ETV Bharat / bharat

पुलिस के पहरे में कुख्यात संजीव जीवा को बेटे ने दी मुखाग्नि, अंतिम दर्शन के लिए नहीं पहुंची पत्नी पायल - Jeeva shot dead in Lucknow court

लखनऊ कोर्ट में हुई हत्या के बाद गुरुवार की दोपहर करीब 4 बजे शामली के आदमपुर गांव में कुख्यात अपराधी संजीव जीवा का अंतिम संस्कार हुआ. जीवा को उसके बड़े बेटे तुषार द्वारा मुखाग्नि दी गई है. इस दौरान गांव में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहा, वहीं अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों की पुलिस द्वारा वीडियोग्राफी भी कराई गई.

sanjeev jeeva murder in lucknow court
sanjeev jeeva murder in lucknow court
author img

By

Published : Jun 8, 2023, 6:08 PM IST

Updated : Jun 8, 2023, 7:28 PM IST

संजीव जीवा का अंतिम संस्कार किया गया.

शामली: लखनऊ की अदालत में हुई हत्या के बाद शामली के गांव आदमपुर में गुरुवार को कुख्यात संजीव जीवा का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान पूरा गांव छावनी में तब्दील रहा. गांव की प्रत्येक गतिविधियों पर पुलिस का पहरा रहा. यहां तक की अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों पर भी पुलिस की निगाहें गड़ी रही.



लखनऊ से एंबुलेंस में आदमपुर पहुंचा शव
गुरुवार की दोपहर करीब 3 बजकर 51 मिनट पर भारी सुरक्षा के बीच संजीव जीवा का शव एंबुलेंस के माध्यम से लखनऊ से शामली के गांव आदमपुर लाया गया. बाबरी थाना क्षेत्र के आदमपुर गांव में संजीव के पिता ओमप्रकाश का पैतृक मकान है, जो पिछले करीब 10 साल पहले पिता की मृत्यु के बाद से ही बंद पड़ा हुआ था. एक दिन पूर्व संजीव जीवा की हत्या के बाद ही परिजनों द्वारा गांव के इस मकान को खोला गया था, जिसमें संजीव के शव को कुछ देर के लिए रखा गया और धार्मिक क्रियाकलाप के बाद गांव में ही परिवार की संपत्ति पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया.

लखनऊ से एंबुलेंस से आदमपुर गांव पहुंचा संजीव जीवा का शव.
लखनऊ से एंबुलेंस से आदमपुर गांव पहुंचा संजीव जीवा का शव.



दिल्ली से गांव पहुंचा परिवार, पत्नी नहीं हुई शामिल
संजीव जीवा का शव पहुंचने से पहले सुबह के समय उसकी मां कुंती देवी और सास राजबाला परिवार की कुछ महिलाओं के साथ आदमपुर गांव में पैतृक मकान पर पहुंची. दोपहर के समय दिल्ली से संजीव जीवा के बेटे तुषार (18), हरिओम (16) और वीरभद्र(14) भी परिवार के साथ आदमपुर गांव में पहुंचे. हालांकि जीवा की पत्नी पायल अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुई. बड़े बेटे तुषार ने पिता को मुखाग्निी दी गई. इस दौरान चुंनिदा ग्रामीण ही अंतिम संस्कार में शामिल हो पाए.

जीवा के घर पर तैनात पुलिस.
जीवा के घर पर तैनात पुलिस.



अंतिम यात्रा में शामिल होने से रोका गया
आदमपुर गांव के ग्रामीणों ने बताया कि संजीव भले ही अपराधी रहा हो लेकिन गांव में उसके परिवार की किसी से कोई रंजिश नही थी. ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा उन्हें अंतिम यात्रा में शामिल होने से भी रोका जा रहा है, जबकि ग्राम समाज में इसे सही नहीं समझा जाता. उधर, गांव के ही कुछ युवाओं द्वारा इसका विरोध करते हुए हंगामा करने की भी कोशिश की गई, लेकिन पुलिस अफसरों ने उन्हें शांत कर दिया.

