नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट जीएनसीटीडी संशोधन अधिनियम 2021 को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है, जो निर्वाचित सरकार पर दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) को अधिक शक्तियां प्रदान करता है. दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई शुरू की जाए.
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2021 को चुनौती देने वाली अपनी याचिका को सुनवाई के लिए जल्द से जल्द सूचीबद्ध करने का आग्रह किया है. जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले को जल्द देखेगा.
केंद्र सरकार ने संसद के जो बिल पेश किया था, उसमें कहा गया है कि यह बिल सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों को बढ़ावा देता है. इसके तहत दिल्ली में राज्य सरकार और उपराज्यपाल की जिम्मेदारियां को बताया गया है. बिल में कहा गया है कि राज्य की विधान सभा द्वारा बनाए गए किसी भी कानून में सरकार का मतलब उपराज्यपाल होगा.
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इसी वाक्य पर मूल रूप से दिल्ली के अरविंद केजरीवाल सरकार आपत्ति दर्ज करा रही है. बिल में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार कैबिनेट या फिर किसी मंत्री द्वारा कोई भी शासनात्मक फैसला लिया जाता है तो उसमें उपराज्यपाल की राय या मंजूरी जरूरी है. साथ ही विधानसभा के पास अपनी मर्जी से कोई कानून बनाने का अधिकार नहीं होगा. जिसका असर दिल्ली सरकार में प्रशासनिक तौर पर पड़ता है.