सोलन: अर्की का राज्यस्तरीय सायर मेला 17 से 19 सितंबर तक (Sair Fair Arki) मनाया जाएगा. उत्सव को लेकर व्यापारियों और स्थानीय लोगों में खासा उत्साह है लेकिन जिले के अनेकों अधिकारियों के लिए मामले में इसका बिल्कुल उलट होगा. लोग मेले में घूम कर आनंद उठाएंगे, व्यापारियों को अच्छा व्यापार मिलेगा लेकिन अधिकारियों को लाखों रुपए इकट्ठा करने का सरकारी (officials to collect money for Sair Fair) फरमान आ गया है.
अधिकारियों को अपने स्तर पर जुटानी होगी रकम: तीन पन्नों के जारी आर्डर में विभिन्न विभागों के 25 अधिकारियों को 1 से 10 लाख रुपए प्रति अधिकारी इकट्ठा कर जारी अकाउंट नंबर में जमा करने के आदेश हुए हैं. बता दें कि सब मिलाकर कुल राशि 1.41 करोड़ बनती है जिसे अधिकारियों को अपने स्तर पर जुटाना होगा. इनमें सबसे अधिक राशि जिले के लीड बैंक के कंधे पर है जिन्हें 20 लाख रुपए का टारगेट मिला है.
इन अधिकारियों को जमा करने हैं 10 लाख रुपए: अधीक्षण अभियंता (HPPWD, JSV और हिमाचल राज्य इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड सोलन), असिस्टेंट रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसाइटी सोलन उपायुक्त, राज्य आबकारी एवं कराधान विभाग सोलन और बद्दी जिला माइनिंग अधिकारी सोलन, जिला पर्यटन विकास अधिकारी सोलन
ये अधिकारी जुटाएंगे 5 लाख रुपए: मंडल वन अधिकारी, कुनिहार मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सोलन सचिव, नगर पंचायत अर्की डिविजनल मैनेजर (सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन सोलन) डिविजनल मैनेजर, हिमाचल फारेस्ट कॉर्पोरेशन, सोलन अधिशाषी अभियंता (जल शक्ति विभाग और बिजली बोर्ड, अर्की) सचिव, एपीएमसी सोलन खंड विकास अधिकारी कुनिहार इसके अलावा अन्य अधिकारियों को 1 से 2 लाख रुपए जुटाकर देने का फरमान है जिनमें विभिन्न विभागों के 8 अधिकारी शामिल हैं.
आखिर अधिकारी कहां से जुटाएंगे राशि: हैरान करने वाली बात तो ये है कि यह धनराशि आखिर अधिकारी जुटाएंगे कहां से, क्या अपनी जेबों से भरेंगे? ऐसा तो मुमकिन नहीं है. सवाल यह उठता है कि आखिर यह अधिकारी राशि जुटाएंगे कहां से? जाहिर है कि जिन लोगों को अधिकारी (officials to collect money for Sair Fair) अपने कार्यकाल में लाभ पहुंचा रहे हैं या पहुंचा सकते हैं उन्हीं लोगों से यह पैसा इकट्ठा किया जाएगा. सरकार यह बात अच्छे से जानती ही होगी तभी इन अधिकारियों को यह टारगेट मिले हैं.
यह सभी विभाग वही हैं, जिनसे लाभ कमाए जा सकते हैं. उदाहरण के तौर पर माइनिंग, पर्यटन, एक्साइज जैसे विभागों के अधिकारियों को सबसे अधिक 10 लाख रुपये प्रति अधिकारी टारगेट दिया गया है. अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारियों को कई मेलों और कार्यक्रमों में इस तरह के फरमान मिलते ही होंगे. इससे पहले सोलन में राज्यस्तरीय मां शूलिनी मेला भी हो चुका है. हो सकता है इसमें भी अधिकारियों को यह टारगेट मिले हों.
सरकार क्या करेगी?: दूसरी बड़ी हैरानी तब होती है जब यह समझ आता है कि जैसे माइनिंग अधिकारी अवैध माइनिंग करने वालों को लाभ पहुंचा सकता है तो वह उन्हीं किसी से लेकर ही यह टारगेट पूरा कर सकता है. वरना अधिकारी अपनी जेब से तो पैसा नहीं जुटा पाएगा. इस खबर के सामने आने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं, जिनमें से एक यह भी है कि जब अधिकारियों को अपने स्तर पर ही धनराशि जुटानी है तो आखिर सरकार इस मेले को सफल बनाने के लिए क्या कार्य करेगी. क्या अधिकारियों के बलबूते जमा किए गए पैसों से आयोजित हो रहे कार्यक्रम में सरकार वाहवाही लूटेगी? क्या अधिकारी बिना किसी अवैध तरीके के यह राशि जुटा पाएंगे?
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