हरिद्वार : धर्म संसद हेट स्पीच मामले में जितेंद्र सिंह त्यागी की गिरफ्तारी के खिलाफ (Against the arrest of Jitendra Singh Tyagi) धर्म संसद के संत स्वामी यति नरसिंहानंद गिरि और स्वामी अमृतानंद अन्न-जल त्याग कर सर्वानंद घाट पर धरने पर बैठ गए हैं. स्वामी यति नरसिंहानंद गिरि का कहना है कि एक विशेष वर्ग को खुश करने के लिए वसीम रिजवी को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने घोषणा की है कि जब तक उनको छोड़ा नहीं जाता, वह धरने पर बैठे रहेंगे.
उनका कहना है कि वसीम रिजवी से बड़ा अपराध तो उन्होंने किया है, फिर उन्हें क्यों गिरफ्तार नहीं किया गया? गौरतलब है कि जितेंद्र सिंह त्यागी को गुरुवार को नारसन बॉर्डर से हरिद्वार पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया. जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने कहा कि जितेंद्र त्यागी निर्दोष हैं. उन्हें बिना मतलब केवल किसी विशेष वर्ग को खुश करने के लिए जेल में डाला गया है. हम इसका विरोध कर रहे हैं और जब तक वह जेल से बाहर नहीं आ जाते, तब तक हम यहीं बैठे रहेंगे.
उन्होंने कहा कि जिस अपराध के लिए उन्हें जेल भेजा गया है, वह अपराध बहुत सारे लोगों ने मिलकर किया है. यदि आप को जेल भेजना ही है तो सभी संतों को जेल भेज दीजिए. उन्होंने कहा कि जब हमारे खिलाफ लोगों ने बोला उनके खिलाफ न तो कोई मुकदमा दर्ज किया और न ही कोई कार्रवाई की. इस तरह का भेदभाव हिंदूवादी सरकारों में नहीं होना चाहिए.
ये है पूरा मामला
हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर के बीच धर्म संसद का आयोजन किया गया था. इसमें वक्ताओं द्वारा कथित तौर पर विशेष धर्म समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया गया था. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था. इसी वीडियो के आधार पर हरिद्वार के ज्वालापुर थाना क्षेत्र के रहने वाले नदीम ने वसीम रिजवी के खिलाफ हरिद्वार शहर कोतवाली में तहरीर दी थी, जिसके आधार पुलिस ने वसीम रिजवी के खिलाफ IPC की धारा 153ए, 298 में मुकदमा दर्ज किया था.
बाद में पुलिस ने वायरल वीडियो क्लिप के आधार पर महामंडलेश्वर धरमदास परमानंद और महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती के नाम भी केस दर्ज किया था. इसके बाद सागर सिंधु महाराज, यति नरसिंहानंद गिरि, आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण और प्रमोधानंद गिरि का नाम भी FIR में जोड़ा गया था. इस मामले में बुधवार 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई थी.
कोर्ट ने भी राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का भी गठन हुआ है, जो इस मामले की जांच कर रही है. वसीम रिजवी के गिरफ्तारी पर हरिद्वार एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत ने बताया था कि रिजवी पर तीन मामले दर्ज हैं. ये गिरफ्तारी तीसरे मामले में हुई है. रिजवी को काफी समय से नोटिस दिया जा रहा था, लेकिन वो जवाब नहीं दे रहे थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.
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गौर हो कि, वसीम रिजवी मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले हैं. साल 2000 में वह लखनऊ के मोहल्ला कश्मीरी वार्ड से सपा के नगर सेवक चुने गए. 2008 में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य और फिर बाद में बोर्ड के अध्यक्ष बने. वसीम रिजवी ने कुरान से 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था साथ ही याचिका को लेकर वसीम रिजवी पर जुर्माना भी लगाया था.