नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मणिपुर में जातीय हिंसा के बीच अल्पसंख्यक कुकी आदिवासियों के लिए सैन्य सुरक्षा के अनुरोध वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई से मंगलवार को इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि यह पूरी तरह कानून व्यवस्था से जुड़ी परिस्थिति है. वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंजाल्विस ने एनजीओ 'मणिपुर ट्राइबल फोरम' की ओर से मामले का उल्लेख किया. सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां मौके पर हैं. उन्होंने तत्काल सुनवाई के लिए याचिका का विरोध किया.
शीर्ष अदालत ने मामले में सुनवाई के लिए तीन जुलाई की तारीख तय की. 'मणिपुर ट्राइबल फोरम' ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार और मणिपुर के मुख्यमंत्री ने उत्तर पूर्वी राज्य में कुकी आदिवासियों के 'जातीय सफाये' के उद्देश्य से समान एजेंडा चला रखा है. संगठन ने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया कि केंद्र के 'खोखले आश्वासनों' को नहीं माने और कुकी आदिवासियों को सैन्य सुरक्षा प्रदान की जाए. मणिपुर में करीब डेढ़ महीने पहले मेइती और कुकी समुदायों के बीच शुरू हुई हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.
-
#ManipurViolence: Supreme Court (SC) declines urgent hearing of a plea filed by the Manipur Tribal Forum seeking protection of the Kuki tribe by the Indian Army.
— ANI (@ANI) June 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
SC posts the matter for hearing on July 3 & says it’s purely an issue of law & order.
Centre says security agencies… pic.twitter.com/KD7x2z9ySz
">#ManipurViolence: Supreme Court (SC) declines urgent hearing of a plea filed by the Manipur Tribal Forum seeking protection of the Kuki tribe by the Indian Army.
— ANI (@ANI) June 20, 2023
SC posts the matter for hearing on July 3 & says it’s purely an issue of law & order.
Centre says security agencies… pic.twitter.com/KD7x2z9ySz#ManipurViolence: Supreme Court (SC) declines urgent hearing of a plea filed by the Manipur Tribal Forum seeking protection of the Kuki tribe by the Indian Army.
— ANI (@ANI) June 20, 2023
SC posts the matter for hearing on July 3 & says it’s purely an issue of law & order.
Centre says security agencies… pic.twitter.com/KD7x2z9ySz
गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं. इस हिंसा में अब तक करीब 100 लोगों की मौत हुई है और 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं. मणिपुर में 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है.
पढ़ें : Manipur Violence: इंफाल पश्चिम में बदमाशों ने की फायरिंग, सेना का एक जवान घायल
आदिवासियों-नगा और कुकी समुदाय की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में बसती है. राज्य में शांति बहाली के लिए सेना और असम राइफल्स के लगभग 10,000 जवान तैनात किए गए हैं. मणिपुर सरकार ने राज्य में अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए 11 जिलों में कर्फ्यू लगाने के साथ इंटरनेट सेवाओं को प्रतिबंधित कर दिया है.
(पीटीआई-भाषा)