नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद अभिषेक बनर्जी द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को अगले सप्ताह सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की. अभिषेक बनर्जी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया.
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह इसे अगले सप्ताह सूचीबद्ध करेगी. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजीरा बनर्जी (Rujira Banerjee) ने 11 मार्च के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उनकी याचिकाएं खारिज कर दी गई थीं.
अधिवक्ता सुनील फर्नांडीस के माध्यम से याचिका दायर करते हुए बनर्जी ने शीर्ष अदालत से उनके खिलाफ जारी समन को रद्द करने की मांग की. साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूछताछ के लिए उन्हें दिल्ली तलब किये पर रोक लगाने का भी अनुरोध किया. उन्होंने दलील दी कि ईडी उनसे कोलकाता में पूछताछ कर सकती है.इन दलीलों के साथ उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने की मांग की.
याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत से यह तय करने के लिए कहा है कि क्या ईडी कहीं से भी लोगों को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाने का अधिकार क्षेत्र रखता है. उन्होंने कहा, 'क्या प्रतिवादी धारा 50 पीएमएलए के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए किसी भी व्यक्ति को अपनी पसंद के स्थान पर बुलाने का अधिकार क्षेत्र रखता है? याचिका में सवाल किया गया कि उच्च न्यायालय इस बात को रेखांकित करने में विफल रहा है कि याचिकाकर्ता कोलकाता के स्थायी निवासी हैं. और ये पूरा मामला पश्चिम बंगाल से जुड़ा है. मामले से जुड़े आरोपी पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. वहीं, कथित चोरी का कोयला यहीं बरामद किया गया था.
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उच्च न्यायालय ने 11 मार्च को उनकी याचिका खारिज कर दी और इसके बाद ईडी ने बनर्जी और उनकी पत्नी को 21 और 22 मार्च को दिल्ली में वित्तीय जांच एजेंसी के कार्यालय के समक्ष पेश होने के लिए नया समन जारी किया. टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से ईडी अधिकारियों ने आठ घंटे तक पूछताछ की जब वह आखिरी बार सितंबर 2021 में दिल्ली में एजेंसी के कार्यालय में पेश हुए थे.
(एएनआई)