संभल: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नवरात्रि पर प्रत्येक जिले को पूजा पाठ करने के लिए एक लाख रुपये देने की घोषणा की है. समाजवादी पार्टी ने इसे मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है. समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने इस पर आपत्ति करते हुए कहा कि क्या मजहबी काम भी सरकार ताकत से कराएगी? उन्होंने कहा कि मजहबी काम में दखल देना सियासी बात हो गई. इबादत और पूजा पैसों से नहीं की जाती है.
संभल लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि जहां तक इबादत और पूजा की बात है. यह पैसों से नहीं की जाती है. इंसान के दिल की जो भावनाएं हैं और दिल के जो हालात हैं उससे गलतियां होती हैं, गुनाह होते हैं. उनको खत्म करने के लिए माफी बगैर पैसों के मांगी जाती है. यह कोई तरीका नहीं है. इसमें भी आप सियासत को दखल दे रहे हैं. आप पैसे देकर पूजा-पाठ करा रहे हैं. एसपी सांसद ने कहा कि पैसों से पूजा ही कब होगी. पूजा तो वह है, जो आदमी दिल से करे और खुद से करे. मुसलमान जो नमाज पढ़ते हैं, उन्हें कोई पैसा नहीं देता है. लेकिन, अपने गुनाहों की गलती के लिए हम अल्लाह को याद करते हैं. उससे माफी मांगी जाती है. जो भी तरीका जिस धर्म में है. वह मजहबी तौर पर करें. लेकिन, पैसों से पूजा कराने से वह पूजा नहीं होती है.
सपा सांसद ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या मजहबी काम भी सरकार ताकत से कराएगी. मजहबी काम में दखल देना सियासी बात हो गई. वह मजहबी कहां रह गया. नवरात्रि पर लाखों रुपये खर्च करने के लिए डीएम, कमिश्नर सहित तमाम अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. इस बात से यह सियासी फायदा उठाना चाहते हैं. जनता में हिंदू राष्ट्र का मैसेज देने के लिए सरकार यह सब कर रही है. सरकार हिंदू मुस्लिम कर केवल नफरत फैला कर दूरियां पैदा कर रही है. अपने डिफेंस के लिए हर कौम और हर बिरादरी की जरूरत होती है. लेकिन, इस तरह के हालात पैदा करना कि एक बिरादरी का नारा देकर आप सरकार को चलाना चाहते हैं. ऐसा नहीं होगा, यह जम्हूरियत है. यहां एक मजहब और एक बिरादरी के लोग तो रहते नहीं हैं. तो फिर सब धर्मों पर एक चीज क्यों लादना चाहते हैं ? नवरात्रि पर सरकारी खर्चे से पूजा-पाठ कराने की सरकार की योजना पर सपा सांसद ने कुछ इस तरह से सवाल खड़े किए हैं.
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