शिरडी (अहमदनगर): साईं बाबा मंदिर की दानपेटी में जमा किए गए 450 किलोग्राम सोने में से 155 किलोग्राम सोना और 6 हजार किलोग्राम चांदी को पिघलाकर पदक और सिक्के बनाए जाएंगे. इसके लिए सरकार से इजाजत मांगी गई है. देशभर के प्रसिद्ध मंदिरों में शिरडी के साईंबाबा मंदिर का नाम लिया जाता है. शिरडी के साईं बाबा के दर्शन के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं. ये भक्त अपना दान साईं बाबा को दान पेटी में चढ़ाते हैं.
साईं संस्थान को मिलने वाला दान करोड़ों में है. इसमें सोना और चांदी भी शामिल है. साईंबाबा संस्थान की ओर से साईं भक्तों को सुख-सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए-नए प्रयोग भी किए जाते हैं. साईं संस्थान के खजाने में आस्था के मुताबिक कभी नकद तो कभी सोना-चांदी का दान बड़ी मात्रा में जमा होता है.
साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट के पास लगभग 450 किलोग्राम सोना और 6000 किलोग्राम चांदी उपलब्ध है. माना जाता है कि तुलजापुर स्थित संस्थान भक्तों के लिए सिक्के और पदक बनाने के लिए सोने और चांदी को पिघलाने पर भी विचार कर रहा है. इसी पृष्ठभूमि में तुलजापुर संस्थान की एक टीम ने शिरडी में साईंबाबा संस्थान के अधिकारियों से मुलाकात की है.
जब इस बारे में साईंबाबा संस्थान के अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि साईंबाबा संस्थान 155 किलो सोना और 6 हजार किलो चांदी को पिघलाकर उससे सिक्के और मेडल भी बनाने जा रहा है. इसमें 5 ग्राम वजन और 10 ग्राम सोने के साईंबाबा पदक बनाए जाएंगे. 5 ग्राम और 10 ग्राम वजन के सिक्के भी बनाए जाएंगे. साईंबाबा संस्थान को अब तक 450 किलो सोना और 6 हजार किलो चांदी दान में दी जा चुकी है.
साई इंस्टीट्यूट ने सरकार से 155 किलो सोना और 6 हजार किलो चांदी को पिघलाकर उससे मेडल और सिक्के बनाने की अनुमति देने का अनुरोध किया है. साईं संस्थान की ओर से कहा गया है कि सरकार से इजाजत मिलने के बाद इस सोने और चांदी को पिघलाकर इससे मेडल और सिक्के बनाए जाएंगे.