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बिना पार्टियों के निशान वाली ईवीएम की मांग पर सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट राजी

सुप्रीम कोर्ट ईवीएम से जुड़ी उस याचिका पर सुनवाई करने को राजी हो गया है, जिसमें मांग की गई है कि पार्टियों के चुनाव चिह्न के बजाय उम्मीदवारों के नाम, फोटो, उम्र, योग्यता अंकित किया जाए. हालांकि शीर्ष कोर्ट ने ये भी जनना चाहा कि आपत्ति क्यों है.

सुप्रीम कोर्ट ईवीएम
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Published : Mar 19, 2021, 3:56 PM IST

Updated : Mar 19, 2021, 5:43 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया है जिसमें मांग की गई है कि ईवीएम पर पार्टियों के चुनाव चिह्न हटाकर उम्मीदवारों के नाम, आयु, योग्यता और फोटोग्राफ जैसे विवरण अंकित किए जाएं.

सीजेआई एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने याचिकाकर्ता वकील अश्वनी उपाध्याय से याचिका की एक प्रति सॉलिसिटर जनरल और भारत के अटॉर्नी जनरल को देने को कहा. साथ इस स्तर पर नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया.

साथ ही सीजेआई ने पूछा कि 'हम इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर राजनीतिक प्रतीकों को रखने की आपत्ति जानना चाहते हैं. आप उसकी अहमियत को क्यों खत्म करना चाहते हैं.?'

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि प्रतीकों के बजाय उम्मीदवारों का विवरण देना, अनुच्छेद 14,15,21 की भावना से सभी को चुनाव लड़ने के अवसर को हासिल करने में मदद करेगा. साथ ही भ्रष्टाचार, अपराधीकरण, सेत्सिम, क्षेत्रवाद आदि को रोकेगा.

पढ़ें- अच्छी खबर : कोरोना एंटीबॉडी के साथ जन्मी बच्ची, डॉक्टरों को बंधी उम्मीदें

याचिकाकर्ता ने कहा था कि राजनीतिक दलों को ईमानदार उम्मीदवारों को टिकट देने के लिए मजबूर किया जाएगा, भाई-भतीजावाद और पक्षपात को नियंत्रित किया जाएगा और बुद्धिजीवियों का प्रवेश संसद को अधिक कुशल और लंबे समय से लंबित सुधारों को पूरा करेगा.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया है जिसमें मांग की गई है कि ईवीएम पर पार्टियों के चुनाव चिह्न हटाकर उम्मीदवारों के नाम, आयु, योग्यता और फोटोग्राफ जैसे विवरण अंकित किए जाएं.

सीजेआई एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने याचिकाकर्ता वकील अश्वनी उपाध्याय से याचिका की एक प्रति सॉलिसिटर जनरल और भारत के अटॉर्नी जनरल को देने को कहा. साथ इस स्तर पर नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया.

साथ ही सीजेआई ने पूछा कि 'हम इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर राजनीतिक प्रतीकों को रखने की आपत्ति जानना चाहते हैं. आप उसकी अहमियत को क्यों खत्म करना चाहते हैं.?'

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि प्रतीकों के बजाय उम्मीदवारों का विवरण देना, अनुच्छेद 14,15,21 की भावना से सभी को चुनाव लड़ने के अवसर को हासिल करने में मदद करेगा. साथ ही भ्रष्टाचार, अपराधीकरण, सेत्सिम, क्षेत्रवाद आदि को रोकेगा.

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याचिकाकर्ता ने कहा था कि राजनीतिक दलों को ईमानदार उम्मीदवारों को टिकट देने के लिए मजबूर किया जाएगा, भाई-भतीजावाद और पक्षपात को नियंत्रित किया जाएगा और बुद्धिजीवियों का प्रवेश संसद को अधिक कुशल और लंबे समय से लंबित सुधारों को पूरा करेगा.

Last Updated : Mar 19, 2021, 5:43 PM IST
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