उज्जैन। सावन के तीसरे सोमवार पर मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में प्रातः काल 2:30 बजे होने वाली भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर उन्हें स्नान कराया गया. इसके बाद पंडे, पुजारियों द्वारा दूध ,दही ,घी ,शहद, पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया. इसके पश्चात भगवान महाकाल का पंडे, पुजारियों द्वारा अद्भुत श्रृंगार किया गया. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई जिसमें बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया.
बाबा महाकाल का राजा के रूप में हुआ श्रृंगार: भगवान महाकाल का पंडे, पुजारियों द्वारा भांग, चंदन और उबटन से राजा के रूप में श्रृंगार किया गया. भगवान ने मस्तक पर चांदी का त्रिमुण्ड और कान में नाग का कुंडल धारण किया. भगवान महाकाल के श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, भांग, अबीर, कुमकुम सहित तमाम चीजों से बाबा को सजाकर राजा के रूप में तैयार किया गया. इसके अलावा भगवान को चांदी का छत्र,रुद्राक्ष की माला, फूलों की माला और कलरफुल वस्त्र पहनाये गये, फिर तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया गया. (Baba Mahakal makeup on 1 August 2022 ) (Ujjain Mahakaleshwar temple)
![Sawan 2022 Ujjain Mahakaleshwar temple Baba Mahakal makeup on 1 August 2022](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-ujj-01-mahakal-mp10029_01082022062432_0108f_1659315272_923.jpg)
Sawan Third Somvar: सावन के तीसरे सोमवार को बन रहा खास संयोग, ये तीन काम करने से पूरी होगी मनोकामना
आज शाम को निकलेगी बाबा महाकाल की सवारी: आज सावन के तीसरे सोमवार को भगवान श्री महाकाल शाम 4 बजे शिव तांडव स्वरूप में गरूड़ पर सवार होकर अपने भक्तों को दर्शन देंगे, पालकी में श्री चन्द्रमोलीश्वर और हाथी पर श्री मनमहेश विराजित होंगे. भगवान श्री महाकाल की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर स्थित सभामंडप में विधिवत भगवान श्री चन्द्रमोलीश्वर का पूजन-अर्चन होगा और भगवान ठीक 4 बजे प्रजा का हॉल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे. मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमोलीश्वर को सलामी दी जायेगी. उसके पश्चात परंपरागत मार्ग से होते हुए सवारी शिप्रा तट रामघाट पर पहुंचेगी, जहां पर भगवान महाकाल का क्षिप्रा के जल से अभिषेक एवं पूजा-अर्चना होगा. पूजन-अर्चन के बाद सवारी निर्धारित मार्ग से होते हुए पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी.