चेन्नई : केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने रविवार को तमिलनाडु और गुजरात के लोगों से ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को नई ऊंचाई प्रदान करने की अपील की. उन्होंने कहा कि कहा कि आगामी सौराष्ट्र संगमम कई शताब्दियों के बाद दोनों का पहला ‘सबसे बड़ा और समग्र पुनर्मिलन’ होगा. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, रसायन और उर्वरक मंत्री ने कहा कि 17 अप्रैल से शुरू होने वाला 10 दिवसीय सौराष्ट्र तमिल संगमम तमिलनाडु और गुजरात के इतिहास में एक अहम मील का पत्थर साबित होगा. ‘सौराष्ट्र तमिल संगमम’ गुजरात में कई स्थानों पर आयोजित किया जाएगा.
मंडाविया ने तमिल में अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि तमिलनाडु और गुजरात के बीच संबंध ‘सदियों पुराना’ है और दोनों राज्यों के बीच एक ‘विशेष संबंध’ रहा है. उन्होंने यहां ‘सौराष्ट्र तमिल संगमम’ सम्मेलन के पूर्वालोकन समारोह का उद्घाटन करने के बाद कहा, “साथियों, तमिलनाडु वही धरती है जिसने सदियों पहले हमारे पूर्वजों को आश्रय दिया था. इस धरती ने आगे बढ़ने का मौका दिया. उन्होंने (पूर्वजों ने) कला, साहित्य, संस्कृति के क्षेत्र में नाम कमाया.” मंडाविया ने कहा कि तमिलनाडु ने सौराष्ट्रवासियों के जीवन में ‘अभूतपूर्व’ योगदान दिया है.
उन्होंने रामेश्वरम और सोमनाथ मंदिरों के प्रति लोगों की भक्ति के बारे में कहा, “आप (तमिलनाडु में रहने वाले सौराष्ट्रवासी) वहां सौराष्ट्र (गुजरात) को नहीं भूले और सौराष्ट्र की मिट्टी तथा पानी, जिसे आपने सदियों पहले छोड़ दिया था आपको बुला रहे हैं. आइए ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की अपनी परंपरा को एक नया आयाम दें, जिसे हमारे पूर्वजों ने जिया था.” उन्होंने कहा कि यह आयोजन अपने आप में गुजरातियों और तमिलों के गौरव को आगे बढ़ाने का अवसर है. उन्होंने कहा, “तमिलनाडु में भाइयों और बहनों के समर्थन से, सौराष्ट्र तमिल संगमम हमारी विरासत और भावनात्मक एकता को समृद्ध करने का एक मंच बन जाएगा.” मंडाविया ने कहा, “कई सदियों के अंतराल के बाद यह पहला सबसे बड़ा और समग्र पुनर्मिलन होगा और दोनों राज्यों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा.”
(पीटीआई-भाषा)