर करीब 2000 से ज्यादा उम्मीदवारों पर पड़ेगा.

सुप्रीम कोर्ट से यूपीएससी परीक्षा के लिए आखिरी प्रयास वाले छात्रों को अतिरिक्त मौका देने की मांग की गई थी. कोरोना के बीच अक्टूबर 2020 की परीक्षा में अपना अंतिम प्रयास कर चुके याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से आग्रह किया था कि उन्हें एक अतिरिक्त मौका दिया जाना चाहिए.

  • Supreme Court dismisses the petition filed by UPSC aspirants seeking an extra attempt in civil service exams for those aspirants who had exhausted their last attempt in October 2020 pic.twitter.com/csj7wuDYXD

    — ANI (@ANI) February 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

याचिका में क्या कहा गया

याचिकाकर्ता ने महामारी के दौरान अपने स्वास्थ्य का खयाल रखते हुए 2020 में परीक्षा छोड़ने के विकल्प के बीच परीक्षा की पर्याप्त तैयारी न होने की दलील दी थी और एक अतिरिक्त मौका देते हुए कोर्ट से राहत मांगी थी. दलील दी गई कि कोरोना महामारी के दौरान अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए सभी के पास 2020 में परीक्षा छोड़ने से बचने का एक विकल्प होना चाहिए था, मगर अंतिम प्रयास में परीक्षा में बैठने वालों के लिए कोई विकल्प ही नहीं बचा और उन्हें पर्याप्त तैयारी के बिना ही परीक्षा में बैठना पड़ा.

पढ़ें: पालघर लिंचिंग केस में CBI जांच करेगी या नहीं? सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि सरकार आयु-वर्जित उम्मीदवारों पर अपना रुख नरम करने के लिए तैयार नहीं है और कहा कि ये न्यायालय के दायरे से परे नीतिगत मामले हैं. उन्होंने कहा कि यह वह परीक्षा नहीं है, जिसमें आप अंतिम समय में तैयारी करते हैं. लोग एक साथ सालों तक तैयारी करते हैं.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के कुछ छात्रों को राहत देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने उन छात्रों को अतिरिक्त मौका देने से इनकार किया है, जो आयु-वर्जित हैं. इस फैसले का असर करीब 2000 से ज्यादा उम्मीदवारों पर पड़ेगा.

सुप्रीम कोर्ट से यूपीएससी परीक्षा के लिए आखिरी प्रयास वाले छात्रों को अतिरिक्त मौका देने की मांग की गई थी. कोरोना के बीच अक्टूबर 2020 की परीक्षा में अपना अंतिम प्रयास कर चुके याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से आग्रह किया था कि उन्हें एक अतिरिक्त मौका दिया जाना चाहिए.

  • Supreme Court dismisses the petition filed by UPSC aspirants seeking an extra attempt in civil service exams for those aspirants who had exhausted their last attempt in October 2020 pic.twitter.com/csj7wuDYXD

    — ANI (@ANI) February 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

याचिका में क्या कहा गया

याचिकाकर्ता ने महामारी के दौरान अपने स्वास्थ्य का खयाल रखते हुए 2020 में परीक्षा छोड़ने के विकल्प के बीच परीक्षा की पर्याप्त तैयारी न होने की दलील दी थी और एक अतिरिक्त मौका देते हुए कोर्ट से राहत मांगी थी. दलील दी गई कि कोरोना महामारी के दौरान अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए सभी के पास 2020 में परीक्षा छोड़ने से बचने का एक विकल्प होना चाहिए था, मगर अंतिम प्रयास में परीक्षा में बैठने वालों के लिए कोई विकल्प ही नहीं बचा और उन्हें पर्याप्त तैयारी के बिना ही परीक्षा में बैठना पड़ा.

पढ़ें: पालघर लिंचिंग केस में CBI जांच करेगी या नहीं? सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि सरकार आयु-वर्जित उम्मीदवारों पर अपना रुख नरम करने के लिए तैयार नहीं है और कहा कि ये न्यायालय के दायरे से परे नीतिगत मामले हैं. उन्होंने कहा कि यह वह परीक्षा नहीं है, जिसमें आप अंतिम समय में तैयारी करते हैं. लोग एक साथ सालों तक तैयारी करते हैं.

Last Updated : Feb 24, 2021, 1:21 PM IST
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