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Sanjeev Jeeva Murder : जानिए कंपाउंडर से कैसे कुख्यात बदमाश बना संजीव जीवा - जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी

मुजफ्फरनगर के कुख्यात बदमाश संजीवा जीवा की लखनऊ में कोर्ट के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई. आरोपी शूटर वकील के भेष में आया था. संजीवा जीवा कभी कंपाउडर का काम करता था. पढ़िए संजीव जीवा की पूरी कहानी...

संजीवा जीवा
संजीवा जीवा
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Published : Jun 7, 2023, 6:10 PM IST

मुजफ्फरनगरः पश्चिमी यूपी के कुख्यात बदमाश संजीव जीवा की बुधवार को दिनदहाड़े लखनऊ में कोर्ट के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई. संजीव जीवा को राजधानी जेल से पेशी के लिए सिविल कोर्ट लाया गया था. इस दौरान कोर्ट के बाहर शूटर ने ताबड़तोड़ गोलियां दाग कर जीवा को छलनी कर दिया. मौके पर मौजूद पुलिस ने शूटर को वहीं दबोच लिया. जीवा ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड का मुख्य आरोपी था और इसी हत्याकांड की सजा काट रहा था.

मुजफ्फरनगर में का कुख्यात बदमाश था जीवा
संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा मुजफ्फरनगर का एक कुख्यात बदमाश था. पुलिस ने उसको एके 47 और 1300 कारतूसों के साथ शामली में पकड़ा था. उस पर ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या का आरोप था. बताया जाता है कि ब्रह्मदत्त द्विवेदी ने कभी मायावती की गेस्ट हाउस कांड में जान बचाई थी.

मुख्तार अंसारी का करीबी था जीवा
संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा मुख्तार अंसारी का बहुत खास माना जाता था. भाजपा विधायक कृष्णानंद राय के मर्डर केस में संजीव दिल्ली की कोर्ट ने बरी भी किया गया था. संजीव उर्फ जीवा पर साल 2017 में कारोबारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी हत्याकांड में भी आरोप लगे थे. जांच के बाद अदालत ने जीवा सहित अन्य चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. यह भी बता दें कि जीवा अभी तक लखनऊ की जेल में बंद था.

जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी ने बताया था जान का खतरा
साल 2021 में जीवा की पत्नी पायल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर कहा था कि उसके पति जीवा की जान को खतरा है. पायल 2017 में आरएलडी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ी थी, लेकिन वह जीत नहीं पाई थी. वह राष्ट्रीय लोक दल में अभी भी सक्रिय रहती हैं.

अपने ही मालिक को किया था अगवा
शुरुआत में संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा दवाखाना में कंपाउंडर की नौकरी करता था. बाद में उसी दवाखाना के मालिक को उसने अगवा कर लिया था. इसके बाद उसने कोलकत्ता के एक कारोबारी के बेटे का भी अपहरण किया और फिरौती में दो करोड़ रुपये की मांग की थी. फिर इसके बाद वह हरिद्वार की नाजिम गैंग से जुड़ा और बाद में सतेंद्र बरनाला के साथ जुड़ा था.

गैंग को जेल से ऑपरेट करता था जीवा
इतना ही नहीं उसने अपनी ही एक गैंग बनाई और वह मुन्ना बजरंगी गैंग में भी शामिल रहा. इसके बाद उसका कांटेक्ट मुख्तार अंसारी से हुआ. बताया जाता है कि जीवा मुख्तार अंसारी को अलग-अलग हथियार सप्लाई किया करता था. यह भी कहते हैं कि जब जीवा जेल में बंद था तो वह अपनी गैंग को वहीं से ऑपरेट किया करता था.

पढ़ेंः Raipur News: लाठी से पीट पीटकर पिता की हत्या करने वाला बेटा गिरफ्तार

मुजफ्फरनगरः पश्चिमी यूपी के कुख्यात बदमाश संजीव जीवा की बुधवार को दिनदहाड़े लखनऊ में कोर्ट के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई. संजीव जीवा को राजधानी जेल से पेशी के लिए सिविल कोर्ट लाया गया था. इस दौरान कोर्ट के बाहर शूटर ने ताबड़तोड़ गोलियां दाग कर जीवा को छलनी कर दिया. मौके पर मौजूद पुलिस ने शूटर को वहीं दबोच लिया. जीवा ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड का मुख्य आरोपी था और इसी हत्याकांड की सजा काट रहा था.

मुजफ्फरनगर में का कुख्यात बदमाश था जीवा
संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा मुजफ्फरनगर का एक कुख्यात बदमाश था. पुलिस ने उसको एके 47 और 1300 कारतूसों के साथ शामली में पकड़ा था. उस पर ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या का आरोप था. बताया जाता है कि ब्रह्मदत्त द्विवेदी ने कभी मायावती की गेस्ट हाउस कांड में जान बचाई थी.

मुख्तार अंसारी का करीबी था जीवा
संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा मुख्तार अंसारी का बहुत खास माना जाता था. भाजपा विधायक कृष्णानंद राय के मर्डर केस में संजीव दिल्ली की कोर्ट ने बरी भी किया गया था. संजीव उर्फ जीवा पर साल 2017 में कारोबारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी हत्याकांड में भी आरोप लगे थे. जांच के बाद अदालत ने जीवा सहित अन्य चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. यह भी बता दें कि जीवा अभी तक लखनऊ की जेल में बंद था.

जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी ने बताया था जान का खतरा
साल 2021 में जीवा की पत्नी पायल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर कहा था कि उसके पति जीवा की जान को खतरा है. पायल 2017 में आरएलडी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ी थी, लेकिन वह जीत नहीं पाई थी. वह राष्ट्रीय लोक दल में अभी भी सक्रिय रहती हैं.

अपने ही मालिक को किया था अगवा
शुरुआत में संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा दवाखाना में कंपाउंडर की नौकरी करता था. बाद में उसी दवाखाना के मालिक को उसने अगवा कर लिया था. इसके बाद उसने कोलकत्ता के एक कारोबारी के बेटे का भी अपहरण किया और फिरौती में दो करोड़ रुपये की मांग की थी. फिर इसके बाद वह हरिद्वार की नाजिम गैंग से जुड़ा और बाद में सतेंद्र बरनाला के साथ जुड़ा था.

गैंग को जेल से ऑपरेट करता था जीवा
इतना ही नहीं उसने अपनी ही एक गैंग बनाई और वह मुन्ना बजरंगी गैंग में भी शामिल रहा. इसके बाद उसका कांटेक्ट मुख्तार अंसारी से हुआ. बताया जाता है कि जीवा मुख्तार अंसारी को अलग-अलग हथियार सप्लाई किया करता था. यह भी कहते हैं कि जब जीवा जेल में बंद था तो वह अपनी गैंग को वहीं से ऑपरेट किया करता था.

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