दौसा: करौली हिंसा के मामले में सियासी पारा बुधवार को फिर से चढ़ता दिखा. इस दौरान करौली हिंसा पीड़ितों से मिलने जा रहे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया और भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या को बीच रास्ते में पुलिस ने रोक दिया. मामूली टकराव के बाद करौली सीमा में प्रवेश करने से पहले ही हिंडौन रोड पर पुलिस ने सभी नेताओं को हिरासत में ले लिया.
मामले में नाराजगी जताते हुए जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे (21) पर दौसा के सिकंदरा के पास दुब्बी पुलिस चौकी पर भाजपा ने प्रेस वार्ता (BJP press conference in dausa) की. मीडिया से मुखातिब होते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया और युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने गहलोत सरकार को जमकर घेरा. इस दौरान बीजेपी नेताओं ने गहलोत सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए और कानून-व्यवस्था को लेकर राजस्थान सरकार को विफल करार दिया. भाजपा नेताओं ने प्रदेश में लगातार बढ़ रहीं आपराधिक घटनाओं को लेकर भी मौजूदा सरकार पर हमला बोला.
जलती हुई करौली को सबने देखा: भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार करौली की हिंसा के आरोपियों को ही संरक्षण दे रही है, जबकि सभी ने करौली को जलते हुए देखा है. करौली से हिंसा प्रभावित लोगों के पलायन को रोकने के लिए भी कोई काम नहीं किया गया है. पूनिया ने पुलिस एफआईआर का जिक्र करते हुए कहा कि जुलूस शांतिपूर्ण था, परंतु आधे रास्ते में पथराव सुनिश्चित था. उन्होंने पीएफआई के साथ सरकार की सांठगांठ के भी आरोप लगाए और मंशा पर सवाल खड़े किए. पूुनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को विफल करार दिया. उन्होंने बीते तीन साल में दर्ज की गई रिकॉर्ड एफआईआर का जिक्र भी किया. पूनिया ने महिला व दलित उत्पीड़न के मामलों में हो रही वृद्धि को शर्मनाक बताया. पूनिया ने कहा कि आंकड़े बता रहे हैं कि राजस्थान में हर रोज औसतन 18 दुष्कर्म की वारदातें हो रही हैं.
राजस्थान में जंगलराज: प्रेस वार्ता में युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने राजस्थान की तुलना बिहार के जंगलराज से की. उन्होंने अपने छात्र जीवन का जिक्र करते हुए कहा कि एक वक्त था जब अखबारों में लालू राज वाले बिहार में हाशिये पर गई कानून-व्यवस्था का हाल सबने देखा था. आज राजस्थान में भी हालात बदतर हो चले हैं. सूर्या ने कहा कि सरकार को अमन पसंद लोगों का संरक्षण करना चाहिये और हंगामा करने वालों को सबक सिखाना चाहिए.
उन्होंने प्रदेश सरकार पर तुष्टिकरण के भी आरोप लगाए हैं. बुधवार को करौली हिंसा पीड़ितों से मिलने के लिये बीजेपी नेताओं का एक दल रवाना हुआ था. इस दल में पार्टी के सतीश पूनिया, तेजस्वी सूर्या, युवा मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष हिमांशु शर्मा, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, करौली-धौलपुर सांसद मनोज राजोरिया, भरतपुर सांसद रंजीता कोली समेत कई नेता शामिल थे. इन सभी को करौली जिले के सीमा पर ही पुलिस ने रोक दिया था.