नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को संदेह है कि रविवार को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुआ हमला मार्च में हुए हमले से जुड़ा हो सकता है.
रविवार का हमला तीन महीने से भी कम समय में दूसरा ऐसा हमला है जब खालिस्तानियों ने सैन फ्रांसिस्को को निशाना बनाया है. एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मार्च में हुए हमले में शामिल लोगों का रविवार को हुए हमले में भी हाथ हो सकता है.
गौरतलब है कि जांच एजेंसी पहले से ही मार्च हमले की जांच कर रही है. सूत्रों ने कहा, एनआईए रविवार की घटना को भी अपने हाथ में ले सकती है. रविवार को संदिग्ध खालिस्तानी समर्थकों ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास के एक हिस्से में आग लगा दी. खुफिया एजेंसियों को संदेह है कि यह हमला 18 जून को कनाडा में खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की मौत से जुड़ा है.
मार्च में, भारत में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह के खिलाफ अभियान शुरू करने के बाद खालिस्तानी समर्थकों ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़ की थी.
इस बीच, एनआईए ने मंगलवार को अमृतसर में पाकिस्तान प्रायोजित नार्को आतंक मामले में आरोपी दो भाइयों के घर की कुर्की की. एनआईए ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 25 (1) के तहत बिक्रमजीत सिंह उर्फ बिक्रम सिंह उर्फ विक्की और मनिंदर सिंह उर्फ मणि की आवासीय संपत्तियों को जब्त कर लिया है.
दोनों को पहले एनआईए ने गिरफ्तार किया था. एनआईए ने मामले (आरसी-23/2022/एनआईए/डीएलआई) में यूएपीए, एनडीपीएस और आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत 13 आरोपियों के खिलाफ पहले ही चार आरोपपत्र दायर कर दिए हैं.
यह मामला पाकिस्तान से भारत में बड़ी मात्रा में ड्रग्स की तस्करी के लिए नार्को टेरर मॉड्यूल द्वारा रची गई साजिश से संबंधित है. तस्करी किए गए ड्रग्स की बिक्री से प्राप्त आय का उपयोग पंजाब में चल और अचल संपत्ति बनाने के अलावा कश्मीर घाटी में हिज्ब-उल-मुजाहिदीन के आतंकवादियों को वित्त पोषित करने के लिए किया जा रहा था.