बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court ) ने दिल्ली के एक इवेंट मैनेजर वीरेन खन्ना (Delhi based event manager Viren Khanna) के खिलाफ मादक पदार्थ से जुड़े दो मामलों को रद्द कर दिया है. साथ ही इस मामले में बेंगलुरु पुलिस की कार्रवाई में खामियों को रेखांकित किया है. न्यायमूर्ति श्रीनिवास हरीश कुमार ने शुक्रवार को अपने आदेश में न केवल प्राथमिकी बल्कि, याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोपपत्र को भी रद्द करने की बात कही.
खन्ना ने दावा किया कि उन्हें 2 नवंबर, 2018 को नशीले पदार्थों की जब्ती के संबंध में प्राथमिकी संख्या 508/2018 में आरोपी संख्या 5 के रूप में फंसाया गया था. खन्ना ने यह भी कहा कि उन्हें एक अन्य आरोपी रविशंकर के बयानों के आधार पर कॉटनपेट थाने में दर्ज प्राथमिकी संख्या 109/2020 में आरोपी संख्या 4 के रूप में फंसाया गया था. उनके वकील ने तर्क दिया कि दो कथित घटनाएं अलग-अलग अपराध हैं और पुलिस को अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए थी.
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पीठ ने कहा, जब भी पुलिस को पिछले अपराधों का पता चलता है, तो वे अलग-अलग मामले और आरोप पत्र दायर कर सकते हैं, यदि सभी अपराधों को सीआरपीसी की धारा 219 के अनुसार संयुक्त रूप से नहीं माना जा सकता है.