नई दिल्ली: साहित्य अकादमी ने गुरुवार को साहित्य अकादमी पुरस्कार 2022 की घोषणा कर दी है. कविता संग्रह 'तुमड़ी के शब्द' के लिए हिंदी के प्रसिद्ध कवि बद्री नारायण को साहित्य अकादमी अवार्ड देने की घोषणा की गई. वहीं, अंग्रेजी उपन्यास ऑल द लाइक्स वी नेवर लिव्ड के लिए अनुराधा रॉय, तमिल उपन्यास काला पानी के लिए एम. राजेंद्रन को अवार्ड देने की घोषणा की गई है. पुरस्कार 1 जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2020 के दौरान पहली बार प्रकाशित पुस्तकों पर दिया गया है.
अकादमी हर साल मान्यता प्राप्त 24 भारतीय भाषाओं में उत्कृष्ट पुस्तकों के लिए वार्षिक पुरस्कारों और अनुवाद पुरस्कार की घोषणा करती है. अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने इसकी घोषणा की. 23 भारतीय भाषाओं के लिए घोषित इन पुरस्कारों में सात कविता संग्रह, छह उपन्यास, दो कहानी संग्रह, दो साहित्यिक समालोचना, तीन नाटक, एक आत्मकथात्मक निबंध, एक संक्षिप्त सिंधी साहित्य इतिहास तथा एक लेख संग्रह की पुस्तकें शामिल हैं. बांग्ला भाषा के पुरस्कार की घोषणा बाद में की जाएगी.
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इनको मिला पुरस्कार
- कविता : रश्मि चौधरी (बर), बद्री नारायण (हिंदी), अजित आजाद (मैथिली), कोइजम शांतिबाला (मणिपुरी), गायत्रीबाला पांडा (ओडिआ), जनार्दन प्रसाद पाण्डेय 'मणि' (संस्कृत), कजली सोरेन (संताली).
- कहानीः मनोज कुमार गोस्वामी (असमिया), सुखजीत (पंजाबी).
- उपन्यासः अनुराधा रॉय (अंग्रेजी), माया अनिल खरंगटे (कोंकणी), प्रवीण दशरथ बांदेकर (मराठी), एम. राजेंद्रन (तमिल), मधुरांतकम नरेंद्र (तेलगु), अनीस अशफाक (उर्दू).
- साहित्यिक समालोचनाः फारूक फयाज (कश्मीरी) और एम. थॉमस मैथ्यू ( मलयालम).
- नाटक: वीणा गुप्ता (डोगरी), केबी नेपाली (नेपाली), कमल रंगा (राजस्थानी).
- आत्मकथात्मक निबंधः गुलाम मोहम्मद शेख (गुजराती).
- लेख संग्रहः मुडनाकुडु चिन्नास्वामी (कन्नड) तथा संक्षिप्त सिंधी साहित्य इतिहास के लिए कन्हैयालाल लेखवाणी (सिंधी) को पुरस्कृत किया गया है.
हिंदी में अब तक इन्हें मिला है पुरुस्कार
साल 2021 में हिंदी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार वरिष्ठ लेखक दया प्रकाश सिन्हा को दिया गया था. उन्हें यह पुरस्कार उनके नाटक ‘सम्राट अशोक’ के लिए दिया गया था. साहित्य अकादमी पुरस्कार 2020 में हिंदी की लेखिका अनामिका को पुरस्कार के लिए चुना गया. वहीं, हिंदी भाषा में नंद किशोर अचार्य को साहित्य अकादमी पुरस्कार 2019 से नवाजा गया है. यह पुरस्कार उन्हें उनकी कविता ‘छीलते हुए अपने को’ के लिए दिया गया है. वहीं, साल 2018 में हिन्दी में लेखिका चित्रा मुद्गल को उनके उपन्यास ‘पोस्ट बॉक्स नं. 203-नाला सोपारा’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था.
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