संजीव जीवा के पैतृक गांव आदमपुर में तैनात रही पुलिस फोर्स.
संजीव जीवा के पैतृक गांव आदमपुर में तैनात रही पुलिस फोर्स.



पिता की मौत पर गांव आया था जीवा
ग्रामीण फूल सिंह ने बताया कि 10 साल पहले उसके पिता ओमप्रकाश की मौत हो गई थी, जिसके बाद संजीव जीवा जेल से अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आया था. उस दौरान उसने अपने पिता का अंतिम संस्कार चंदन की लकड़ियों से कराया था. 10 सालों बाद अब गांव में उसका अंतिम संस्कार हो रहा है.

डॉक्टर बनना चाहता था जीवा
ग्रामीणों ने बताया कि संजीव जीवा डॉक्टर बनना चाहता था. इसी वजह से उसने शामली में एक डॉक्टर के यहां कंपाउडर के रूप में भी काम किया था, लेकिन इसके बाद वह अपराध के रास्ते पर चल दिया. हालांकि संजीव जीवा को मुख्तार अंसारी का करीबी शूटर बताया जाता था, उसके द्वारा वेस्ट यूपी में भी कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया गया था.

मां और सास ने उठाए सवाल
जीवा की मां कुंती देवी ने कहा कि उनके बेटे की हत्या कोर्ट में हुई है, इसमें पुलिस और प्रशासन की गलती है. उन्होंने कहा कि जो काम कोर्ट का है, उसे कोर्ट को ही करना चाहिए. उधर, सास राज बाला ने कहा कि हमें डर है कि उसकी बेटी पायल की भी हत्या हो सकती है. हमारी सरकार से गुजारिश है कि उसके साथ कुछ गलत ना हो, क्योंकि उसके बच्चे अभी काफी छोटे हैं.

मीडिया कर्मियों से की गई अभद्रता
संजीव की शव यात्रा और अंतिम संस्कार के दौरान उसके परिवार की महिलाओं द्वारा मीडियाकर्मियों से अभद्रता करते हुए उनके कैमरे तोड़ने की कोशिश की. ऐसा कई मीडिया कर्मियों के साथ किया गया. एक महिला द्वारा तो पुलिस से डंडा छीनने की भी कोशिश की गई, हालांकि पुलिस बार-बार उन्हें शांत करती हुई नजर आई.

इसे भी पढ़ें-संजीव माहेश्वरी हत्याकांड का नेपाल कनेक्शन, लखनऊ में शूटर को मिला था अमेरिकन रिवाल्वर

संजीव जीवा का अंतिम संस्कार किया गया.

शामली: लखनऊ की अदालत में हुई हत्या के बाद शामली के गांव आदमपुर में गुरुवार को कुख्यात संजीव जीवा का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान पूरा गांव छावनी में तब्दील रहा. गांव की प्रत्येक गतिविधियों पर पुलिस का पहरा रहा. यहां तक की अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों पर भी पुलिस की निगाहें गड़ी रही.



लखनऊ से एंबुलेंस में आदमपुर पहुंचा शव
गुरुवार की दोपहर करीब 3 बजकर 51 मिनट पर भारी सुरक्षा के बीच संजीव जीवा का शव एंबुलेंस के माध्यम से लखनऊ से शामली के गांव आदमपुर लाया गया. बाबरी थाना क्षेत्र के आदमपुर गांव में संजीव के पिता ओमप्रकाश का पैतृक मकान है, जो पिछले करीब 10 साल पहले पिता की मृत्यु के बाद से ही बंद पड़ा हुआ था. एक दिन पूर्व संजीव जीवा की हत्या के बाद ही परिजनों द्वारा गांव के इस मकान को खोला गया था, जिसमें संजीव के शव को कुछ देर के लिए रखा गया और धार्मिक क्रियाकलाप के बाद गांव में ही परिवार की संपत्ति पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया.

लखनऊ से एंबुलेंस से आदमपुर गांव पहुंचा संजीव जीवा का शव.
लखनऊ से एंबुलेंस से आदमपुर गांव पहुंचा संजीव जीवा का शव.



