नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की जमानत याचिका पर तेजी से सुनवाई करने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा, "हमें उम्मीद है कि इस पर त्वरित सुनवाई होगी." न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बी.वी. एक महीने के भीतर सुना जा सकता है लेकिन अब जून आने वाला परंतु इसे सूचीबद्ध नहीं किया गया है. सीनियर अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने हाई कोर्ट द्वारा जमानत याचिका को निपटाने के लिए समय सीमा के लिए एक निर्देश मांगा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया.
उसने कहा कि वह एक तारीख नहीं दे पाएंगे लेकिन विश्वास है कि हाई कोर्ट मामले की तेजी से सुनवाई करेगा. इसने याचिकाकर्ता से उच्च न्यायालय में अपनी जमानत की सुनवाई के लिए एक आवेदन दायर करने का निर्देश दिया. बता दें कि पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था जिसमें लगभग 100 करोड़ रुपये शामिल थे. मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त द्वारा उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद उन्होंने गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के सामने 100 करोड़ रुपये की कथित वसूली को स्वीकार किया कि कैबिनेट मंत्री अनिल परब ने उन्हें पुलिस विभाग में तबादले की एक लिस्ट दी थी. जौ कि अनौपचारिक थी. उस पर किसी के भी हस्ताक्षर नहीं थे. अनिल परब को यह लिस्ट शिवसेना के विधायकों से मिलती थी और इसे अनिल देशमुख खुद या फिर अपने पीए संजीव पलांडे के जरिये एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को भेजा करते थे. एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ही पुलिस स्टेबलिशमेंट बोर्ड के हेड थे. अनिल देशमुख ने आगे बताया कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह एंटीलिया विस्फोट मामले के मास्टरमाइंड थे. हालांकि, परमबीर सिंह ईडी को मामले से संबंधित तथ्य देने में काफी गुमराह किया. बता दें कि अनिल देशमुख मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दो नवंबर 2021 से न्यायिक हिरासत में हैं.
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