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प्रतीकात्मक महाकुंभ पर संत नाराज, कुछ अखाड़ों ने पीएम की अपील का किया स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ मेले को प्रतीकात्मक रूप से करने के लिए साधु-संतों से अपील की गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि से और कई साधु संतों से फोन के माध्यम से महाकुंभ को लेकर चर्चा की.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
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Published : Apr 17, 2021, 7:58 PM IST

हरिद्वार : कोरोना संक्रमण की चिंता के चलते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया पर महाकुंभ को लेकर जारी की गई अपील पर संतों की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही. बैरागी संतों ने प्रधानमंत्री की अपील पर सवाल उठाए हैं कि प्रतिकात्मक क्या होता है वे ही बताएं?

कुछ संत पीएम की अपील से असहमत.

निर्वाणी अणि अखाड़े के अध्यक्ष महंत धर्मदास ने कहा कि आगामी 27 अप्रैल को होने वाला शाही स्नान देवी-देवताओं का है. जिसमें प्रतिकात्मक कुछ भी नहीं होता, यहां देवता प्रयत्क्ष रूप से स्नान करते हैं. साथ ही सभी संत भी प्रत्यक्ष रूप से ही स्नान करते हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ही सवाल किया कि वे ही बताएं की स्नान में प्रतिकात्मक क्या होता है ?

उन्होंने कहा कि जब हमने वैक्सीन बना ली है तो महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को जगह-जगह क्यों रोका जा रहा है. इसके साथ ही शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ महाराज ने भी कहा कि महाकुंभ को लेकर तरह तरह की बातें सामने आ रही हैं. उन्होंने कहा कि कुंभराज आज्ञा सें नही चलते. यह तो ग्रह नक्षत्रों के संयोग के चलते मनाये जाते हैं. राजनेताओं को धर्म के कार्य में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि महाकुंभ जब तक निर्धारित है, तभी तक निर्विघ्न चलेगा. उन्होंने कहा कि हम सरकार का सहयोग कर रहे है और अपने साधु-संतों और श्रद्धालुओं से कोविड से बचाव के नियमों का पालन करते हुए ही गंगा स्नान को कर रहे है.

जूना अखाड़े ने किया पीएम की अपील का समर्थन.

पढ़ें- PM मोदी की अपील का जूना अखाड़े ने किया समर्थन, अब प्रतीकात्मक होगा महाकुंभ

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी जताया विरोध

जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी कहा है कि हरिद्वार महाकुंभ हजारों करोड़ों हिंदुओं की आस्था का पर्व है. इस पर्व से उन्हें वंचित करने का किसी को अधिकार नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए ट्वीट पर बोलते हुए अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि चुनावी रैलियों के दौरान सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को भाषण तो पीएम सुना रहे हैं, लेकिन हरिद्वार में हो रहे महाकुंभ को प्रतीकात्मक करने की बात कर रहे हैं जो कि बिल्कुल गलत है.

पीएम मोदी का ट्वीट.
पीएम मोदी का ट्वीट.

पढ़ें- पूर्णागिरि धाम में 4G सेवा की शुरुआत, सीएम ने वर्चुअली किया शुभारंभ

कुछ संतों ने किया पीएम का समर्थन

उधर, संन्यासी अखाड़ों के साधु संतों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का स्वागत किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि से फोन पर वार्ता की थी. अवधेशानंद गिरि द्वारा भी महाकुंभ मेले को प्रतीकात्मक रूप से मनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का स्वागत किया.

जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मेरी फोन पर चर्चा हुई है. उनके द्वारा साधु-संतों के हालचाल जाने गए, क्योंकि प्रधानमंत्री काफी भावुक व्यक्ति हैं. उनके द्वारा पूछा गया संतों का कैसा स्वास्थ्य है और अखाड़ों में किस तरह की दिनचर्या चल रही है. मेरे द्वारा उनको कहा गया सभी साधु-संत स्वस्थ हैं.

महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने कहा कि मैंने पीएम मोदी को बताया कि बाहर से काफी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार आए थे. गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, छत्तीसगढ़ में कोरोना का प्रकोप है. हो सकता है कि वहां के श्रद्धालु कोरोना संक्रमण होकर आए होंगे. लेकिन महाकुंभ से कोरोना नहीं फैला. महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि का कहना है कि धर्म और आस्था बड़ी चीज है. लेकिन पर उससे बड़े प्राण हैं. अब धीरे-धीरे हमें सभी बड़े आयोजन को प्रतीकात्मक करने चाहिए.

हरिद्वार : कोरोना संक्रमण की चिंता के चलते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया पर महाकुंभ को लेकर जारी की गई अपील पर संतों की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही. बैरागी संतों ने प्रधानमंत्री की अपील पर सवाल उठाए हैं कि प्रतिकात्मक क्या होता है वे ही बताएं?

कुछ संत पीएम की अपील से असहमत.

निर्वाणी अणि अखाड़े के अध्यक्ष महंत धर्मदास ने कहा कि आगामी 27 अप्रैल को होने वाला शाही स्नान देवी-देवताओं का है. जिसमें प्रतिकात्मक कुछ भी नहीं होता, यहां देवता प्रयत्क्ष रूप से स्नान करते हैं. साथ ही सभी संत भी प्रत्यक्ष रूप से ही स्नान करते हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ही सवाल किया कि वे ही बताएं की स्नान में प्रतिकात्मक क्या होता है ?

उन्होंने कहा कि जब हमने वैक्सीन बना ली है तो महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को जगह-जगह क्यों रोका जा रहा है. इसके साथ ही शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ महाराज ने भी कहा कि महाकुंभ को लेकर तरह तरह की बातें सामने आ रही हैं. उन्होंने कहा कि कुंभराज आज्ञा सें नही चलते. यह तो ग्रह नक्षत्रों के संयोग के चलते मनाये जाते हैं. राजनेताओं को धर्म के कार्य में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि महाकुंभ जब तक निर्धारित है, तभी तक निर्विघ्न चलेगा. उन्होंने कहा कि हम सरकार का सहयोग कर रहे है और अपने साधु-संतों और श्रद्धालुओं से कोविड से बचाव के नियमों का पालन करते हुए ही गंगा स्नान को कर रहे है.

जूना अखाड़े ने किया पीएम की अपील का समर्थन.

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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी जताया विरोध

जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी कहा है कि हरिद्वार महाकुंभ हजारों करोड़ों हिंदुओं की आस्था का पर्व है. इस पर्व से उन्हें वंचित करने का किसी को अधिकार नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए ट्वीट पर बोलते हुए अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि चुनावी रैलियों के दौरान सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को भाषण तो पीएम सुना रहे हैं, लेकिन हरिद्वार में हो रहे महाकुंभ को प्रतीकात्मक करने की बात कर रहे हैं जो कि बिल्कुल गलत है.

पीएम मोदी का ट्वीट.
पीएम मोदी का ट्वीट.

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कुछ संतों ने किया पीएम का समर्थन

उधर, संन्यासी अखाड़ों के साधु संतों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का स्वागत किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि से फोन पर वार्ता की थी. अवधेशानंद गिरि द्वारा भी महाकुंभ मेले को प्रतीकात्मक रूप से मनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का स्वागत किया.

जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मेरी फोन पर चर्चा हुई है. उनके द्वारा साधु-संतों के हालचाल जाने गए, क्योंकि प्रधानमंत्री काफी भावुक व्यक्ति हैं. उनके द्वारा पूछा गया संतों का कैसा स्वास्थ्य है और अखाड़ों में किस तरह की दिनचर्या चल रही है. मेरे द्वारा उनको कहा गया सभी साधु-संत स्वस्थ हैं.

महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने कहा कि मैंने पीएम मोदी को बताया कि बाहर से काफी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार आए थे. गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, छत्तीसगढ़ में कोरोना का प्रकोप है. हो सकता है कि वहां के श्रद्धालु कोरोना संक्रमण होकर आए होंगे. लेकिन महाकुंभ से कोरोना नहीं फैला. महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि का कहना है कि धर्म और आस्था बड़ी चीज है. लेकिन पर उससे बड़े प्राण हैं. अब धीरे-धीरे हमें सभी बड़े आयोजन को प्रतीकात्मक करने चाहिए.

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