दिल्ली से गांव पहुंचा परिवार, पत्नी नहीं हुई शामिल
संजीव जीवा का शव पहुंचने से पहले सुबह के समय उसकी मां कुंती देवी और सास राजबाला परिवार की कुछ महिलाओं के साथ आदमपुर गांव में पैतृक मकान पर पहुंची. दोपहर के समय दिल्ली से संजीव जीवा के बेटे तुषार (18), हरिओम (16) और वीरभद्र(14) भी परिवार के साथ आदमपुर गांव में पहुंचे. हालांकि जीवा की पत्नी पायल अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुई. बड़े बेटे तुषार ने पिता को मुखाग्निी दी गई. इस दौरान चुंनिदा ग्रामीण ही अंतिम संस्कार में शामिल हो पाए.

जीवा के घर पर तैनात पुलिस.
जीवा के घर पर तैनात पुलिस.



अंतिम यात्रा में शामिल होने से रोका गया
आदमपुर गांव के ग्रामीणों ने बताया कि संजीव भले ही अपराधी रहा हो लेकिन गांव में उसके परिवार की किसी से कोई रंजिश नही थी. ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा उन्हें अंतिम यात्रा में शामिल होने से भी रोका जा रहा है, जबकि ग्राम समाज में इसे सही नहीं समझा जाता. उधर, गांव के ही कुछ युवाओं द्वारा इसका विरोध करते हुए हंगामा करने की भी कोशिश की गई, लेकिन पुलिस अफसरों ने उन्हें शांत कर दिया.

संजीव जीवा के पैतृक गांव आदमपुर में तैनात रही पुलिस फोर्स.
संजीव जीवा के पैतृक गांव आदमपुर में तैनात रही पुलिस फोर्स.



पिता की मौत पर गांव आया था जीवा
ग्रामीण फूल सिंह ने बताया कि 10 साल पहले उसके पिता ओमप्रकाश की मौत हो गई थी, जिसके बाद संजीव जीवा जेल से अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आया था. उस दौरान उसने अपने पिता का अंतिम संस्कार चंदन की लकड़ियों से कराया था. 10 सालों बाद अब गांव में उसका अंतिम संस्कार हो रहा है.

डॉक्टर बनना चाहता था जीवा
ग्रामीणों ने बताया कि संजीव जीवा डॉक्टर बनना चाहता था. इसी वजह से उसने शामली में एक डॉक्टर के यहां कंपाउडर के रूप में भी काम किया था, लेकिन इसके बाद वह अपराध के रास्ते पर चल दिया. हालांकि संजीव जीवा को मुख्तार अंसारी का करीबी शूटर बताया जाता था, उसके द्वारा वेस्ट यूपी में भी कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया गया था.

मां और सास ने उठाए सवाल
जीवा की मां कुंती देवी ने कहा कि उनके बेटे की हत्या कोर्ट में हुई है, इसमें पुलिस और प्रशासन की गलती है. उन्होंने कहा कि जो काम कोर्ट का है, उसे कोर्ट को ही करना चाहिए. उधर, सास राज बाला ने कहा कि हमें डर है कि उसकी बेटी पायल की भी हत्या हो सकती है. हमारी सरकार से गुजारिश है कि उसके साथ कुछ गलत ना हो, क्योंकि उसके बच्चे अभी काफी छोटे हैं.

मीडिया कर्मियों से की गई अभद्रता
संजीव की शव यात्रा और अंतिम संस्कार के दौरान उसके परिवार की महिलाओं द्वारा मीडियाकर्मियों से अभद्रता करते हुए उनके कैमरे तोड़ने की कोशिश की. ऐसा कई मीडिया कर्मियों के साथ किया गया. एक महिला द्वारा तो पुलिस से डंडा छीनने की भी कोशिश की गई, हालांकि पुलिस बार-बार उन्हें शांत करती हुई नजर आई.

इसे भी पढ़ें-संजीव माहेश्वरी हत्याकांड का नेपाल कनेक्शन, लखनऊ में शूटर को मिला था अमेरिकन रिवाल्वर

Last Updated : Jun 8, 2023, 7:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.