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Tokyo Olympics : सौरभ चौधरी का टूटा सपना, पिता ने दी सांत्वना - सौरभ चौधरी

मेरठ के गोल्डन बॉय सौरभ चौधरी (Saurabh Chaudhary) को टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में हार का सामना करना पड़ा है. हालांकि सौरभ के पिता का कहना कि बेटे ने क्वालीफाई किया यह बहुत बड़ी बात है.

saurabh chaudhary
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Published : Jul 24, 2021, 5:00 PM IST

मेरठ : भारतीय शूटिंग ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में आज अपने अभियान की शुरुआत की. 10 मीटर एयर पिस्टल (10m Air Rifle Olympic Games) में भारत के सौरभ चौधरी (Saurabh Chaudhary) को मेडल राउंड में हार का सामना करना पड़ा. सौरभ चौधरी (Saurabh Chaudhary) ने 600 में से 586 प्वाइंट्स लेकर मेडल राउंड के लिए पहला स्थान हासिल किया था.

सौरभ के पिता का बयान

सौरभ के पिता ने कहा कि, बेटे ने क्वालीफाई किया यही बहुत बड़ी बात है. अभी तो बहुत खेल बाकी है. उन्होंने कहा कि पदक नहीं मिला तो क्या हुआ, इतनी छोटी सी उम्र में इतने बड़े मंच तक पहुंचाना बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि आगे भी वह कड़ी मेहनत करके एक दिन जरूर ओलंपिक में मेडल जीतेगा.

मेरठ के सरूरपुर क्षेत्र के छोटे से गांव कलीना के रहने वाले किसान के बेटे शूटर सौरभ चौधरी की कहानी बेहद प्रेरणादायक है. एक जमाना था, जब तेरह वर्ष की आयु में वो कई कई किलोमीटर पैदल चलकर शूटिंग रेंज जाकर प्रैक्टिस किया करते थे. अभी प्रैक्टिस को मात्र तीन साल ही बीते थे कि सन 2018 में उन्होंने सोलह साल की उम्र में एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल पर कब्जा कर लिया.

इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में सम्पन्न हुए 18वें एशियाई खेलों में उन्होंने मात्र 16 साल की उम्र में 10 मीटर एयर राइफल पिस्टल स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था. इस कामयाबी के बाद सौरभ ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उसके बाद आईएसएसएफ की वर्ल्ड चैंपियनशिप सांगवान में हुई थी. यहां भी सौरभ ने दमदार प्रदर्शन किया और स्वर्ण पर कब्जा किया. इसके साथ ही जूनियर वर्ल्ड कप जर्मनी के सुहल में आयोजित हुई थी. इस प्रतियोगिता में सौरभ ने दो बार जूनियर वर्ल्ड कप रिकॉर्ड बनाया.

पढ़ें :- Tokyo Olympics 2020, Day 2: मीराबाई चानू ने रचा इतिहास, भारत ने जीता टोक्यो में पहला सिल्वर

इसके साथ ही एशियन गेम चैंपियन और जूनियर वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद अक्टूबर 2018 में यूथ ओलंपिक चैंपियन भी बन गए थे. 16 साल की आयु में ही सौरभ ने ब्यूनस आयर्स में आयोजित तीसरे यूथ ओलंपिक गेम्स में स्वर्ण पर निशाना साधा था. सौरभ के नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 स्वर्ण पदक, चार रजत पदक और दो कांस्य पदक हैं. सौरभ को 2020 में अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया. टोक्यो ओलम्पिक में देश की निगाहें मेरठ के इस लाडले पर थी. समूचे हिन्दुस्तान की यह ख्वाहिश थी कि सौरभ ओलम्पिक में पदक जीतकर आएं, लेकिन फाइनल राउंड में हार के बाद यह सपना टूट गया.

मेरठ : भारतीय शूटिंग ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में आज अपने अभियान की शुरुआत की. 10 मीटर एयर पिस्टल (10m Air Rifle Olympic Games) में भारत के सौरभ चौधरी (Saurabh Chaudhary) को मेडल राउंड में हार का सामना करना पड़ा. सौरभ चौधरी (Saurabh Chaudhary) ने 600 में से 586 प्वाइंट्स लेकर मेडल राउंड के लिए पहला स्थान हासिल किया था.

सौरभ के पिता का बयान

सौरभ के पिता ने कहा कि, बेटे ने क्वालीफाई किया यही बहुत बड़ी बात है. अभी तो बहुत खेल बाकी है. उन्होंने कहा कि पदक नहीं मिला तो क्या हुआ, इतनी छोटी सी उम्र में इतने बड़े मंच तक पहुंचाना बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि आगे भी वह कड़ी मेहनत करके एक दिन जरूर ओलंपिक में मेडल जीतेगा.

मेरठ के सरूरपुर क्षेत्र के छोटे से गांव कलीना के रहने वाले किसान के बेटे शूटर सौरभ चौधरी की कहानी बेहद प्रेरणादायक है. एक जमाना था, जब तेरह वर्ष की आयु में वो कई कई किलोमीटर पैदल चलकर शूटिंग रेंज जाकर प्रैक्टिस किया करते थे. अभी प्रैक्टिस को मात्र तीन साल ही बीते थे कि सन 2018 में उन्होंने सोलह साल की उम्र में एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल पर कब्जा कर लिया.

इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में सम्पन्न हुए 18वें एशियाई खेलों में उन्होंने मात्र 16 साल की उम्र में 10 मीटर एयर राइफल पिस्टल स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था. इस कामयाबी के बाद सौरभ ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उसके बाद आईएसएसएफ की वर्ल्ड चैंपियनशिप सांगवान में हुई थी. यहां भी सौरभ ने दमदार प्रदर्शन किया और स्वर्ण पर कब्जा किया. इसके साथ ही जूनियर वर्ल्ड कप जर्मनी के सुहल में आयोजित हुई थी. इस प्रतियोगिता में सौरभ ने दो बार जूनियर वर्ल्ड कप रिकॉर्ड बनाया.

पढ़ें :- Tokyo Olympics 2020, Day 2: मीराबाई चानू ने रचा इतिहास, भारत ने जीता टोक्यो में पहला सिल्वर

इसके साथ ही एशियन गेम चैंपियन और जूनियर वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद अक्टूबर 2018 में यूथ ओलंपिक चैंपियन भी बन गए थे. 16 साल की आयु में ही सौरभ ने ब्यूनस आयर्स में आयोजित तीसरे यूथ ओलंपिक गेम्स में स्वर्ण पर निशाना साधा था. सौरभ के नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 स्वर्ण पदक, चार रजत पदक और दो कांस्य पदक हैं. सौरभ को 2020 में अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया. टोक्यो ओलम्पिक में देश की निगाहें मेरठ के इस लाडले पर थी. समूचे हिन्दुस्तान की यह ख्वाहिश थी कि सौरभ ओलम्पिक में पदक जीतकर आएं, लेकिन फाइनल राउंड में हार के बाद यह सपना टूट गया.

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